Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

'भारत के नहीं हैं रोहिंग्या और बांग्लादेशी...', महाराष्ट्र पुलिस ने HC में किया नीतेश राणे का बचाव; ये है पूरा मामला

महाराष्ट्र पुलिस ने बांबे HC को बताया कि रोहिंग्या और बांग्लादेशी भारत के नहीं हैं और वह इस देश में अवैध रूप से आए हैं। कहा कि नीतेश राणे समेत अन्य भाजपा नेताओं के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने की धाराएं नहीं लगाने वाले हैं। इन भाजपा नेताओं ने अपने भाषणों में रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों के खिलाफ बातें कहीं हैं जो किसी भारतीय या अन्य समुदाय के खिलाफ नहीं हैं।

By Agency Edited By: Sonu Gupta Updated: Tue, 09 Jul 2024 06:04 PM (IST)
Hero Image
नीतेश राणे समेत भाजपा नेताओं ने धार्मिक भावनाएं नहीं भड़काईं-बांबे हाई कोर्ट को पुलिस ने बताया। फाइल फोटो।

पीटीआई, मुंबई। महाराष्ट्र पुलिस (Maharashtra Police) ने बांबे हाई कोर्ट (Bombay High Court) को मंगलवार को बताया कि वह नीतेश राणे समेत अन्य भाजपा नेताओं के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने की धाराएं नहीं लगाने वाले हैं। चूंकि इन भाजपा नेताओं ने अपने भाषणों में रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों के खिलाफ बातें कहीं हैं जो किसी भारतीय या अन्य समुदाय के खिलाफ नहीं हैं।

रोहिंग्या और बांग्लादेशी भारत के नहीं हैं और वह इस देश में अवैध रूप से आए हैं, इसलिए उनके संभाषण से किसी भारतीय या किसी समुदाय की भावनाएं आहत नहीं होती हैं।

सरकारी वकील ने क्या कहा?

सरकारी वकील हितेन वेनेगांवकर ने मंगलवार को जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और श्याम चंदक की खंडपीठ को बताया कि चार में से तीन मामलों पर भाजपा नेता नीतीश राणे पर किसी वर्ग या संप्रदाय के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने की धारा नहीं लगाई गई है। संबंधित इलाकों के पुलिस कमिश्नर ने राणे के भाषणों की प्रतिलिपि पढ़ी और यह निष्कर्ष निकाला है कि 259ए के तहत दर्ज केस इस धारा में फिट नहीं बैठता है। इसलिए इस धारा के तहत कोई भी मामला नहीं आता है।

भारत के नहीं है रोहिंग्याः सरकार

भाजपा नेता का पूरा भाषण रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों के खिलाफ है जो भारत के नहीं हैं। इसलिए इससे भारतीयों की भावनाएं भड़कने का सवाल ही नहीं उठता है। ऐसे शब्दों के उच्चारण से किसी भारतीय या किसी समुदाय की भावनाएं आहत नहीं होती हैं। यह दलील सुनकर खंडपीठ ने बयान को स्वीकार कर लिया और इस बात का संज्ञान लिया कि पुलिस कमिश्नर ने भाषण को पूरा देखा है।

अदालत ने यह भी संज्ञान लिया कि आरोपपत्र केवल मीरा भयंदर के कश्मीरा पुलिस स्टेशन में दायर हुआ है। बाकी तीन मामलों में आरोप पत्र तीन हफ्ते में दायर करने को कहा है।

राणे के खिलाफ चार मामले किए गए हैं दर्ज

उल्लेखनीय है कि राणे के खिलाफ चार केस दर्ज किए गए हैं, जिनमें उन पर रैलियों के दौरान अपने भाषण से धार्मिक समूहों के बीच विद्वेष और वैमनस्य फैलाने का आरोप लगाया गया है।

भाजपा नेता के खिलाफ मनखुर्द पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता के तहत एक केस दर्ज है, जिसमें पुलिस ने उन पर 295ए (किसी वर्ग या संप्रदाय के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने) की धारा भी लगाई है।

यह भी पढ़ेंः

'वकील बनना है तो पढ़ाई करें...', सुनवाई के दौरान भड़क गए CJI चंद्रचूड़; दे डाली नसीहत