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Maratha Reservation: चौथे दिन भी अनशन पर मनोज जरांगे, बोलें- सरकार को हमारी दुर्दशा की जरा भी चिंता नहीं; मराठा समुदाय सिखाएगा सबक

आरक्षण की मांग कर रहे जरांगे ने मध्य महाराष्ट्र के जालना जिले में स्थित अपने अंतरवाली सरती गांव में फिर से भूख हड़ताल शुरू कर दी है। मनोज जरांगे ने मंगलवार को डॉक्टरों की सलाह के बावजूद नसों के माध्यम से तरल पदार्थ लेने से इनकार कर दिया है। जरांगे ने संवाददाताओं से कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार को हमारी दुर्दशा की जरा भी चिंता नहीं है।

By Versha Singh Edited By: Versha Singh Updated: Tue, 11 Jun 2024 01:22 PM (IST)
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Maratha Reservation: चौथे दिन भी अनशन पर मनोज जरांगे
पीटीआई, जालना (महाराष्ट्र)। मराठा आरक्षण से संबंधित मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मंगलवार को डॉक्टरों की सलाह के बावजूद नसों के माध्यम से तरल पदार्थ लेने से इनकार कर दिया।

ओबीसी श्रेणी के तहत मराठों के लिए आरक्षण की मांग कर रहे जरांगे ने मध्य महाराष्ट्र के जालना जिले में स्थित अपने अंतरवाली सरती गांव में फिर से भूख हड़ताल शुरू कर दी है।

डॉक्टरों की सलाह के बाद भी तरल पदार्थ से किया मना

सरकारी ग्रामीण अस्पताल की एक टीम ने सुबह उनकी जांच की। एक डॉक्टर ने मीडिया को बताया कि उनका रक्तचाप और शुगर का स्तर कम था और उन्हें नसों के माध्यम से तरल पदार्थ लेने की सलाह दी गई।

हालांकि, जरांगे ने कहा कि वह कोई IV फ्लूइड नहीं लेंगे।

मराठा समुदाय सरकार को सिखाएगा सबक- जरांगे

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ऐसा लगता है कि सरकार को हमारी दुर्दशा की जरा भी चिंता नहीं है। मराठा समुदाय उन्हें सबक सिखाएगा।

महाराष्ट्र के मंत्री और ओबीसी नेता छगन भुजबल के इस बयान के बारे में पूछे जाने पर कि सरकार द्वारा मराठों को दिया गया 10 प्रतिशत आरक्षण न्यायिक जांच में खरा उतरेगा, कार्यकर्ता ने कहा कि भुजबल को इस मुद्दे में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।

जरांगे मांग कर रहे हैं कि मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र दिया जाना चाहिए। कुनबी एक कृषि प्रधान समुदाय है, जिसे ओबीसी का दर्जा प्राप्त है।

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