दो राज्यों में बंटा है ये रेलवे स्टेशन, एक राज्य में मिलता है टिकट तो दूसरे में बैठते हैं स्टेशन मास्टर
महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले में नवापुर रेलवे स्टेशन एक अनूठा रेलवे स्टेशन है जिसका एक हिस्सा गुजरात के तापी जिले में और दूसरा हिस्सा महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले में है। यह गुजरात और महाराष्ट्र की सीमा को एक साथ छूने वाला एकमात्र रेलवे स्टेशन है।
By Jagran NewsEdited By: Versha SinghUpdated: Sun, 09 Apr 2023 08:00 AM (IST)
नंदुरबार (महाराष्ट्र), एजेंसी। महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले में नवापुर रेलवे स्टेशन, एक अनूठा रेलवे स्टेशन है, जिसका एक हिस्सा गुजरात के तापी जिले में और दूसरा हिस्सा महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले में है। यह गुजरात और महाराष्ट्र की सीमा को एक साथ छूने वाला एकमात्र रेलवे स्टेशन है।
जानें रेलवे स्टेशन के पीछे की पूरी कहानी
नवापुर रेलवे स्टेशन को दो राज्यों में बांटे जाने के पीछे एक कहानी है, दरअसल जब यह स्टेशन बना था तब महाराष्ट्र और गुजरात का बंटवारा नहीं हुआ था, बल्कि 1 मई 1961 को जब मुंबई प्रांत का बंटवारा हुआ था,
इसे दो राज्यों महाराष्ट्र और गुजरात में विभाजित किया गया था। इसी बंटवारे में दोनों राज्यों के बीच नवापुर स्टेशन आया और तभी से इसकी एक अलग पहचान है।
बेंच का आधा हिस्सा महाराष्ट्र और आधा गुजरात में
इस स्टेशन पर एक बेंच भी है, जिसका आधा हिस्सा महाराष्ट्र में और आधा गुजरात में है। इस बेंच पर बैठने वालों को यह ध्यान रखना होता है कि वे किस राज्य में बैठे हैं, इस स्टेशन पर एक सेल्फी प्वाइंट बनाया गया है, जहां दूर-दूर से लोग फोटो खिंचवाने आते हैं।
इस स्टेशन की टिकट खिड़की महाराष्ट्र में पड़ती है, जबकि स्टेशन मास्टर गुजरात में बैठते हैं, इतना ही नहीं इस स्टेशन पर चार अलग-अलग भाषाओं में अनाउंसमेंट भी होता है।
4 भाषाओं में मिलती है जानकारी
जानकारी चार भाषाओं हिंदी, गुजराती अंग्रेजी और मराठी में भी लिखी गई है, इसलिए महाराष्ट्र और गुजरात दोनों से आने वाले यात्रियों को समझना आसान है।नवापुर रेलवे स्टेशन की कुल लंबाई 800 मीटर है, इसमें से 300 मीटर महाराष्ट्र में और 500 मीटर गुजरात में पड़ता है। इस स्टेशन में तीन प्लेटफार्म और चार रेलवे ट्रैक हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।