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नखरेबाज ट्रेनी IAS का खुलने लगा पुराने विवादों का पिटारा, पूजा को शोशेबाजी पड़ी भारी! सरकार ने लिया बड़ा एक्शन

Trainee IAS Pooja Khedkar महाराष्ट्र की ट्रेनी IAS पूजा खेडकर लगातार विवादों में घिरती नजर आ रही हैं। निजी गाड़ी में नीली-लाल बत्ती लगाने के आरोपों के बाद अब उनके पुराने विवाद भी सामने आने लगे हैं। यूपीएससी पास करने में भी फर्जीवाड़े के आरोप उन पर लग रहे हैं। सरकार भी इसे लेकर गंभीर हो गई है और कार्रवाई शुरू कर दी है।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Thu, 11 Jul 2024 07:10 PM (IST)
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पूजा का ट्रांसफर वाशिम में कर दिया गया है। (File Image)

राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र की विवादित प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने पुणे से स्थानांतरण के बाद नए जिले वाशिम में अपना कार्यभार संभाल लिया है, लेकिन पुणे में उनके द्वारा की गई शोशेबाजी उन्हें भारी पड़ सकती है, क्योंकि अब अतीत में की गई उनकी गलतियां सामने आने लगी हैं।

2023 बैच की आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने प्रशिक्षु के रूप में पुणे जिलाधिकारी कार्यालय में तैनाती के दौरान अपनी निजी ऑडी कार पर लाल बत्ती और महाराष्ट्र शासन की पट्टी लगाकर चलती थीं। उन्होंने अपने वरिष्ठ अपर जिलाधिकारी के एंटी चैंबर से उनका सामान बाहर निकलवाकर उस कक्ष पर कब्जा कर लिया था। वह अपने लिए आधिकारिक स्टाफ की मांग भी कर रही थीं।

खुला पुराने विवादों का पिटारा

उनकी ये शिकायतें जिलाधिकारी डॉ.सुहास दिवसे द्वारा मुख्य सचिव से किए जाने के बाद उनका स्थानांतरण तत्काल प्रभाव से अपेक्षाकृत छोटे जिले वाशिम में कर दिया गया है। वहां उन्होंने अपना कार्यभार भी संभाल लिया है, लेकिन अब उनसे जुड़े कई और विवादों का पिटारा खुलता दिख रहा है, जो उनके भविष्य के लिए घातक हो सकता है।

पहला सवाल तो उनकी पहली पोस्टिंग पुणे में होने को लेकर उठाया जा रहा है। सामान्यतः किसी आईएएस अधिकारी को उसका गृह जनपद उसके करियर के आखिरी दिनों में ही मिलता है। पूजा की पहली पोस्टिंग ही पुणे में हो गई, जबकि यह उनका गृह जिला है। पूजा के नॉन क्रीमी लेयर ओबीसी श्रेणी के तहत यूपीएससी की परीक्षा देने पर भी सवाल उठ रहे हैं।

कैटेगिरी को लेकर उठे सवाल

उन्होंने 2019 में यही परीक्षा सामान्य श्रेणी में दी थी। तब उनके आईएएस होने लायक नंबर नहीं आए थे। 2022 में उन्होंने नॉन क्रीमी लेयर ओबीसी श्रेणी के तहत परीक्षा दी, जबकि उनके पिता ने हाल ही में वंचित बहुजन आघाड़ी के टिकट पर चुनाव लड़ते समय अपनी संपत्ति 40 करोड़ रुपए बताई थी। खुद पूजा खेडकर के पास भी 17 करोड़ की संपत्ति है, फिर भी उन्होंने ओबीसी की नॉन क्रीमी लेयर के तहत ऐसे यूपीएससी परीक्षा दे दी, इस पर सवाल उठ रहे हैं।

फर्जी दिव्यांगता सर्टिफिकेट बनवाने का आरोप

इस विशेष श्रेणी के तहत परीक्षा देने पर भी आईएएस के रूप में उनका चयन न हो पाता, क्योंकि उस वर्ष इसी श्रेणी के तहत अंतिम रैंकिंग 434 थी, लेकिन पूजा ने शारीरिक दिव्यांगता का प्रमाण पत्र देकर यह बाधा भी बार कर ली। यहां तक कि आईएएस अभ्यर्थियों के लिए अनिवार्य मेडिकल जांच करवाने से भी कतराती रहीं। वह छह बार इस जांच से कन्नी काट गईं, जबकि 2019 में यूपीएससी की परीक्षा देते समय उन्होंने शारीरिक दिव्यांगता का प्रमाणपत्र नहीं दिया था।

सरकार ने शुरू की कार्रवाई

अब उनकी इन सारी करतूतों पर सवाल उठाए जा रहे हैं, और कार्रवाई भी शुरू हो गई है। अपनी निजी ऑडी कार पर लाल बत्ती एवं महाराष्ट्र शासन की पट्टी लगाने के कारण पुणे पुलिस ने उनपर 21,000 रुपए का जुर्माना ठोक दिया है। उनकी अन्य गलतियों की जांच की मांग उठने लगी है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने कहा है कि उनके चयन में ही गड़बड़ी हुई है। एजेंसी में ही गड़बड़ है। पहले ही उनके द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों की ठीक से जांच होनी चाहिए थी। उन्होंने गलत प्रमाणपत्र देकर गलत फायदा उठाया है। इसकी जांच होनी चाहिए।

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