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गढ़चिरौली: नक्सलियों को ढेर करने के लिए बनाया था ये प्लान, 70 घंटे पैदल चले कमांडो और फिर...

सी-60 कमांडो कुमोद आत्राम और उनके साथियों को सोमवार को महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में नक्सलियों से मुठभेड़ से पहले 70 घंटे तक जंगलों में पैदल चलना पड़ा। 21 अक्टूबर को दो मुठभेड़ों में कुल 38 लाख रुपये के इनामी पांच नक्सली मारे गए जबकि आत्राम को दो गोलियां लगीं और अब वह सर्जरी के बाद यहां एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Wed, 23 Oct 2024 11:46 PM (IST)
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महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में नक्सलियों से मुठभेड़।
पीटीआई, नागपुर। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में नक्सलियों से मुठभेड़ से पहले सोमवार को पुलिस की सी-60 विशेष लड़ाकू इकाई के कमांडो कुमोद आत्राम और उनके साथियों को 70 घंटे तक जंगलों में पैदल चलना पड़ा। दो मुठभेड़ों में पांच नक्सली मारे गए थे, जिनके सिर पर कुल 38 लाख रुपये का इनाम था।

इस दौरान कमांडो आत्राम को दो गोलियां लगीं और अब सर्जरी के बाद एक निजी अस्पताल में उनका उपचार किया जा रहा है। सी-60 गढ़चिरौली पुलिस का एक विशेष नक्सल विरोधी बल है।

  • आठ साल से गढ़चिरौली पुलिस में सेवारत आत्राम को करीब 10 मुठभेड़ों में 39 नक्सलियों को ढेर करने का श्रेय दिया जाता है।
  • इस जिले की सीमा छत्तीसगढ़ से लगती है। सी-60 कमांडो और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों ने भामरागढ़ तहसील के जंगलों में सोमवार को हुई मुठभेड़ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
  • आत्राम ने बताया कि जब हम अबूझमाड़ के दुर्गम इलाके में 70 घंटे से अधिक समय तक पैदल चले थे, तभी नक्सलियों ने हम पर हमला कर दिया।
  • गोलीबारी सुबह करीब आठ बजे शुरू हुई और करीब 10 बजे भारी गोलीबारी के बीच मुझे गोली लग गई। इसके बाद मुझे हेलीकाप्टर से नागपुर लाया गया।
  • पुलिस के अनुसार, मुठभेड़ में मारे गए लोगों में माओवादियों के डिविजनल कमेटी के दो सदस्य भी शामिल हैं।

महिला पायलट ने कमांडो को बचाया

सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ के दौरान एक बहादुर महिला हेलीकाप्टर पायलट ने अपनी जान जोखिम में डालकर घायल पुलिस कमांडो को सुरक्षित निकाला।

सीधे ग्राउंड जीरो पर उड़ान भरी

कैप्टन रीना वर्गीज की बहादुरी ने कमांडो कुमोद आत्राम की जान बचाने में मदद की। गढ़चिरौली के एसपी नीलोत्पल ने बताया कि पवन हंस हेलीकाप्टर की पायलट कैप्टन वर्गीज ने गढ़चिरौली से सीधे ग्राउंड जीरो पर उड़ान भरी, जहां मुठभेड़ चल रही थी। इस बात की आशंका थी कि नक्सली हेलीकाप्टर पर फायरिंग कर सकते थे।

11 फुट की ऊंचाई से छलांग लगा दी

लेकिन, चट्टानी और जंगली इलाके में उतरने में असमर्थ होने पर कैप्टन वर्गीज ने अपने सह-पायलट को हेलिकॉप्टर का नियंत्रण सौंप दिया और घायल कमांडो तक पहुंचने के लिए 11 फुट की ऊंचाई से छलांग लगा दी। उन्होंने मौके पर मौजूद अन्य कमांडो की मदद से घायल जवान को तेजी से उठाया और उन्हें हेलीकॉप्टर में बिठाकर तेजी से उड़ गईं।

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