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उद्धव ठाकरे की पत्नी और बेटों के खिलाफ जांच के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर, आय से अधिक संपत्ति का आरोप

उद्धव ठाकरे की पत्नी और बेटों आदित्य व तेजस के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। आय से अधिक संपत्ति होने के मामले में प्रवर्तन निदेशायल और सीबीआई जांच की मांग की गई है। जिसकी सुनवाई आज बॉम्बे हाई कोर्ट में होने वाली है।

By AgencyEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Wed, 19 Oct 2022 01:03 PM (IST)
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आय से अधिक संपत्ति मामले में उद्धव ठाकरे के परिवार की ईडी जांच हो सकती है
मुंबई, एएनआई। महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। आय से अधिक संपत्ति मामले में उद्धव ठाकरे के परिवार की ईडी ( Enforcement Directorate) जांच हो सकती है। दरअसल उद्धव ठाकरे की पत्नी और बेटों आदित्य व तेजस के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। उनके पास आय से अधिक संपत्ति होने के मामले में प्रवर्तन निदेशायल (ED) और सीबीआई (CBI) जांच की मांग की गई है। जिसकी सुनवाई आज बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) में होने वाली है।

"न खाऊंगा न खाने दूंगा" के आदर्श वाकया से प्रेरित

यह याचिका गौरी और अभय भिड़े द्वारा दायर की गई है। बता दें कि गौरी के परिवार ने इमरजेंसी (Emergency) के दौरान शिवसेना (Shivsena) सुप्रीमों बाल ठाकरे (Bal Thackerey) के साप्ताहिक को संक्षिप्त में प्रकाशित किया था। गौरी ने कहा कि मैं "न खाऊंगा न खाने दूंगा" के आदर्श वाकया से प्रेरित थीं।

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लॉकडाउन में भी हुआ था मुनाफ

याचिका न्यायमूर्ति संजय गंगापुरवाला और न्यायमूर्ति आरएन लड्ढा की कोर्ट में दायर की गई है। गौरी और अभय भिड़े ने उद्धव ठाकरे पर आरोप लगाए हैं कि उद्धव के परिवार ने अवैध तरीके से पैसे कमाए हैं। दायर याचिका में सिडको ट्रस्ट प्रबोधन प्रकाशन के मालिक को दी गई जमीन को लेकर भी आरोप लगाए गए हैं। याचिका में बताया गया है कि ट्रस्ट की हिस्सेदारी में बदलाव कर जमीन को उद्धव ठाकरे के नाम कर दिया गया था। वहीं याचिका में यह भी कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान भी उद्धव ठाकरे की कंपनी प्रबोधन प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड ने 42 करोड़ रुपए का बिजनेस किया था, जिसमें 11.5 करोड़ रुपए का मुनाफा भी हुआ था। आरोप है कि इस तरह से काले धन को सफ़ेद किया गया है।

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