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उद्धव ठाकरे को लगा बड़ा झटका, करीबी सुभाष देसाई के बेटे ने थामा शिंदे गुट का दामन

पिछले वर्ष जून में शिवसेना में शुरू हुई बगावत का सिलसिला थम नहीं रहा है। ठाकरे परिवार के विश्वस्त माने जाने वाले वरिष्ठ नेता सुभाष देसाई का बेटा भूषण देसाई भी सोमवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल हो गया।

By Jagran NewsEdited By: Achyut KumarUpdated: Mon, 13 Mar 2023 08:25 PM (IST)
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एकनाथ शिंदे की बालासाहेबांची शिवसेना में शामिल हुए सुभाष देसाई

धर्मेंद्र जोरे, मुंबई। शिवसेना में पिछले वर्ष जून में शुरू हुई बगावत का सिलसिला थम नहीं रहा है। उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगी और पूर्व मंत्री रहे सुभाष देसाई के बेटे भूषण देसाई सोमवार की शाम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो गए। उनके पिता अभी भी पूर्व सीएम के साथ ही रहते हैं।

शिंदे ने भूषण का पार्टी में किया स्वागत

शिंदे ने आधिकारिक तौर पर पार्टी कार्यालय 'बालासाहेब भवन' में भूषण का स्वागत किया। अब, मुख्यमंत्री ने एक और शिवसेना परिवार को दो गुटों में विभाजित कर दिया है। उद्धव के कुछ भाइयों और भतीजों ने शिंदे का समर्थन किया है, जबकि कुछ मातोश्री के प्रति वफादार रहते हैं।

बालासाहेब की विचारधारा को आगे बढ़ा रही पार्टी

भूषण ने कहा, "नई सरकार के सत्ता में आते ही मैंने शिंदे साहब के साथ शामिल होने का फैसला किया था। यह वह पार्टी है, जो बालासाहेब की विचारधारा को आगे बढ़ा रही है और लोगों के लिए काम कर रही है। मैं अपने पता को इस बारे में बहुत पहले ही बता दिया था।" उन्होंने कहा, "मेरे अपने विचार हैं और मैं अपने निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हूं।"

''भूषण को पार्टी में अच्छी जिम्मेदारी मिलेगी''

शिंदे ने कहा कि भूषण लंबे समय से उनकी कार्यशैली को जानते हैं और उन्होंने अतीत में साथ काम किया है। उन्होंने कहा, "इससे पता चलता है कि असली सेना कौन है। भूषण को पार्टी में अच्छी जिम्मेदारी मिलेगी।" वहीं, दलबदल पर प्रतिक्रिया करते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि भूषण कभी भी पार्टी में सक्रिय नहीं थे, और जो लोग 'वॉशिंग मशीन' में अपनी गंदगी साफ करना चाहते हैं, उनका जाने के लिए स्वागत है।

ठाकरे परिवार के भरोसेमंद नेताओं में से एक हैं सुभाष देसाई

सुभाष देसाई शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के समय से ही ठाकरे परिवार के भरोसेमंद नेताओं में से एक रहे हैं। बालासाहेब ठाकरे के बाद उद्धव ठाकरे और अब उनके पुत्र आदित्य ठाकरे भी सुभाष देसाई का सम्मान करते देखे जाते हैं।  शिवसेना के मुखपत्र सामना के प्रकाशक भी सुभाष देसाई ही रहे हैं। शिवसेना की सरकारों में वह कई बार मंत्री रह चुके हैं।

उद्धव गुट को लगा तगड़ा झटका

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास आघाड़ी सरकार में भी सुभाष देसाई उद्योग मंत्री थे, लेकिन, उनके पुत्र भूषण देसाई ने सोमवार को ठाकरे परिवार का साथ छोड़ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की उपस्थिति में उनकी शिवसेना में प्रवेश कर लिया है। इसे उद्धव गुट के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।