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उद्धव ठाकरे को लगा बड़ा झटका, चंपासिंह थापा और मोरेश्वर राजे शिंदे गुट में शामिल; क्या हैं सियासी मायने?

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका है। चंपासिंह थापा और मोरेश्वर राजे सोमवार को शिंदे गुट में शामिल हो गए हैं। आइए जानते हैं इसके क्या सियासी मायने हैं और प्रदेश की राजनीति पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?

By JagranEdited By: Achyut KumarUpdated: Mon, 26 Sep 2022 07:54 PM (IST)
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थापा और राजे शिंटे गुट में शामिल (फोटो- ट्विटर)

मुंबई, राज्य ब्यूरो।  शिवसेना संस्थापक बाला साहब ठाकरे के दो विश्वस्त सहयोगियों ने आज मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का दामन थाम लिया। यह जानकारी खुद शिंदे ने ट्वीट कर दी। 

चंपासिंह थापा शिंदे गुट में शामिल

स्वर्गीय बालासाहब ठाकरे के जीवनकाल में उनकी सभी रैलियों में उनके पीछे खड़े दिखाई देनेवाले चंपासिंह थापा एवं ठाकरे के बांद्रा स्थित निवास मातोश्री में उनके निजी सहायक की भूमिका निभाने वाले मोरेश्वर राजे ने भी उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ दिया है।

समर्थन देने का वादा

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने स्वयं ट्वीट कर जानकारी दी कि इन दोनों ने नवरात्र के प्रथम दिन दुर्गेश्वरी माता के आगमन जुलूस के दौरान मुख्यमंत्री से मिलकर उनके साथ रहने एवं उन्हें समर्थन देने का निर्णय किया है। शिंदे ने अगले ट्वीट में लिखा है कि इन दोनों उस व्यक्ति का साथ देने का निर्णय किया है, जो वंदनीय हिंदू हृदय सम्राट शिवसेना प्रमुख बाला साहब ठाकरे के हिंदुत्व के विचारों को आगे ले जाने के लिए दृढ़तापूर्वक खड़ा है।

निहार ठाकरे ने छोड़ा उद्धव का साथ

इससे पहले उद्धव ठाकरे के सगे बड़े भाई स्वर्गीय बिंदु माधव ठाकरे के पुत्र निहार ठाकरे भी शिवसेना के शिंदे गुट में शामिल हो चुके हैं। इसके अलावा उद्धव ठाकरे के दूसरे बड़े भाई जयंत ठाकरे की पत्नी शर्मीला ठाकरे भी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मिलकर उन्हें मुख्यमंत्री बनने की शुभकामनाएं दे चुकी हैं।

40 विधायकों ने की उद्धव से बगावत

बता दें कि इसी वर्ष जून में हुई एक बड़ी बगावत में शिवसेना के 40 विधायकों ने उससे अलग होकर अपना पृथक गुट बना लिया था। इस गुट का नेतृत्व एकनाथ शिंदे कर रहे थे। बाद में इसी गुट ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा किया और उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र देना पड़ा था।

लोकसभा मे भी शिवसेना दोफाड़

लोकसभा में भी शिवसेना दोफाड़ हो चुकी है। शिवसेना में उद्धव गुट के साथ बचे विधायकों एवं सांसदों की भगदड़ अभी भी थमी नहीं है। शिंदे सरकार में कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने हाल ही में दावा किया है कि जल्दी ही उद्धव गुट के पांच विधायक एवं कुछ और सांसद शिंदे गुट में आने वाले हैं। माना जा रहा है कि पांच अक्तूबर को शिंदे की विजयदशमी रैली के अवसर पर ये नेता शिंदे गुट में शामिल हो जाएंगे।

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