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एनसीपी पर कब्जे को लेकर चाचा-भतीजे में छिड़ी जंग, अजित पवार बोले- अब चुनाव आयोग बताएगा, पार्टी किसकी है

Maharashtra NCP Crisis महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी पर कब्जे को लेकर चाचा-भतीजे में लड़ाई छिड़ गई है। राष्ट्रीय अध्यक्ष की हैसियत से शरद पवार ने प्रफुल पटेल और तटकरे को पार्टी से निकाल दिया जिसके जवाब में अजित पवार ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया। और पार्टी में कई नियुक्तियां कीं। कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल पटेल ने जयंत पाटिल की जगह तटकरे को महाराष्ट्र अध्यक्ष बनाया है।

By Jagran NewsEdited By: Achyut KumarUpdated: Tue, 04 Jul 2023 06:26 AM (IST)
एनसीपी पर कब्जे को लेकर चाचा-भतीजे में छिड़ी जंग, अजित पवार बोले- अब चुनाव आयोग बताएगा, पार्टी किसकी है
Maharashtra NCP Crisis: चाचा-भतीजे में छिड़ी एनसीपी पर कब्जे की लड़ाई

ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) तोड़कर एक दिन पहले ही एकनाथ शिंदे सरकार के साथ आए अजित पवार और उनके काका (चाचा) शरद पवार के बीच पार्टी पर कब्जे को लेकर लड़ाई छिड़ गई है। सोमवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर शरद पवार ने अपनी पुत्री सुप्रिया सुले की मांग पर कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल पटेल और पार्टी महासचिव व कोषाध्यक्ष सुनील तटकरे को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।

अजित पवार गुट ने सुनील तटकरे को बनाया प्रदेश अध्यक्ष

इसके जवाब में पार्टी पर अपना अधिकार बता रहे अजित पवार गुट ने पुराने महाराष्ट्र अध्यक्ष जयंत पाटिल को हटाकर अपने समर्थक सुनील तटकरे को प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त कर दिया। साथ ही अजीत पवार ने यह भी माना कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ही हैं और उन्होंने सीनियर पवार को गुरुदक्षिणा दी है।

शरद पवार ने पटेल और तटकरे पर की कार्रवाई

पार्टी में रविवार को हुए विद्रोह के विरुद्ध कार्रवाई की घोषणा करते हुए सोमवार को शरद पवार ने ट्वीट कर कहा, 'एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर मैं पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए सुनील तटकरे और प्रफुल पटेल का नाम पार्टी के सदस्यता रजिस्टर से हटाने का आदेश देता हूं।' इस ट्वीट में उन्होंने तटकरे और पटेल को भी टैग किया। तटकरे लोकसभा और पटेल राज्यसभा के सदस्य हैं। बाद में एनसीपी सुप्रीमो ने पटेल और तटकरे को नोटिस भी जारी किए।

नोटिस में कहा गया है कि संसद सदस्य के तौर पर उनकी अयोग्यता के लिए भी पार्टी संविधान के अनुच्छेद-10 के तहत उचित कार्रवाई शुरू कर रही है। अब उनका पार्टी के साथ किसी तरह का जुड़ाव दिखाना गैरकानूनी होगा। इसी तरह का नोटिस पार्टी ने मंत्री पद की शपथ लेने वाले अजित पवार समेत नौ विधायकों को भी भेजा है।

सोनिया दूहन को बनाया गया नई दिल्ली केंद्रीय कार्यालय का प्रभारी

शरद पवार ने इसके साथ ही सोनिया दूहन को पार्टी के नई दिल्ली केंद्रीय कार्यालय का प्रभारी नियुक्त किया है। वहीं, जयंत पाटिल ने शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहने वाले पार्टी महासचिव शिवाजी राव गरजे को निलंबित कर दिया, जबकि शिरुर से लोकसभा सदस्य अमोल कोल्हे वापस शरद पवार गुट में लौट आए।

जवाब में शाम को संवाददाता सम्मेलन में अजीत पवार के साथ आए पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल पटेल ने कहा कि कुछ दिनों पहले शरद पवार ने उन्हें (पटेल को) पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया था। उसी अधिकार का उपयोग करते हुए वह प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटिल की नियुक्ति रद करके उनके स्थान पर सुनील तटकरे को प्रदेशाध्यक्ष बनाने एवं अजीत पवार को विधानमंडल में पार्टी का नेता घोषित करते हैं।

प्रफुल पटेल ने कहा कि प्रदेश कार्यकारिणी में अन्य नियुक्तियां अब नए प्रदेशाध्यक्ष सुनील तटकरे करेंगे। सुनील तटकरे की पुत्री अदिति ने भी रविवार को मंत्री पद की शपथ ली है। मंत्री पद की शपथ लेने वाले विधायक अनिल पाटिल विधानसभा में राकांपा के सचेतक बने रहेंगे।

पटेल द्वारा की गईं अन्य नियुक्तियों में रूपाली चकनकर को पार्टी की प्रदेश महिला शाखा का प्रमुख और एमएलसी अमोल मितकारी व आनंद परांजपे को प्रवक्ता बनाया गया है। सूरज चव्हाण को पार्टी की प्रदेश युवा इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

चुनाव आयोग फैसला करेगा, पार्टी किसकी : अजित

पार्टी में फूट पड़ने के तुरंत बाद जयंत पाटिल ने विधायक जितेंद्र आह्वाड को पार्टी का मुख्य सचेतक एवं नेता प्रतिपक्ष नियुक्त करने की घोषणा की थी। सोमवार को अजित पवार ने इस निर्णय को गलत बताते हुए कहा कि एक ही व्यक्ति नेता प्रतिपक्ष एवं मुख्य सचेतक नहीं हो सकता। साथ ही नेता प्रतिपक्ष की नियुक्त स्पीकर करता है, पार्टी पदाधिकारी नहीं। उन्होंने कहा, हमने विद्रोह किया है या नहीं, इस बात का फैसला कानून करेगा और इस बात का फैसला सिर्फ चुनाव आयोग करेगा कि पार्टी किसकी है।

अयोग्यता नोटिस को बताया गैरकानूनी

रविवार को एनसीपी की ओर से अजित पवार और उनके साथ शपथ लेने वाले आठ मंत्रियों की विधानसभा सदस्यता अवैध ठहराने का पत्र विधानसभा अध्यक्ष को भेजा गया था। अजित पवार ने सोमवार को कहा कि इस प्रकार का नोटिस देना गैरकानूनी है। उन्होंने कहा कि वह स्वयं रविवार को जयंत पाटिल और जीतेंद्र आह्वाड की सदस्यता रद करने का नोटिस विधानसभा अध्यक्ष को दे चुके हैं

नहीं बताई समर्थक विधायकों की संख्या

अजीत पवार सोमवार को भी इस प्रश्न का उत्तर देने से कतरा गए कि उनके साथ कुल कितने विधायक हैं। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि हमारे साथ बहुसंख्य विधायक हैं, तभी मैंने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। जो लोग हमारे विधायकों की संख्या पूछ रहे हैं, आप उनसे पूछिए कि उनके साथ कितने विधायक हैं? जब उनसे पूछा गया कि क्या वह सुप्रिया सुले को पार्टी से निकालेंगे? तो अजीत पवार ने कहा कि हम यहां पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए बैठे हैं, किसी को निकालने के लिए नहीं। अजीत पवार के समर्थक विधायकों की सही संख्या के बारे में विधानसभा स्पीकर राहुल नर्वेकर ने भी अनभिज्ञता व्यक्त की।

प्रफुल ने मांगा सीनियर पवार से आशीर्वाद

प्रफुल पटेल ने कहा, हम सभी चाहते हैं कि शरद पवार पार्टी के वरिष्ठ नेताओं व सामान्य कार्यकर्ताओं की भावनाओं का आदर करते हुए हम सबको अपना आशीर्वाद प्रदान करें। उनके इस बयान से पता चलता है कि पार्टी में आज भी कहीं न कहीं शरद पवार को बागी गुट से जोड़ने का प्रयास जारी है। उन्होंने उन अटकलों का खंडन भी किया कि उन्हें केंद्र में मंत्री पद मिल सकता है।

पटेल व तटकरे को नियुक्तियों का अधिकार नहीं : आह्वाड

जितेंद्र आह्वाड ने कहा कि प्रफुल पटेल और सुनील तटकरे को पार्टी में नियुक्तियां करने का अधिकार नहीं है क्योंकि उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त पार्टी का संविधान राष्ट्रीय अध्यक्ष को किसी भी सदस्य को निलंबित या निष्कासित करने का अधिकार देता है। इस कार्रवाई को केंद्रीय अनुशासन समिति से अनुमोदित कराया जाएगा। दरअसल पटेल, तटकरे और अजीत पवार ने कहा था कि शरद पवार अकेले उनकी सदस्यता का फैसला नहीं कर सकते।

वापस लौट आएंगे अजित के साथ गए विधायक : शरद पवार

शरद पवार गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सोमवार को अपने गुरु रहे यशवंतराव चह्वाण की समाधि स्थल प्रीति संगम स्मारक पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करने पहुंचे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि एनसीपी तोड़ने वालों को जनता उनकी जगह दिखाएगी। उन्होंने दावा किया कि अजित के साथ गए ज्यादातर विधायक उनके संपर्क में हैं और वे जल्दी ही वापस उनके पास आएंगे। उन्होंने इस बात से इन्कार किया कि अजित पवार को उनका आशीर्वाद प्राप्त है।

नेता प्रतिपक्ष के पद पर कांग्रेस के दावे को पवार ने सही ठहराते हुए कहा कि कांग्रेस के पास वर्तमान में विपक्षी दलों में सबसे अधिक (45) विधायक हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों की सरकारों को गिराने का काम पूरे देश में चल रहा है। आज देश और महाराष्ट्र में कुछ समूहों द्वारा जाति और धर्म के नाम पर समाज के बीच दरार पैदा की जा रही है। इस बीच, कई पार्टी कार्यकर्ता सोमवार को एनसीपी के दक्षिण मुंबई कार्यालय पहुंचे और शरद पवार के प्रति समर्थन व्यक्त किया।

फडणवीस से मिले अजित, विभागों पर चर्चा

अजित पवार ने सोमवार को अपने समकक्ष देवेंद्र फडणवीस से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की और मंत्रियों के विभाग आवंटन पर चर्चा की। इस दौरान सुनील तटकरे, प्रफुल पटेल और छगन भुजबल भी उपस्थित थे। यह बैठक करीब एक घंटे तक चली। सूत्रों के मुताबिक, मंत्रियों के विभाग आवंटन को मंगलवार शाम तक अंतिम रूप दे दिया जाएगा।

पता नहीं कांग्रेस को कौन चलाता है : प्रफुल

विपक्षी एकता के प्रयासों पर प्रफुल पटेल ने कहा, 'पिछले नौ वर्षों में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ने प्रगति की है। विपक्षी दलों की बैठक के लिए मैं पटना में था। मैंने देखा वहां क्या हुआ। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस में भ्रम की स्थिति है कि राहुल गांधी नेता हैं या नहीं। हमें नहीं पता उस पार्टी को कौन चलाता है।' साथ ही कहा कि महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने का पार्टी का सामूहिक फैसला था।