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Weather Update: 17 मई से महाराष्ट्र के कई हिस्सों में बढ़ेगा तापमान, IMD ने जारी किया हीटवेव को लेकर अलर्ट

आईएमडी ने कहा कि मोका ने 14 मई को दोपहर तक म्यांमार में सितवे के पास 180-190 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से लेकर 210 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से लैंडफॉल बनाया था। इस बीच आईएमडी ने राज्य भर में हीटवेव को लेकर अलर्ट जारी किया है।

By Jagran NewsEdited By: Mohd FaisalUpdated: Mon, 15 May 2023 11:38 PM (IST)
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Weather Update: 17 मई से महाराष्ट्र के कई हिस्सों में बढ़ेगा तापमान (फाइल फोटो)
मुंबई, ऑनलाइन डेस्क। चक्रवाती तूफान मोका रविवार को म्यांमार के उत्तर-पश्चिमी तट से टकराया। चक्रवाती तूफान मोका के कारण 270 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवाओं ने घरों का तबाह कर दिया है। यहीं नहीं इस तूफान से बिजली की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है। हालांकि, इसके चलते मानसून के आने में देरी होगी।

15 मई थी मानसून के आगमन की तारीख

बता दें कि साल 1982 के बाद मई के महीने में बंगाल की खाड़ी से टकराने वाला सबसे तेज गति का चक्रवात है। बताया जा रहा है कि चक्रवाती तूफान मोका के कारण अंडमान में मानसून के आने में देरी होगी। अंडमान में मानसून के आगमन की तारीख 15 मई है, लेकिन इस बार मानसून के आने में चार से पांच दिन की देरी होगी।

17 मई से महाराष्ट्र के कई हिस्सों में बढ़ेगा तापमान

आईएमडी ने कहा कि मोका ने 14 मई को दोपहर तक म्यांमार में सितवे के पास 180-190 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से लेकर 210 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से लैंडफॉल बनाया था। इस बीच, आईएमडी ने राज्य भर में हीटवेव को लेकर अलर्ट जारी किया है। आईएमडी के क्षेत्रीय मौसम विज्ञान विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि बुधवार 17 मई से महाराष्ट्र के कई हिस्सों में तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने की संभावना है।

मानसून के आने में होगी देरी

हालांकि, मोका तूफान का अरब सागर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। एक लोकप्रिय निजी मौसम ब्लॉग वेदर ऑफ वेदरिज के राजेश कपाड़िया ने कहा कि मानसून के अरब सागर के ऊपर कुछ दिनों के विलंब की संभावना है, हालांकि, इसे चक्रवात के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।

तक का सबसे शक्तिशाली चक्रवात है मोका

नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन की रीजनल एंड मेसोस्केल मौसम विज्ञान शाखा (RAMMB) के अनुसार, चक्रवाती तूफान मोका के समुद्र तट से टकराने से पहले लगभग 270 किलोमीटर प्रति घंटे की तीव्रता के साथ तेज हवाएं चल रही थी। वहीं, कपाड़िया ने कहा कि चक्रवात मोका पृथ्वी पर अब तक का सबसे शक्तिशाली चक्रवात है, जो 1982 के बाद से उत्तर हिंद महासागर में दर्ज किया गया है।

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