Move to Jagran APP

Western Railway ने कागज के रिजर्वेशन चार्ट को किया खत्म, टिकट चेकर्स को मुहैया कराए सौ प्रतिशत टैब

पश्चिम रेलवे ने डिजिटल के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए टिकट चेकर्स को सौ प्रतिशत टैब मुहैया कराए हैं। इस टैब को हैंड-हेल्ड डिवाइस के रूप में भी जाना जाता है। अब यह टैब सदियों पूराने से चले आ रहे आरक्षण शीट का स्थान ले चुके हैं।

By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Sun, 26 Feb 2023 06:19 PM (IST)
Hero Image
Western Railway ने कागज के रिजर्वेशन चार्ट को किया खत्म, टिकट चेकर्स को मुहैया कराए सौ प्रतिशत टैब। फोटो- जागरण।
राजेंद्र बी. अकलेकर, मिड-डे। पश्चिम रेलवे ने डिजिटल के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए टिकट चेकर्स (Ticket Checkers) को सौ प्रतिशत टैब मुहैया कराए हैं। इस टैब को हैंड-हेल्ड डिवाइस के रूप में भी जाना जाता है। अब यह टैब सदियों पूराने से चले आ रहे आरक्षण शीट का स्थान ले चुके हैं। एक अधिकारी ने बताया कि हाथ से चलने वाले टर्मिनल (HHTs) के कार्यान्वयन के साथ चार्ट को प्रिंट करने की प्रणाली अब अप्रचलित हो गई है, जिससे यह पेपरलेस काम कर रहा है।

2018 में हुई थी इसकी शुरुआत 

पश्चिमी रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने कहा, "पश्चिम रेलवे ने पहली बार साल 2018 में अगस्त क्रांति राजधानी एक्सप्रेस में टैबलेट के रूप में HHT उपकरणों को पेश किया था और 26 फरवरी 2023 तक हमने उन्हें सभी ट्रेनों में उपलब्ध कराने का काम पूरा कर लिया है। उन्होंने कहा कि पश्चिम रेलवे से चलने वाली सभी 298 मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में अब हैंड-हेल्ड टर्मिनल (एचएचटी) उपलब्ध कराए गए हैं। कुल 1,385 टिकट चेकिंग स्टाफ, जो मेल या फिर एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन कर रहे हैं को एचएचटी प्रदान किया गया है।

वास्तविक समय की मिलती है जानकारी 

उन्होंने कहा कि HHT के कारण टिकट जांच करने वाले कर्मचारी RAC और प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों को खाली बर्थ आवंटित करने में मदद करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि एचएचटी जीपीआरएस के माध्यम से पीआरएस को वास्तविक समय की जानकारी मिल रही है, जिसके कारण स्टेशनों पर प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों को खाली बर्थ आवंटित की जा सकती है।  

रेलवे कर रहा है क्षमता का बेहतर उपयोग

ठाकुर ने राष्ट्रीय स्तर पर इसके फायदे के बारे में बताते हुए कहा कि इससे भारतीय रेलवे को अपनी क्षमता का बेहतर उपयोग करने में मदद मिलती है, जब कोई यात्री ट्रेन में चढ़ने में विफल रहता है या चार्ट तैयार होने से पहले अपना टिकट रद्द कर देता है। उन्होंने कहा कि यह रेलवे में सीट आवंटन प्रणाली में बेहतर पारदर्शिता को सुनिश्चित करता है। मालूम हो कि आरक्षण चार्ट और सीटों की पुष्टि करने के लिए ट्रेनों और स्टेशनों पर उन्हें चिपकाने की विधि तब से एक प्रथा रही है जब सीट आरक्षण प्रणाली ट्रेनों में शुरू हुई थी।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।