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'मुझे इस मामले पर...' प्राइवेट कार में लाल बत्ती, फर्जी प्रमाणपत्र के आरोपों पर क्या बोली ट्रेनी IAS पूजा खेडकर

ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने अपने प्राइवेट कार पर लाल बत्ता लगाई थी। वहीं उनके इनकम और नॉन-क्रीमी सर्टिफिकेट को लेकर विवाद चल रहा है। मीडिया ने जब उनसे उनपर लगे आरोपों पर सवाल पूछे तो उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी। पूजा खेडकर 2022 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 841 हासिल कर यूपीएससी परीक्षा पास की थी।

By Agency Edited By: Piyush Kumar Updated: Fri, 12 Jul 2024 12:33 PM (IST)
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ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर प्रतिक्रिया दी।(फोटो सोर्स: जागरण)

एएनआई, मुंबई। ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर (IAS probationer Pooja Khedkar) अपनी यूपीएससी सिलेक्शन को लेकर विवादों में घिरी हुई है। उनपर आरोप है कि उन्हें अपनी प्राइवेट कार में लाल बत्ती लगा ली थी। उनके इनकम और नॉन-क्रीमी सर्टिफिकेट को लेकर विवाद चल रहा है।

केंद्र सरकार ने इन दावों की जांच के लिए समिति का गठन कर दिया है। शुक्रवार को जब मीडिया ने पूजा से इन आरोपों पर सवाल पूछे तो उन्होंने कहा कि इन मामलों की जांच चल रही है। मैं इन मामले पर फिलहाल बोलने का अधिकार नहीं है।

आरोपी की रिहाई के लिए के लिए पूजा ने बनाया था दबाव: नवी मुंबई पुलिस

एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि नवी मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र सरकार को रिपोर्ट दी है कि पूजा खेडकर ने कथित तौर पर चोरी के मामले में पकड़े गए एक व्यक्ति को रिहा करने के लिए डीसीपी-रैंक अधिकारी पर दबाव बनाने की कोशिश की थी।

यह घटना 18 मई को पनवेल पुलिस स्टेशन में हुई थी, जिसमें खेडकर ने कथित तौर पर पुलिस उपायुक्त विवेक पानसरे को फोन किया था और उनसे चोरी के मामले में गिरफ्तार ट्रांसपोर्टर ईश्वर उत्तरवाडे को रिहा करने का आग्रह किया था। अधिकारी ने बताया कि खेडकर ने जाहिर तौर पर डीसीपी से कहा कि उत्तरवाडे निर्दोष हैं और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप मामूली हैं। उन्होंने कहा, नवी मुंबई पुलिस ने कॉल पर कार्रवाई नहीं की और कथित अपराध के लिए उत्तरवाडे अभी भी न्यायिक हिरासत में है।

पूजा का ट्रांसफर वाशिम में कर दिया गया

पूजा खेडकर 2022 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 841 हासिल कर यूपीएससी परीक्षा पास की थी। फिलहाल वह ट्रेनी पीरिएड में हैं और महाराष्ट्र के पुणे में तैनात थीं, लेकिन विवाद सामने आने के बाद उनका ट्रांसफर वाशिम में कर दिया गया है।

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