Karwa Chauth 2022: कब हुई करवा चौथ की शुरुआत, क्यों होती है चंद्रमा की पूजा; जानें श्रृंगार दान का महत्व
Karwa Chauth 2022 करवा चौथ के दिन महिला सज संवरकर पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं करवा चौथ की कथा पढ़ती हैं और रात में चंद्रमा की पूजा करती हैं। इस दिन महिलाएं श्रृंगार के सामान को दान भी करती हैं।
By Babita KashyapEdited By: Updated: Sat, 08 Oct 2022 10:19 AM (IST)
मुंबई, जागरण आनलाइन डेस्क। (Karwa Chouth Fast) करवाचौथ का व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं। इस दिन सुहागन महिलाएं निर्जला व्रत रख चंद्रमा की पूजा (Chandrama Puja) करती
हैं। सुहागनों के लिए ये बेहद खास दिन होता है जिसका वे पूरे वर्ष बेसब्री से इंतजार करती हैं। आज के वैज्ञानिक युग में लोग इसके पीछे के रहस्य को भी जानना चाहते हैं, ये क्यों रखा जाता है। इस बार ये पर्व 13 अक्टूबर (Karwa Chauth Date) को मनाया जाएगा।
कैसे हुई करवा चौथ व्रत की शुरुआत
करवा चौथ व्रत (Karwa chauth Vrat Katha) के बारे में कई कथाएं प्रचलित हैं। लेकिन अधिकांश कथाओं में यह पाया जाता है कि यह व्रत ब्रह्माजी के कहने पर शुरू किया गया था। देवताओं के राजा इंद्र की पत्नी इंद्राणी ने यह व्रत रखा था।कहा जाता है कि एक बार देवताओं और राक्षसों के बीच भयंकर युद्ध चल रहा था। देवताओं ने सोचा कि वह राक्षसों से पराजित हो जाएंगे। ऐसे में देवता ब्रह्माजी के पास पहुंचे और उनसे राक्षसों पर विजय पाने का उपाय पूछा।
तब ब्रह्माजी ने देवताओं को उपाय समझाते हुए बताया कि करवा चौथ कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को है। ऐसे में यदि सभी देवताओं की पत्नियां करवा चौथ का व्रत रखें तो उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होगा। ब्रह्माजी के कहने पर सभी देवताओं की पत्नियों ने उपवास किया। परिणामस्वरूप, देवताओं ने राक्षसों पर विजय प्राप्त की।
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