Karwa Chauth 2022: कब हुई करवा चौथ की शुरुआत, क्यों होती है चंद्रमा की पूजा; जानें श्रृंगार दान का महत्व
Karwa Chauth 2022 करवा चौथ के दिन महिला सज संवरकर पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं करवा चौथ की कथा पढ़ती हैं और रात में चंद्रमा की पूजा करती हैं। इस दिन महिलाएं श्रृंगार के सामान को दान भी करती हैं।
मुंबई, जागरण आनलाइन डेस्क। (Karwa Chouth Fast) करवाचौथ का व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं। इस दिन सुहागन महिलाएं निर्जला व्रत रख चंद्रमा की पूजा (Chandrama Puja) करती
हैं। सुहागनों के लिए ये बेहद खास दिन होता है जिसका वे पूरे वर्ष बेसब्री से इंतजार करती हैं। आज के वैज्ञानिक युग में लोग इसके पीछे के रहस्य को भी जानना चाहते हैं, ये क्यों रखा जाता है। इस बार ये पर्व 13 अक्टूबर (Karwa Chauth Date) को मनाया जाएगा।
कैसे हुई करवा चौथ व्रत की शुरुआत
करवा चौथ व्रत (Karwa chauth Vrat Katha) के बारे में कई कथाएं प्रचलित हैं। लेकिन अधिकांश कथाओं में यह पाया जाता है कि यह व्रत ब्रह्माजी के कहने पर शुरू किया गया था। देवताओं के राजा इंद्र की पत्नी इंद्राणी ने यह व्रत रखा था।
कहा जाता है कि एक बार देवताओं और राक्षसों के बीच भयंकर युद्ध चल रहा था। देवताओं ने सोचा कि वह राक्षसों से पराजित हो जाएंगे। ऐसे में देवता ब्रह्माजी के पास पहुंचे और उनसे राक्षसों पर विजय पाने का उपाय पूछा।
तब ब्रह्माजी ने देवताओं को उपाय समझाते हुए बताया कि करवा चौथ कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को है। ऐसे में यदि सभी देवताओं की पत्नियां करवा चौथ का व्रत रखें तो उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होगा। ब्रह्माजी के कहने पर सभी देवताओं की पत्नियों ने उपवास किया। परिणामस्वरूप, देवताओं ने राक्षसों पर विजय प्राप्त की।
इस दिन क्यों होती है चंद्रमा की पूजा ?
करवा चौथ पर महिलाएं चंद्रमा की पूजा (Chandrma ki Puja) करती हैं। जल से उन्हें अर्घ्य देती हैं। इस दिन महिलाएं छलनी से चांद और पति को देखती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं चंद्रमा की पूजा का क्या महत्व है?
ऐसी मान्यता है कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को चंद्रमा की पूजा करने से दांपत्य जीवन में प्रेम हमेशा बना रहता है। चंद्रमा के समान ही रिश्तों में भी शीतलता बनी रहती है।
करवा चौथ में श्रृंगार दान का महत्व?
करवा चौथ पर महिलाएं विधि-विधान से माता पार्वती और चंद्रमा की पूजा करती हैं। इस पूजा में उपहार भी देती हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि महिलाएं श्रृंगार की चीजें क्यों गिफ्ट करती हैं।
इस प्रश्न के उत्तर में ज्ञानी आचार्यों द्वारा बताया गया है कि विवाहित स्त्रियों को श्रृंगार का सामान उपहार में देने से उन्हें सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। व्रत करने वाली स्त्री, उसके पति और बच्चों पर आने वाली विपत्ति दूर हो जाती है।
डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
यह भी पढ़ें -
Karwa Chauth 2022: पीरियड आने पर इस तरह करें करवा चौथ का व्रत, पूजा करते समय ध्यान रखनी होगी ये बात