Jitendra Awhad: कौन हैं जितेंद्र आव्हाड? जिन्हें मिली अजित पवार वाली कुर्सी
Jitendra Awhad महाराष्ट्र में रविवार को सियासी हलचल देखने को मिली। इस सियासी हलचल में घंटे भर के अंदर महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता राज्य के उपमुख्यमंत्री बन गए। एनसीपी नेता अजित पवार ने एक नाटकीय अंदाज में 40 विधायकों के साथ शिंदे सरकार को अपना समर्थन दे दिया। एनसीपी ने जितेंद्र आव्हाड को विपक्ष के नेता के रूप में नियुक्त किया।
By Devshanker ChovdharyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Mon, 03 Jul 2023 01:06 PM (IST)
मुंबई, ऑनलाइन डेस्क। Jitendra Awhad: महाराष्ट्र में रविवार को सियासी हलचल देखने को मिली। इस सियासी हलचल में घंटे भर के अंदर महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता राज्य के उपमुख्यमंत्री बन गए। एनसीपी नेता अजित पवार (Ajit Pawar) ने एक नाटकीय अंदाज में 40 विधायकों के साथ शिंदे सरकार को अपना समर्थन दे दिया और नेता प्रतिपक्ष से सीधे डिप्टी सीएम बन गए।
एनसीपी ने जितेंद्र आव्हाड को चुना नेता प्रतिपक्ष
डिप्टी सीएम अजित पवार के इस कदम को एनसीपी में बगावत माना जा रहा है, क्योंकि अजित पवार का कहना है कि उन्होंने पार्टी के रूप में अपना समर्थन दिया है, लेकिन पार्टी ने इससे इनकार कर दिया है और राज्य में अपना नया नेता प्रतिपक्ष चुन लिया।
एनसीपी ने जितेंद्र आव्हाड (Jitendra Awhad) को महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में नियुक्त किया। जितेंद्र आव्हाड अपना नियुक्ति पत्र सौंपने के लिए रविवार देर रात विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय पहुंचे। उन्होंने देर रात अपना नियुक्ति पत्र सौंपा।
कौन हैं जितेंद्र आव्हाड?
जितेंद्र आव्हाड का एनसीपी में अच्छा कद है। उन्होंने छात्र जीवन के समय अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की थी। उन्होंने एक छात्र नेता के रूप में कार्य किया है। जितेंद्र आव्हाड ने 1982 में मुंबई विश्वविद्यालय में बढ़ती ट्यूशन फीस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था, जिस दौरान वह सुर्खियों में आए।
छात्र जीवन से राजनीतिक यात्रा की शुरुआत
जितेंद्र आव्हाड, शरद पवार से काफी प्रभावित थे और यही वजह थी कि वह कांग्रेस की छात्र शाखा में शामिल हो गए। जितेंद्र आव्हाड को 1988 में महाराष्ट्र नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) का मुख्य सचिव बनाया गया। इसके बाद 1991 में उन्हें अखिल भारतीय एनएसयूआई का महासचिव नियुक्त किया गया था।जितेंद्र आव्हाड दो बार बने एमएलसी
जितेंद्र आव्हाड 1996 में महाराष्ट्र युवा कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए। इसके बाद, जब शरद पवार कांग्रेस से अलग हुए तो वह शरद पवार की पार्टी एनसीपी में शामिल हो गए। एनसीपी में उनके कामों को देखते हुए उन्हें 2004 और 2008 में दो बार महाराष्ट्र विधान परिषद में सदस्य बनाया गया।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।