Captain Reena Varughese: नक्सलियों के पंजे से घायल कमांडों को निकाला, कैप्टन रीना वर्गीज की हर तरफ हो रही तारीफ
पायलट कैप्टन रीना वर्गीज की बहादुरी की चर्चा हर तरफ हो रही है। दरअसल महिला कैप्टन रीना ने नक्सलियों वाले हाई रिस्क इलाके से घायल कमांडो को बचा लिया। जिसके बाद घायल कमांडो को इलाज के लिए नागपुर भेजा गया है जहां उनकी हालत स्थिर है। महिला पायलट ने मुठभेड़ स्थल से कुछ ही फीट ऊपर अपना पवन हंस हेलिकॉप्टर उतारा और एक घायल कमांडो को एयरलिफ्ट किया।
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नक्सलियों के पंजे से घायल कमांडो को निकालने वाली पायलट कैप्टन रीना वर्गीज (Captain Reena Varughese) की बहादुरी की चर्चा हर तरफ हो रही है। एक महिला कैप्टन ने नक्सलियों वाले हाई रिस्क इलाके से घायल कमांडो को बचा लिया। जिसके बाद खून से लथपथ कमांडो को तुरंत गढ़चरौली भेजा गया। वहां से उसे नागपुर रेफर कर दिया गया। फिलहाल उसकी हालत स्थिर है। रीना वर्गीज की वजह से ही ये संभव हो सका। उन्होंने समय रहते कमांडो को नक्सलियों से बचा लिया।
रीना वर्गीज अपने शुरुआती दिनों में एक नौसिखिया पायलट थीं। उस दौरान माओवादियों ने महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में फैले 'पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी' मुख्यालय, अबुजमाढ़ के किनारे लाहेरी में सीनियर पुलिस और मतदान अधिकारियों को ले जा रहे एक हेलीकॉप्टर को निशाना बनाया था। ये बात 2009 की है। तब भी उन्होंने बहादुरी का प्रदर्शन किया था।
गढ़चिरौली में हुई थी नक्सलियों और सुरक्षा बल की मुठभेड़
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में सोमवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में पांच नक्सली मारे गए। मुठभेड़ छत्तीसगढ़ के नारायणपुर की सीमा से लगे इलाके में हुई। गढ़चिरौली पुलिस की सी-60 कमांडो टीम और सीआरपीएफ की टीम ने इस अभियान को अंजाम दिया।गढ़चिरौली के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ऑफिस से जारी बयान में कहा कि 20 नवंबर को होने वाले चुनाव के मद्देनजर नक्सलियों का एक समूह पिछले दो दिनों से महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर जंगल में इकट्ठा हुआ था और हमले की योजना बना रहा था। जिस इलाके में यह जमावड़ा हो रहा था, वह छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र के नक्सल प्रभावित जिले नारायणपुर की सीमा पर है।
महिला पायलट ने किया कमाल
जॉइंट अभियान में कम से कम 2,500 राउंड फायर किए गए, जो गोला-बारूद और पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) के पांच लड़ाकों के शव बरामद करने के बाद सूर्यास्त से पहले समाप्त हो गया। मुठभेड़ में एक महिला पायलट ने अभूतपूर्व साहस दिखाया। महिला पायलट ने मुठभेड़ स्थल से कुछ ही फीट ऊपर अपना पवन हंस हेलिकॉप्टर उतारा और एक घायल कमांडो को एयरलिफ्ट किया।गुरिल्ला अपने गढ़ से रॉकेटों की बौछार कर रहे थे। जंगल के बीच उबड़-खाबड़ इलाके में हेलिकॉप्टर उतरने में असमर्थ था। घायल जवान को रस्सी के सहारे नीचे की ओर उड़ते हुए हेलिकॉप्टर में खींचा गया और गढ़चिरौली के रास्ते नागपुर ले जाया गया। जवान का इलाज किया जा रहा था। डॉक्टरों ने बताया कि उसे तीन गोलियां लगी हैं और उसकी हालत गंभीर है।कैप्टन रीना वर्गीज और उनके दल ने सोमवार को पीएलजीए के गढ़ में आठ घंटे की घेराबंदी के दौरान एक घायल सी-60 कमांडो को बचाने के लिए मोर्टार हमले का जोखिम उठाने का जो साहसिक कार्य किया, वह इस अभियान का निर्णायक क्षण था, जिसमें पांच माओवादी मारे गए।
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