Lok Sabha Election 2024: 'भटकती आत्मा, कृषि मंत्री थे तब उन्होंने कुछ नहीं किया', पीएम मोदी ने शरद पवार पर जमकर साधा निशाना
मोदी ने बिना नाम लिए पवार पर निशाना साधते हुए कहा पंद्रह साल पहले एक दिग्गज नेता यहां चुनाव लड़ने आए थे। कहा जा रहा है कि उन्होंने डूबते सूरज के सामने शपथ ली थी कि वह सूखा प्रभावित क्षेत्र में पानी लाएंगे। क्या वह यहां पानी लाने में सक्षम थे? क्या आपको याद है? अब उन्हें दंडित करने का समय आ गया है।
पीटीआई, मालशिरस (महाराष्ट्र)। शरद पवार को भटकती आत्मा करार देने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राकांपा (सपा) नेता पर अपना हमला जारी रखते हुए कहा कि उन्होंने कृषि मंत्री रहते हुए किसानों के लिए बहुत कुछ नहीं किया। पीएम मोदी ने कहा कि अब उन्हें दंडित करने का समय आ गया है।
उन्होंने विपक्षी कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि वह मौजूदा लोकसभा चुनाव में 275 उम्मीदवार भी खड़े नहीं कर पा रही है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे सबसे पुरानी पार्टी का समर्थन करके अपना वोट बर्बाद न करें। मोदी सोलापुर जिले के माधा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे भाजपा के उम्मीदवार रंजीतसिंह नाइक निंबालकर के लिए समर्थन जुटाने के लिए सोलापुर जिले के मालशिरस में एक रैली को संबोधित कर रहे थे।
मोदी ने बिना नाम लिए पवार पर निशाना साधते हुए कहा, "पंद्रह साल पहले एक दिग्गज नेता यहां चुनाव लड़ने आए थे। कहा जा रहा है कि उन्होंने डूबते सूरज के सामने शपथ ली थी कि वह सूखा प्रभावित क्षेत्र में पानी लाएंगे। क्या वह यहां पानी लाने में सक्षम थे? क्या आपको याद है? अब उन्हें दंडित करने का समय आ गया है, ताकि ऐसे नेता यहां से चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा सके।"
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उन्होंने आरोप लगाया, चाहे विदर्भ हो या मराठवाड़ा, लोगों को पानी से वंचित करने का पाप वर्षों से हो रहा है। कांग्रेस को 60 साल तक देश पर राज करने का मौका मिला। मोदी ने कहा, "जहां दुनिया के अन्य देशों ने उन 60 वर्षों में खुद को बदल लिया, वहीं कांग्रेस खेतों तक पानी पहुंचाने में भी विफल रही।" उन्होंने कहा, "2014 तक देश में लगभग 100 ऐसी सिंचाई परियोजनाएं थीं जो वर्षों से रुकी हुई थीं। इनमें से 35 परियोजनाएं अकेले महाराष्ट्र से थीं...देखिए इन लोगों ने महाराष्ट्र के साथ किस तरह का विश्वासघात किया है।"
उन्होंने आरोप लगाया, चाहे विदर्भ हो या मराठवाड़ा, लोगों को पानी से वंचित करने का पाप वर्षों से हो रहा है। कांग्रेस को 60 साल तक देश पर राज करने का मौका मिला। मोदी ने कहा, "जहां दुनिया के अन्य देशों ने उन 60 वर्षों में खुद को बदल लिया, वहीं कांग्रेस खेतों तक पानी पहुंचाने में भी विफल रही।" उन्होंने कहा, "2014 तक देश में लगभग 100 ऐसी सिंचाई परियोजनाएं थीं जो वर्षों से रुकी हुई थीं। इनमें से 35 परियोजनाएं अकेले महाराष्ट्र से थीं...देखिए इन लोगों ने महाराष्ट्र के साथ किस तरह का विश्वासघात किया है।"
पीएम ने कहा कि हर घर और खेत तक पानी पहुंचाना उनके जीवन का मिशन था। उन्होंने कहा, "2014 में सत्ता में आने के बाद मैंने रुकी हुई सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने में अपनी पूरी ताकत लगा दी। आज, इन 100 परियोजनाओं में से 66 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।"उन्होंने कहा, "गठबंधन के ये लोग किसानों के बारे में बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन 2014 से पहले जब ये सत्ता में थे, तब क्या स्थिति थी? किसानों को उस स्थिति की याद दिलाना मेरा कर्तव्य है। मैं यहां किसी की आलोचना करने नहीं आया हूं, बल्कि वास्तविकता से लोगों को अवगत कराने आया हूं।"
पवार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि जब वह "रिमोट कंट्रोल सरकार" में कृषि मंत्री थे, तो गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 200 रुपये था, लेकिन अब "मोदी के सेवाकाल" में यह 340 रुपये प्रति क्विंटल है। उन्होंने कहा, "जब यह कद्दावर नेता दिल्ली में कृषि मंत्री थे, तो गन्ना किसान अपने बकाया के लिए दर-दर भटकते थे। आज स्थिति बदल गई है क्योंकि 100 प्रतिशत बकाया भुगतान हो रहा है।"
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उन्होंने कहा कि 2014 में किसानों को गन्ने का बकाया भुगतान 57,000 करोड़ रुपये था, लेकिन इस साल उन्हें 1,14,000 करोड़ रुपये बकाया के रूप में भुगतान किया गया। उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स से देश की चीनी मिलें नाराज हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, "जब कद्दावर नेता कृषि मंत्री के रूप में दिल्ली में थे, तो मैं उन्हें बार-बार समझाता था, लेकिन उन्होंने आयकर के मुद्दे का समाधान नहीं किया। जब हम सत्ता में आए तो हमने एक समाधान प्रदान किया और सहकारी चीनी मिलों को आयकर माफ करके 10,000 करोड़ रुपये की राहत दी।"मोदी ने कहा कि कृषि मंत्री के रूप में पवार के कार्यकाल के दौरान सरकार ने किसानों से केवल 7.5 लाख करोड़ रुपये की कृषि उपज खरीदी। लेकिन पिछले 10 वर्षों में किसानों से 20 लाख करोड़ रुपये की उपज खरीदी गई है। सोमवार को पुणे में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने पवार पर हमला करते हुए कहा, "महाराष्ट्र में एक 'भटकती आत्मा' है। अगर वह सफलता का प्रबंधन नहीं करती है तो वह दूसरों के अच्छे काम को बर्बाद कर देती है। महाराष्ट्र इसका शिकार रहा है।" पीएम ने कहा,"यह खेल 45 साल पहले उसी नेता ने शुरू किया था। यह सिर्फ उनकी अपनी महत्वाकांक्षा के कारण था कि महाराष्ट्र हमेशा एक अस्थिर राज्य रहा है। परिणामस्वरूप, कई मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके।"
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।उन्होंने कहा कि 2014 में किसानों को गन्ने का बकाया भुगतान 57,000 करोड़ रुपये था, लेकिन इस साल उन्हें 1,14,000 करोड़ रुपये बकाया के रूप में भुगतान किया गया। उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स से देश की चीनी मिलें नाराज हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, "जब कद्दावर नेता कृषि मंत्री के रूप में दिल्ली में थे, तो मैं उन्हें बार-बार समझाता था, लेकिन उन्होंने आयकर के मुद्दे का समाधान नहीं किया। जब हम सत्ता में आए तो हमने एक समाधान प्रदान किया और सहकारी चीनी मिलों को आयकर माफ करके 10,000 करोड़ रुपये की राहत दी।"मोदी ने कहा कि कृषि मंत्री के रूप में पवार के कार्यकाल के दौरान सरकार ने किसानों से केवल 7.5 लाख करोड़ रुपये की कृषि उपज खरीदी। लेकिन पिछले 10 वर्षों में किसानों से 20 लाख करोड़ रुपये की उपज खरीदी गई है। सोमवार को पुणे में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने पवार पर हमला करते हुए कहा, "महाराष्ट्र में एक 'भटकती आत्मा' है। अगर वह सफलता का प्रबंधन नहीं करती है तो वह दूसरों के अच्छे काम को बर्बाद कर देती है। महाराष्ट्र इसका शिकार रहा है।" पीएम ने कहा,"यह खेल 45 साल पहले उसी नेता ने शुरू किया था। यह सिर्फ उनकी अपनी महत्वाकांक्षा के कारण था कि महाराष्ट्र हमेशा एक अस्थिर राज्य रहा है। परिणामस्वरूप, कई मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके।"