Maharashtra: दाऊद के रिश्तेदार से संबंध को लेकर भाजपा और विपक्ष भिड़े, एक शादी समारोह की तस्वीरें वायरल होने पर मचा हंगामा
सोमवार के दिन दाऊद की मौत को लेकर जमकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी कि वह मर गया लेकिन बाद में खबर झूठी निकली। लेकिन महाराष्ट्र में भाजपा सरकार के एक मंत्री भगोड़े अंडरवर्ल्ड डान दाऊद इब्राहिम से जुड़े एक परिवार के विवाह समारोह में शामिल हुए थे। इसके बाद राजनीति तेज हो गई है। वहीं फडणवीस ने आधारहीन आरोप लगाने के लिए विपक्ष से माफी मांगने की मांग की।
By Jagran NewsEdited By: Jeet KumarUpdated: Tue, 19 Dec 2023 06:53 AM (IST)
पीटीआई, नागपुर। महाराष्ट्र विधान परिषद में सोमवार को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सदस्य एकनाथ खडसे के उन आरोपों को खारिज कर दिया जिसके मुताबिक भाजपा सरकार के एक मंत्री 2017-18 में भगोड़े अंडरवर्ल्ड डान दाऊद इब्राहिम से जुड़े एक परिवार के विवाह समारोह में शामिल हुए थे। फडणवीस ने आधारहीन आरोप लगाने के लिए खडसे से विधान परिषद में माफी मांगने की मांग की।
तस्वीरें सामने आईं थी
राकांपा के शरद पवार गुट के खडसे ने सदन में कैबिनेट मंत्री की एक शादी समारोह में शामिल होने की कथित तस्वीरें दिखाईं। आरोप लगाया कि यह परिवार 1993 के मुंबई सिलसिलेवार धमाके के मुख्य आरोपित दाऊद इब्राहिम से जुड़ा है। विधान परिषद की सभापति नीलम गोरे ने निर्देश दिया कि मंत्री का नाम कार्यवाही से हटा दिया जाए।उन्होंने विपक्ष की चर्चा की मांग भी खारिज कर दी। गृह विभाग का भी कार्यभार संभाल रहे फडणवीस ने कहा, संबंधित मंत्री और कई अन्य नेता और सरकारी अधिकारी नासिक में प्रसिद्ध मुस्लिम धर्मगुरु जिन्हें शहर-ए-खातिब कहा जाता है के भतीजे की शादी में शामिल हुए थे।
शहर-ए-खातिब का दाऊद से कोई लेना-देना नहीं
उन्होंने कहा, 2017-18 में जांच दल ने साफ कहा है कि शहर-ए-खातिब का दाऊद से कोई लेना-देना नहीं है।फडणवीस फडणवीस ने उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना (यूबीटी) पर निशाना साधते हुए कहा, जब सलीम (सुधाकर) बडगुजर के साथ था तो ऐसा सख्त रुख क्यों नहीं अपनाया? बडगुजर शिवसेना (यूबीटी) की नासिक शहर इकाई के अध्यक्ष हैं।भाजपा विधायक नितेश राणे ने पिछले सप्ताह राज्य विधानसभा में तस्वीर प्रदर्शित की थी जिसमें दावा किया गया था कि बडगुजर ने एक पार्टी में दाऊद इब्राहिम के सहयोगी सलीम के साथ नृत्य किया था। इस बीच सत्तारूढ़ गठबंधन पर सदन में बोलने की अनुमति नहीं देने का आरोप लगाने के बाद विपक्षी सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन (वाकआउट) किया।