Move to Jagran APP

Maratha Quota Stir: हिंसा की जांच के लिए होगा SIT का गठन, फडणवीस ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का लिया संकल्प

बीड जिले में मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान आगजनी की जांच के लिए अगले दो दिनों में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाएगा। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने शुक्रवार को विधानसभा में घोषणा की। दरअसल प्रदर्शनकारियों ने अक्टूबर के अंत में मध्य महाराष्ट्र के बीड में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायकों संदीप क्षीरसागर और प्रकाश सोलंके के घरों को आग लगा दी थी।

By AgencyEdited By: Shalini KumariUpdated: Fri, 15 Dec 2023 05:00 PM (IST)
Hero Image
मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा पर देवेंद्र फडणवीस ने अपनाया कड़ा रुख
पीटीआई, नागपुर। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने शुक्रवार को विधानसभा में घोषणा की कि बीड जिले में मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान आगजनी की जांच के लिए अगले दो दिनों में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाएगा। साथ ही, हिंसा में शामिल सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वचन दिया।

विधायकों के घरों को लगाई थी आग

नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन हिंसक हो गया था। दरअसल, प्रदर्शनकारियों ने अक्टूबर के अंत में मध्य महाराष्ट्र के बीड में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायकों संदीप क्षीरसागर और प्रकाश सोलंके के घरों को आग लगा दी थी। सोलंकी के घर में भी तोड़फोड़ की गई थी।

मामले से जुड़े कई सबूत मिले

देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि घटना में शामिल लोगों पर मुकदमा चलाया जाएगा। दरअसल, वह क्षीरसागर द्वारा उठाए गए ध्यानाकर्षण का जवाब दे रहे थे, जिनका बीड शहर में घर आंदोलन के दौरान जला दिया गया था। फडणवीस ने कहा, "संदिग्धों पर मुकदमा चलाने के लिए कार्रवाई के लिए सबूत उपलब्ध हैं। जांच आगे बढ़ी है, मैं सदन की मंजूरी से एक एसआईटी का गठन करूंगा।"

राकांपा विधायक ने उठाया सवाल

राकांपा (शरद पवार समूह) के विधायक और राज्य के पूर्व गृह मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि पुलिस आगजनी करने वालों को रोकने के लिए हवा में गोली चला सकती थी। पाटिल ने कहा, "एक आरोपी व्यक्ति का नाम पप्पू शिंदे है। स्थानीय पुलिस ने आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया? कम से कम स्थानीय पुलिस द्वारा हवा में गोलीबारी करने से उनमें से कुछ हिंसक प्रदर्शनकारियों को रोका जा सकता था।"

यह भी पढ़ें: Maharashtra: मतांतरण कर दोहरा लाभ लेने वाले आदिवासियों की जांच करेगी समिति, मंत्री मंगल प्रभात बोले- प्रलोभन देकर हो रहा कर कन्वर्जन

'किसी को बख्शा नहीं जाएगा'

फडणवीस ने कहा कि गैरकानूनी कृत्य में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। उपमुख्यमंत्री ने कहा, "इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोई जरूरत नहीं है। जो भी इसमें शामिल है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हम किसी को नहीं छोड़ेंगे, मैं आपको अपना वचन देता हूं।"

हजारों की संख्या में इकट्ठा हुए आंदोलनकारी

30 अक्टूबर को घटनाओं के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, "5,000 लोगों की भीड़ माजलगांव में और अन्य 1,500 लोगों की भीड़ बीड शहर में इकट्ठा हुई थी। पुलिस अधीक्षक सबसे पहले पुलिस बल के साथ माजलगांव गए थे। बाद में, बीड शहर में हिंसा भड़क उठी और इसके कारण एसपी को बल को शहर में वापस ले जाना पड़ा।"

यह भी पढ़ें: Sheena Bora case: शीना बोरा हत्या मामले में CBI का एक्शन, राकेश मारिया समेत 22 अन्य गवाहों से अब नहीं होगी पूछताछ

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।