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'जो पुरुष नहीं कर सकते वो भी महिलाएं कर सकती हैं', ऐसा क्यों बोले RSS प्रमुख मोहन भागवत?

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि महिलाएं वह सब काम कर सकती हैं जो पुरुष कर सकते हैं। साथ ही कहा कि महिलाएं वह काम भी कर सकती हैं जो पुरुष नहीं कर सकते। महिलाओं की बहु-राज्य सहकारी समिति द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भागवत ने महिला मुक्ति शब्द के इस्तेमाल पर भी बात की। उन्होंने कहा महिला मुक्ति की भाषा गलत लगती है।

By Agency Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Tue, 10 Sep 2024 11:06 PM (IST)
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मोहन भागवत ने ''महिला मुक्ति'' शब्द के इस्तेमाल पर भी बात की
पीटीआई, नागपुर : आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि महिलाएं वह सब काम कर सकती हैं जो पुरुष कर सकते हैं। साथ ही कहा कि महिलाएं वह काम भी कर सकती हैं जो पुरुष नहीं कर सकते। महिलाओं की बहु-राज्य सहकारी समिति द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भागवत ने ''महिला मुक्ति'' शब्द के इस्तेमाल पर भी बात की। उन्होंने कहा, ''महिला मुक्ति'' की भाषा गलत लगती है।

अगर महिलाओं को वह सब करने की आजादी दी जाए जो वे करना चाहती हैं, तो हर कोई अपने आप मुक्त हो जाता है।''

'भारत में महिलाएं सिर्फ अपने बारे में नहीं सोचतीं'

आरएसएस प्रमुख ने कहा, ''भारत में महिलाएं सिर्फ अपने बारे में नहीं सोचतीं। उनमें वात्सल्य (मातृ प्रेम) का गुण अंतर्निहित है और इसलिए वे सभी के कल्याण के बारे में सोचती हैं। हम अपने घरों से लेकर संस्थानों तक में देखते हैं कि महिलाएं सभी के कल्याण के बारे में सोचती हैं।''

आरएसएस प्रमुख एमएस गोलवलकर की तस्वीर का अनावरण

भागवत ने कार्यक्रम में पूर्व आरएसएस प्रमुख एमएस गोलवलकर की एक तस्वीर का भी अनावरण किया। उन्होंने कार्यक्रम में गणेश पंडाल में आरती भी की और संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने सभी के कल्याण के लिए प्रार्थना की है।

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