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'जब समाधान नहीं मिला तो भगवान के सामने बैठ गया', सीजेआई चंद्रचूड़ ने बताई राम जन्मभूमि फैसले की कहानी

मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने रविवार को कहा कि कई बार होता है जब हमारे पास केस होता है और हमें कोई समाधान नहीं मिलता। ऐसा ही कुछ अयोध्या (रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद) को लेकर भी हुआ था। यह मामला मेरे पास तीन महीने के लिए था। तब मैं भगवान के आगे बैठ गया और उनसे प्रार्थना की कि वह इसका समाधान निकालें।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Sun, 20 Oct 2024 11:08 PM (IST)
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अयोध्या मुद्दे के समाधान के लिए भगवान से की थी प्रार्थना : सीजेआई

पीटीआई, पुणे। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि रामजन्मभूमि और विवादित ढांचे के विवाद के समाधान के लिए उन्होंने भगवान से प्रार्थना की थी। उन्होंने कहा कि अगर किसी की आस्था है तो भगवान जरूर कोई रास्ता दिखाते हैं।

अपने गांव में लोगों को सुनाई रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद की कहानी

सम्मानित किए जाने के बाद खेड़ तालुका के अपने पैतृक कानहेरसर गांव के निवासियों को संबोधित करते हुए मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने रविवार को कहा कि कई बार होता है जब हमारे पास केस होता है और हमें कोई समाधान नहीं मिलता। ऐसा ही कुछ अयोध्या (रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद) को लेकर भी हुआ था। यह मामला मेरे पास तीन महीने के लिए था। तब मैं भगवान के आगे बैठ गया और उनसे प्रार्थना की कि वह इसका समाधान निकालें।

सीजेआइ ने कहा कि वह नियमित रूप से पूजा-पाठ करते हैं। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ बोले, 'मेरा विश्वास कीजिए अगर आप आस्था रखते हैं तो ईश्वर आपके लिए कोई न कोई रास्ता निकाल देंगे।'

इसके अलावा अपने पैतृक गांव में न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सभी को समुदायों की रक्षा में अपनी भूमिका निभानी चाहिए, क्योंकि जलवायु परिवर्तन न केवल समृद्ध समाजों को बल्कि सबसे अधिक हाशिए पर रहने वाले लोगों को भी प्रभावित करता है।

पांच जजों की पीठ ने 9 नवंबर, 2019 को सुनाया था फैसला

उल्लेखनीय है कि तत्कालीन भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच जजों की पीठ ने 9 नवंबर, 2019 को एक सदी से भी पुराने विवाद पर विधि सम्मत तरीके से विराम लगाते हुए अयोध्या में राम मंदिर की स्थापना का आदेश दिया था।

खंडपीठ ने अपने फैसले में अयोध्या में ही एक मस्जिद के लिए सरकार को किसी वैकल्पिक स्थान पर पांच एकड़ जमीन देने का भी आदेश दिया था। सीजेआइ चंद्रचूड़ इस पांच सदस्यीय पीठ का हिस्सा थे। सीजेआइ चंद्रचूड़ ने इसी साल जुलाई में नवनिर्मित राम मंदिर के दर्शन किए थे और वहां पूजा-अर्चना भी की थी। इसी साल 22 जनवरी को राम लला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी।

सीजेआई गए थे राम मंदिर दर्शन करने

चंद्रचूड़ उस पीठ का हिस्सा थे जिसने ऐतिहासिक फैसला सुनाया था और उन्होंने इस साल जुलाई में अयोध्या में राम मंदिर में पूजा-अर्चना की थी। मूर्ति प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी, 2024 को हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मोहन भागवन आदि उपस्थित थे। इससे पहले पीएम मोदी गणेश पूजा के दौरान सीजेआई के घर आए थे और वहां पूजा अर्चना की थी।

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