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Maharashtra: मनोज जारांगे के खिलाफ धोखाधड़ी मामले में गैर-जमानती वारंट जारी, अदालत के सामने नहीं हुए पेश

पुणे की एक अदालत ने मंगलवार को मराठा कोटा कार्यकर्ता मनोज जारांगे के खिलाफ 2013 के धोखाधड़ी के एक मामले में गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया क्योंकि वह कोर्ट के सामने पेश होने में विफल रहे। मनोज जारांगे ने 20 जुलाई से जालना जिले के अपने गांव में आरक्षण की मांग को लेकर एक नई अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की है।

By Agency Edited By: Jeet Kumar Updated: Wed, 24 Jul 2024 02:48 AM (IST)
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मनोज जारांगे के खिलाफ धोखाधड़ी मामले में गैर-जमानती वारंट जारी

 पीटीआई, पुणे। पुणे की एक अदालत ने मंगलवार को मराठा कोटा कार्यकर्ता मनोज जारांगे के खिलाफ 2013 के धोखाधड़ी के एक मामले में गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया क्योंकि वह कोर्ट के सामने पेश होने में विफल रहे। मनोज जारांगे ने 20 जुलाई से जालना जिले के अपने गांव में आरक्षण की मांग को लेकर एक नई अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की है।

उनके वकील ने कहा कि मामले में मंगलवार को यहां न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष सुनवाई होनी थी, लेकिन जारांगे इस समय भूख हड़ताल पर हैं, इसलिए वह उपस्थित नहीं हो सके। अपने खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद वह 31 मई को अदालत में पेश हुए थे। इसके बाद अदालत ने एनबीडब्ल्यू रद्द कर दिया लेकिन उस पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया।

ये है पूरा मामला

2013 में मनोज जारांगे और दो अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 406 (आपराधिक विश्वासघात) के तहत मामला दर्ज किया गया था। मनोज जारांगे और सह-आरोपी ने 2012 में शिकायतकर्ता से संपर्क किया था, जो जालना जिले में शंभुराजे के छह शो के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज पर नाटक का मंचन करता है और उसे 30 लाख रुपये की पेशकश की थी।

जबकि 16 लाख रुपये का भुगतान किया गया था, शेष पैसे पर कुछ विवाद था, जिसके कारण शिकायत हुई। इसके बाद कोर्ट ने पुलिस को मामला दर्ज करने का आदेश दिया।

जारांगे को कोई समन जारी नहीं किया

हर्षद निंबालकर ने कहा कि जारांगे ने 2013 में मामले में अग्रिम (गिरफ्तारी से पहले) जमानत हासिल कर ली थी। पुलिस ने आरोप पत्र दायर किया लेकिन जारांगे को कोई समन जारी नहीं किया गया। अदालत ने जनवरी 2024 में मामले का संज्ञान लिया और उन्हें दो समन जारी किए।