Pune: देश का एक ऐसा पुलिस स्टेशन जहां शाम होते ही पुलिसवाले बन जाते हैं सिंगर, गाते हैं लता-रफी के गाने
वरिष्ठ निरीक्षक अशोक कदम ने कहा आज हमारे पास पुलिस अधिकारियों कांस्टेबलों और यहां तक कि एक चपरासी सहित लगभग 15 पुलिसकर्मी हैं जो म्यूजिक रुम में नियमित रूप से गाते हैं। वे इस म्यूजिक रुम में लता मंगेशकर किशोर कुमार मोहम्मद रफी के पुराने हिट गाने गाते हैं।
पुणे, एजेंसी। पुणे का लश्कर पुलिस थाना इन दिनों चर्चाओं का विषय बना हुआ है। यहां काम के साथ पुलिसकर्मियों के लिए गाने की भी व्यवस्था का भी पूरा इंतजाम हैं। दरअसल, पुणे शहर के छावनी क्षेत्र में स्थित पुलिस स्टेशन महाराष्ट्र का पहला ऐसा स्टेशन है, जहां एक म्यूजिक रूम की व्यवस्था है। इस पुलिस स्टेशन में कराओके सिस्टम, स्पीकर, साउंड मिक्सर मौजूद है।
पुलिस स्टेशन में गाना गाते हैं पुलिसकर्मी
बता दें कि दिन भर की कड़ी मेहनत के बाद पुलिस स्टेशन में तैनात पुलिसकर्मी इस कमरे में आकर आराम करते हैं और यहां लता मंगेशकर, किशोर कुमार, मोहम्मद रफी के पुराने हिट गाने गाते हैं। वरिष्ठ निरीक्षक अशोक कदम ने कहा कि कोविड-19 महामारी के खत्म होने के बाद अपने पुलिसकर्मियों को तनावमुक्त करने के लिए हमने एक संगीत चिकित्सक डॉ. संतोष बोराडे की मदद से एक संगीत चिकित्सा सत्र आयोजित किया। डॉ. बोराडे के सुझाव पर थाने में एक छोटा स्पीकर और माइक लगा दिया गया।
पुलिसकर्मियों के आराम के लिए किया गया गाने का इंतजाम
अशोक कदम ने कहा कि चूंकि हमारा पुलिस स्टेशन हमेशा ड्यूटी के दबाव में रहता है और हम सभी पर कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी होती है, इसलिए पुलिसकर्मियों को इस तरह के आराम की जरूरत थी। माइक और स्पीकर की व्यवस्था होने से यहां तैनात जिन पुलिसकर्मियों को गाने का शौक है, वह यहां आकर गाना गाते हैं।
गुरुद्वारे ने की म्यूजिक सिस्टम दिलाने में मदद
इसके बाद पुलिस स्टेशन में गाने की व्यवस्था के बेहतर इंतजाम करने के लिए पुलिस अधिकारियों की ओर से कदम उठाए गए। जिसके बाद यहां कराओके सिस्टम, मिक्सर और सिंगिंग माइक जैसे कुछ उच्च-स्तरीय उपकरण लगाए गए। इसके लिए एक स्थानीय गुरुद्वारे ने पुलिस स्टेशन की मदद भी की।
म्यूजिक रुम में रोजाना गाते हैं पुलिसकर्मी
अशोक कदम ने कहा आज हमारे पास पुलिस अधिकारियों, कांस्टेबलों और यहां तक कि एक चपरासी सहित लगभग 15 पुलिसकर्मी हैं, जो म्यूजिक रुम में नियमित रूप से गाते हैं। उन्होंने बताया कि जब इस पहल के बारे में पुलिस आयुक्त और संयुक्त पुलिस आयुक्त सहित वरिष्ठ अधिकारियों को पता चला तो उन्होंने थाने के कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया।
म्यूजिक रुम मिलने से खुश हुए पुलिसकर्मी
वहीं, सब-इंस्पेक्टर विनायक गूजर ने बताया कि उन्हें गाना हमेशा से पसंद था, लेकिन नौकरी की वजह से यह शौक पीछे छूट गया। अब वह हर दिन ड्यूटी के घंटों के बाद गाने का अभ्यास करते हैं। उन्होंने कहा कि हम में से कोई पंद्रह कर्मचारी शाम 7 बजे के बाद म्यूजिक रुम में इकट्ठा होते हैं और गाना गाते हैं। गूजर ने कहा कि कभी-कभी स्थानीय संगीत प्रेमी भी उनके साथ म्यूजिक सेशन में शामिल हो जाते हैं।