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पुणे कार दुर्घटना के आरोपित किशोर की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी पुणे पुलिस, ये है वजह

किशोर को 19 मई को दुर्घटना के कुछ घंटों बाद ही जमानत मिल गई थी लेकिन लोगों के विरोध प्रदर्शन के कारण तीन दिन बाद उसे महाराष्ट्र के पुणे शहर में निगरानी गृह में भेज दिया गया था। इसके बाद किशोर को बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद निगरानी गृह से रिहा कर दिया गया था और उसकी देखरेख का जिम्मा उसकी चाची को सौंप दिया था।

By Agency Edited By: Abhinav Atrey Updated: Mon, 01 Jul 2024 11:45 PM (IST)
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आरोपित किशोर को हाई कोर्ट ने निगरानी गृह से किया था रिहा। (फाइल फोटो)
पीटीआई, पुणे। पुणे पुलिस पोर्श कार दुर्घटना के आरोपित 17 वर्षीय लड़के को रिहा करने के बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की योजना बना रही है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने 25 जून को निर्देश दिया था कि पोर्श कार दुर्घटना में शामिल किशोर को तत्काल रिहा किया जाए, क्योंकि उसे निगरानी गृह भेजने का किशोर न्याय बोर्ड का आदेश अवैध है और किशोरों से संबंधित कानून का पूरी तरह से पालन किया जाना चाहिए।

गौरतलब है कि किशोर को 19 मई को दुर्घटना के कुछ घंटों बाद ही जमानत मिल गई थी, लेकिन लोगों के विरोध प्रदर्शन के कारण तीन दिन बाद उसे महाराष्ट्र के पुणे शहर में निगरानी गृह में भेज दिया गया था।

किशोर को निगरानी गृह से रिहा कर दिया गया था

इसके बाद किशोर को बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद निगरानी गृह से रिहा कर दिया गया था और उसकी देखरेख का जिम्मा उसकी चाची को सौंप दिया था।

शराब के नशे में कार चला रहे किशोर ने वाहन को टक्कर मारी

पुलिस का दावा है कि 19 मई की सुबह शराब के नशे में कार चला रहे किशोर ने पुणे के कल्याणी नगर इलाके में एक दोपहिया वाहन को टक्कर मार दी थी, जिससे दो आईटी पेशेवरों की मौत हो गई थी। यह महंगी कार उसके रियल एस्टेट कारोबारी पिता की थी।

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