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किशोर बोर्ड ने पुणे पुलिस को नाबालिग से पूछताछ की दी अनुमति, पिता और दादा को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

किशोर न्याय बोर्ड ने पुलिस को पोर्श कार दुर्घटना में शामिल नाबालिग से पूछताछ करने की अनुमति दे दी है। किशोर न्याय अधिनियम के अनुसार किसी नाबालिग से पूछताछ उसके माता-पिता की उपस्थिति में की जाएगी।पुणे की एक अदालत ने कार दुर्घटना में शामिल नाबालिग के पिता और दादा को उनके चालक के अपहरण एवं बंधक बनाने में भूमिका को लेकर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

By Agency Edited By: Sonu Gupta Updated: Sat, 01 Jun 2024 12:16 AM (IST)
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किशोर बोर्ड ने पुणे पुलिस को नाबालिग से पूछताछ की दी अनुमति। फाइल फोटो
पीटीआई, पुणे। किशोर न्याय बोर्ड ने पुलिस को पोर्श कार दुर्घटना में शामिल नाबालिग से पूछताछ करने की शुक्रवार को अनुमति दे दी है। इस हादसे में नाबालिग की कार से दो साफ्टवेयर इंजीनियर की मौत हो गई थी। पुलिस ने किशोर न्याय बोर्ड को पत्र लिखकर 17 वर्षीय किशोर के खिलाफ जांच की अनुमति मांगी थी। किशोर वर्तमान में सुधार गृह में है।

माता-पिता की उपस्थिति में की जाएगी पूछताछ

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त शैलेश बलकवडे ने कहा कि किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष सुनवाई हुई और उसने हमारी याचिका स्वीकार कर ली। पुलिस का दावा है कि पुणे के कल्याणी नगर में 19 मई को हादसे के वक्त पोर्श कार को नाबालिग नशे की हालत में चला रहा था। किशोर न्याय अधिनियम के अनुसार, किसी नाबालिग से पूछताछ उसके माता-पिता की उपस्थिति में की जाएगी।

नाबालिग के खिलाफ जांच करेगी पुलिस

हादसे को लेकर सामने आए नए घटनाक्रमों के बीच पुलिस नाबालिग के खिलाफ जांच करेगी। इन घटनाक्रमों में ससून जनरल अस्पताल में रक्त नमूनों में कथित हेरफेर शामिल है, जिसके सिलसिले में अस्पताल के दो चिकित्सकों को गिरफ्तार किया गया है।

14 दिन की न्यायिक हिरासत में है पिता

वहीं, महिला एवं बाल विकास विभाग के आयुक्त प्रशांत नारनवरे ने बताया कि उपायुक्त की अध्यक्षता वाली समिति अगले सप्ताह तक अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। इससे पूर्व पुणे की एक अदालत ने कार दुर्घटना में शामिल नाबालिग के पिता और दादा को उनके चालक के अपहरण एवं बंधक बनाने में भूमिका को लेकर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

महाराष्ट्र के मंत्री ने अस्पताल को लेकर क्या कहा?

रियल एस्टेट कारोबारी विशाल अग्रवाल और उनके पिता को पुलिस हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट एए पांडे की अदालत में पेश किया गया था।

इसके अलावा महाराष्ट्र सरकार का महिला एवं बाल विकास विभाग किशोर न्याय बोर्ड के सदस्यों को किशोर न्याय अधिनियम के प्रविधानों के प्रति और संवेदनशील बनाने के लिए कार्यशालाएं आयोजित करेगा। महाराष्ट्र के मंत्री हसन मुश्रीफ ने सिविल अस्पतालों में व्यवस्था को पूर्णतया दुरुस्त बनाने का वादा किया है।

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