Maharashtra: शरद गुट ने काला फीता बांधकर चुनाव आयोग के फैसले का किया विरोध, कहा- नए चुनाव चिह्न के साथ जनता के पास जाएंगे
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के संस्थापक शरद पवार के समर्थकों ने बुधवार को पुणे और आसपास के इलाकों में काला फीता बांधकर अजित पवार गुट को असली राकांपा के रूप में मान्यता देने के चुनाव आयोग के निर्णय को लेकर विरोध जताया। चुनाव आयोग का यह फैसला मंगलवार को आया है। पवार गुट ने पुणे के पास पिंपरी-चिंचवड़ क्षेत्र में चुनाव आयोग के निर्णय पर विरोध जताया।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के संस्थापक शरद पवार के समर्थकों ने बुधवार को पुणे और आसपास के इलाकों में काला फीता बांधकर अजित पवार गुट को असली राकांपा के रूप में मान्यता देने के चुनाव आयोग के निर्णय को लेकर विरोध जताया। चुनाव आयोग का यह फैसला मंगलवार को आया है।
पुणे के निकट पिंपरी-चिंचवड़ क्षेत्र में चुनाव आयोग के निर्णय पर विरोध जता रहे शरद पवार के समर्थकों का कहना था कि उनके लिए शरद पवार का मतलब पार्टी और प्रतीक है। राज्य में हर व्यक्ति जानता है कि राकांपा वास्तव में किसकी है। पवार समर्थक एक महिला ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि शरद पवार को इस तरह की स्थिति का सामना करना पड़ा है। लेकिन, दुखद यह है कि परिवार के किसी व्यक्ति ने पार्टी तोड़ दी। मुझे भरोसा है कि महाराष्ट्र के लोग उन्हें उचित जवाब देंगे।
नए नाम और चुनाव चिह्न के साथ लोगों के पास जाएंगे
उन्होंने कहा कि हम काला फीता बांधकर और काले कपड़े पहनकर चुनाव आयोग के निर्णय का विरोध कर रहे हैं। पुणे में राकांपा (शरद पवार गुट) की शहर इकाई के अध्यक्ष प्रशांत जगताप ने कहा कि वे नए नाम और चुनाव चिह्न के साथ लोगों के पास जाएंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी को छीनने के दूसरे गुट के कृत्य से शरद पवार पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि अधिक से अधिक लोग उनके समर्थन में सामने आएंगे।असली राकांपा वही होगी, जहां शरद पवार हैं
राउत शरद पवार गुट के सहयोगी दल शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता संजय राउत ने भी चुनाव आयोग के निर्णय को लोकतंत्र की पीठ में छुरा घोंपना करार दिया। असली शिवसेना वही होगी जहां ठाकरे हैं और असली राकांपा भी वही होगी जहां शरद पवार हैं। राउत ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार के गुट को असली राकांपा के रूप में मान्यता देने के अपने फैसले के माध्यम से लोकतंत्र की पीठ में छुरा घोंपा है।इतिहास ने इस तरह का अन्याय नहीं देखा
नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राउत ने कहा कि इतिहास ने उस तरह का अन्याय नहीं देखा है जो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के संस्थापक शरद पवार और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ हुआ था।ये भी पढ़ें: जबरन वसूली मामले में गिरफ्तार आरोपितों के पास से मिले 200 से अधिक दस्तावेज, ईडी को 100 करोड़ उगाही की आशंका
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।