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Maharashtra Politics: क्या अजित पवार की होगी घर वापसी? चाचा शरद ने दिया दो टूक जवाब

पुणे में एक प्रेस कांफ्रेंस में शरद पवार ने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। जब उनसे पूछा गया कि क्या उनके भतीजे और महायुति सरकार में वर्तमान उपमुख्यमंत्री का पार्टी में स्वागत किया जाएगा। इसपर उन्होंने कहा कि घर में सभी के लिए जगह है। इस तरह के फैसले व्यक्तिगत स्तर पर नहीं लिए जा सकते। संकट के दौरान मेरे साथ खड़े मेरे सहयोगियों से पहले पूछा जाएगा।

By Agency Edited By: Abhinav Atrey Updated: Thu, 18 Jul 2024 09:12 AM (IST)
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इस तरह के फैसले व्यक्तिगत स्तर पर नहीं लिए जाते- शरद पवार (फाइल फोटो)

पीटीआई, पुणे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) अध्यक्ष और महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार की भाजपा गठबंधन में चल रही खटपट के बीच अविभाजित एनसीपी प्रमुख शरद पवार का बड़ा बयान सामने आया है। वरिष्ठ नेता ने अजित पवार की वापसी पर कहा है कि उनकी या किसी भी नेता की पार्टी में वापसी का निर्णय पार्टी के सहयोगियों से पूछकर लेंगे।

शरद पवार ने कहा कि उनकी पार्टी एनसीपी (शरद पवार) में किसी भी नेता की एंट्री को लेकर निर्णय पार्टी नेताओं से चर्चा के बाद होगा। हालांकि उन्होंने अजित पवार की वापसी पर साफ जवाब नहीं दिया।

इस तरह के फैसले व्यक्तिगत स्तर पर नहीं लिए जाते

पुणे में एक प्रेस कांफ्रेंस में शरद पवार ने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। जब उनसे पूछा गया कि क्या उनके भतीजे और महायुति सरकार में वर्तमान उपमुख्यमंत्री का पार्टी में स्वागत किया जाएगा। इसपर उन्होंने कहा, "घर में सभी के लिए जगह है। इस तरह के फैसले व्यक्तिगत स्तर पर नहीं लिए जा सकते। संकट के दौरान मेरे साथ खड़े मेरे सहयोगियों से पहले पूछा जाएगा।"

आरएसएस ने अजित पवार को लेकर उठाया सवाल

यह घटनाक्रम महाराष्ट्र में भाजपा के अजित पवार के साथ गठबंधन को लेकर उठे सवाल के बाद आया है। दरअसल, पिछले महीने हुए लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में भाजपा को भारी नुकसान उठाना पड़ा। राज्य में मिली करारी हार के बाद आरएसएस से जुड़ी मराठी पत्रिका ने एक आर्टिकल में अजित पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को हार का जिम्मेदार ठहराया है।

अजित पवार ने तोड़ दी थी शरद पवार की एनसीपी

बता दें कि जुलाई 2023 में अजित पवार ने शरद पवार की एनसीपी को तोड़ दिया था और अपने साथ कुछ वफादार विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार में शामिल हो गए थे। महायुति सरकार में शिवसेना और भाजपा शामिल हैं। यही नहीं अजित ने चुनाव आयोग से पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह-घड़ी पर भी कब्जा जमा लिया।

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