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Stock Market में पैसिव इनवेस्टिंग करनी है? ईटीएफ और इंडेक्स फंड से कमाएं शानदार रिटर्न

जब आप किसी इंडेक्स फंड में पैसा निवेश करते हैं तो एसेट मैनेजमेंट कंपनी आपके फंड को अपने एयूएम में एड करती है और फिर बेंचमार्क के अनुरूप सिक्युरिटीज खरीदने का काम करती है। जब आप रिडीम करने जाते हैं तो ठीक इसके विपरीत होता है।

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Updated: Sat, 05 Nov 2022 04:48 PM (IST)
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Passive Investing in Stock Market, know all details
नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। आजकल निवेशक पैसिव इनवेस्टिंग में काफी दिलचस्पी ले रहे हैं। मार्केट में नए-नए निवेश विकल्प आ रहे हैं। इस समय इक्विटी मार्केट में पैसिव इनवेस्टिंग के दो तरीके हैं। आप म्यूचुअल फंड्स के जरिए निवेश कर सकते हैं। विशेष रूप से इंडेक्स फंड के जरिए। इसके अलावा आप एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ईटीएफ के जरिए भी निवेश कर सकते हैं। ये विकल्प एक तरह से निफ्टी और सेंसेक्स जैसे सूचकांकों के मिरर ही हैं। ये विकल्प केवल व्यापक सूचकांकों तक ही सीमित नहीं हैं, गोल्ड, कमोडिटीज, बैंक्स और हेल्थकेयर जैसे कई ईटीएफ हैं। अक्सर लोग इंडेक्स फंड और ईटीएफ के बीच कंफ्यूज हो जाते हैं। इन दोनों के बीच का अंतर समझने से पहले आइए जानते हैं कि ये क्या ऑफर करते हैं।

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ईटीएफ और इंडेक्स फंड क्या ऑफर करते हैं?

  • ये दोनों प्रोडक्ट दसियों, सैकड़ों और यहां तक कि हजारों सिक्युरिटीज में पर्याप्त डायवर्सिफिकेशन ऑफर करते हैं।
  • ये एक लो एक्सपेंस रेशियो ऑफर करते हैं।
  • ये निवेशक को एक मजबूत लॉन्ग-टर्म रिटर्न ऑफर करते हैं।

ईटीएफ और इंडेक्स फंड में अंतर

1. फंड मैनेजमेंट का स्टाइल

इंडेक्स फंड्स पैसिवली मैनेज्ड इंस्ट्रूमेंट्स हैं। लेकिन ईटीएफ के मामले में ऐसा जरूरी नहीं है। ईटीएफ को पैसिवली भी मैनेज किया जा सकता है और एक्टिवली भी मैनेज किया जा सकता है। एक्टिवली मैनेजमेंट में एक इनवेस्टमेंट टीम होती है, जो कंपनियों पर रिसर्च करती है और ईटीएफ के लिए पोर्टफोलियो अलोकेशन के लिए फैसले लेती है।

2. ट्रेडिंग स्टाइल का अंतर

ऑपरेशनल पर्सपेक्टिव से इंडेक्स फंड एक म्यूचुअल फंड होता है। जबकि ईटीएफ स्टॉक्स जैसे ही काम करते हैं। ईटीएफ, स्टॉक की तरह ही होते हैं। इनमें पूरे दिन कीमतों के ऊपर-नीचे होने के साथ ट्रेड किया जा सकता है। जबकि इंडेक्स फंड को केवल उसी कीमत पर खरीदा और बेचा जा सकता है, जो कि हर ट्रेडिंग डे के आखिर में पब्लिश होती है।

3. न्यूनतम निवेश का अंतर

ईटीएफ्स को यूनिट्स में खरीदा जाता है। इन्हें 1 यूनिट, 7 यूनिट, 100 यूनिट आदि में खरीद सकते हैं। जबकि इंडेक्स फंड आम तौर पर एक राशि के रूप में खरीदे जाते हैं। जैसे 500 रुपये के इंडेक्स फंड, 1000 रुपये या 10,000 रुपये के इंडेक्स धन आदि।

4. एक्सपेंस रेशियो

ईटीएफ और इंडेक्स फंड्स दोनों ही आमतौर पर लो एक्सपेंस रेशियो के साथ आते हैं। लेकिन ईटीएफ अधिकतर इंडेक्स फंड्स से सस्ते आते हैं। बता दें कि 5पैसा डॉट कॉम फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए एक बेहतर प्लेटफॉर्म है। यहां आप म्यूचुअल फंड में भी पैसा लगा सकते हैं। खास बात यह है कि यहां जीरो ब्रोकरेज की सुविधा मिलती है।

5. लिक्विडिटी

जब आप किसी इंडेक्स फंड में पैसा निवेश करते हैं, तो एसेट मैनेजमेंट कंपनी आपके फंड को अपने एयूएम में एड करती है और फिर बेंचमार्क के अनुरूप सिक्युरिटीज खरीदने का काम करती है। जब आप रिडीम करने जाते हैं तो ठीक इसके विपरीत होता है। इसलिए इंडेक्स फंड्स के साथ लिक्विडिटी का कोई इश्यू नहीं होता। हालांकि, जब ईटीएफ की बात आती है, तो लिक्विडिटी की कमी निश्चित रूप से चिंता का विषय हो सकती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि इंडेक्स फंड के विपरीत, यहां निवेशक किसी इक्विटी शेयर की तरह ही ईटीएफ खरीद रहा है।

6. एसआईपी

सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान्स या एसआईपी रिटेल इनवेस्टर्स के लिए निवेश का एक पॉपुलर मैथड़ है। इंडेक्स फंड्स एसआईपी सुविधा की पेशकश करते हैं। वहीं, ईटीएफ्स आमतौर पर एसआईपी के विकल्प की पेशकश नहीं करते हैं।

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