Share Market में पैसे बनाने की Short Selling स्ट्रेटजी, Hindenburg ने इसी ट्रिक से कमाई दौलत
इन दिनों शार्ट सेलिंग की बहुत चर्चा है। जाने-माने शार्ट सेलर हिंडेनबर्ग के अदाणी समूह पर रिपोर्ट जारी करने के बाद इसकी चर्चा अधिक तेज हो गई है। आइए जानते हैं कि शार्ट शेलिंग क्या होती है और इसके क्या फायदे या नुकसान हैं।
By Siddharth PriyadarshiEdited By: Siddharth PriyadarshiUpdated: Sat, 18 Feb 2023 12:22 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। पिछले कई दिनों से Hindenburg और Adani Groups चर्चा में हैं। Hindenburg एक अमेरिकी रिसर्च फर्म है जो कम्पनियों के फाइनेंस पर रिसर्च करती है। इस फर्म की रिपोर्ट आने के बाद से ही Adani Group के शेयर्स तेजी से नीचे गिर रहे हैं।
यह कम्पनी Short Selling के जरिये पैसा कमाती है। यह एक ट्रेडिंग स्ट्रेटजी है जो कि बाजार के Bearish या धीमा होने पर इस्तेमाल की जाती है। जब ट्रेडर को लगता है कि आने वाले समय में किसी कम्पनी के स्टॉक की कीमत नीचे गिरेगी ऐसे समय में ट्रेडर इस स्ट्रेटजी का इस्तेमाल करते हैं।
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क्या होती है शार्ट सेलिंग
Short Selling करने के लिए निवेशक किसी कम्पनी के शेयर या Securities खरीदते नहीं, बल्कि उन्हें पहले उधार लेकर अपनी पोजीशन बनाते हैं और फिर आज की Market Price पर दूसरे निवेशकों को बेच देते हैं। जिसके बाद जब उस स्टॉक की प्राइस नीचे गिरती है तब उसे सस्ती कीमत में खरीद कर अपनी Position Settle करते हैं।इस तरह वो पहले उधार लिए हुए शेयर्स को Current Market Price पर बेचते हैं और फिर कीमत गिरने पर उन Shares को खरीद कर अपने Stocks को Settle करते हैं। मतलब मंहगी कीमत पर बेचना और फिर सस्ती कीमत पर खरीदना।