शॉर्ट टर्म में कमाना चाहते हैं बेहतर मुनाफा? इन विकल्पों पर रखें नजर
अगर अपने पैसों को किसी इन्वेस्टमेंट विकल्प में लगाते हैं तो उसके डूबने की आशंका काफी कम होती है। वहीं आप पैसे से पैसा बनाने लगते हैं। इसके लिए आप सही इन्वेस्टमेंट विकल्पों का चयन करें। जानिए क्या हैं विकल्प।
By Siddharth PriyadarshiEdited By: Siddharth PriyadarshiUpdated: Mon, 30 Jan 2023 10:54 AM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। पैसों के लिए काम मत कीजिए, अपने पैसों को काम पर लगाइए। ये कहानी उन व्यक्ति के लिए सटीक है जो ये जानते हैं कि उन्हें कहां इन्वेस्टमेंट करना है और कहां नहीं। अगर अपने पैसों को किसी इन्वेस्टमेंट विकल्प में लगाते हैं तो उसके डूबने की आशंका काफी कम होती है। वहीं आप पैसे से पैसा बनाने लगते हैं। इसके लिए आप सही इन्वेस्टमेंट विकल्पों का चयन करें। लॉग टर्म के इन्वेस्टमेंट हमेशा हमेशा ध्यान खींचते हैं लेकिन हमें शॉर्ट टर्म के निवेश विकल्पों पर भी ध्यान देना चाहिए। ऐसे ऑप्शंस जो आपके पैसे को 1-5 साल में दोगुना कर दे।
अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन फंड
यह एक तरीके से डेट फंड होता है जो कंपनियों को 3 से 6 महीने के लिए उधार देता है। वहीं इन फंडों की ऋण अवधि कम होती है, इसलिए इनमें थोड़ा सा ज्यादा रिस्क होता है। ये तब भी इन्वेस्टमेंट के लिए सबसे कम रिस्क वाली योजनाओं में से एक हैं। कम-से-कम 3 महीने के लिए इन्वेस्टमेंट करने पर यहां पैसा डूबने की डर न के बराबर होगी।
लिक्विड फंड्स
लिक्विड फंड का इस्तेमाल 1 दिन से लेकर 90 दिनों तक के इन्वेस्टमेंट के लिए किया जा सकता है। जैसे ही आप इसे रीडीम करते हैं तो पैसा आपके खाते में 2 से 3 दिनों के भीतर जमा कर दिया जाता है। वहीं इसके नेट एसेट वैल्यू में बहुत कम गिरावट देखने को मिलती है। साथ ही लिक्विड फंड पर टैक्स के बाद रिटर्न 4% से 7% के बीच है।
आर्बिटराज फंड
इसमें एक आर्बिट्राज फंड में इक्विटी और फीचर्स दोनों ही शामिल होते हैं। इसमें आपको 8 से 9 प्रतिशत के वार्षिक रिटर्न मिल सकता है। साथ ही इन पर इक्विटी फंड की तरह पैसा लगाया जाता है। लंबी अवधि गेन पर इक्विटी में 10% का टैक्स लगता और तब इससे होने वाला प्रॉफ़िट कम लग सकता है।मनी मार्केट फंडये म्यूचुअल फंड्स में से सबसे कम रिस्क वाले प्रोडक्ट हैं। आमतौर पर, मनी मार्केट फंड अल्पकालिक सरकारी इन्वेस्टमेंट ऑप्शन, जैसे कॉल मनी मार्केट, कमर्शियल पेपर, ट्रेजरी बिल और 3 महीने से एक साल के बीच मैच्योरिटी वाली बैंक सीडी में इन्वेस्टमेंट करते हैं। डिफ़ॉल्ट और ब्याज दर में उतार-चढ़ाव का रिस्क न्यूनतम होता है।
लेखक- सुमित रजक