क्या होता है PEG Ratio, कैसे करते हैं किसी कंपनी के PEG Ratio को कैलकुलेट,
किसी कंपनी का मूल्यांकन उस कंपनी के एसेट के एनालिसिस से किया जाता है। वहीं मूल्यांकन कई टेक्निकल के माध्यम से किया जाता है। मूल्यांकन Ratio की गणना और एनालिसिस कंपनी का मूल्यांकन का एक सामान्य और बुनियादी तरीका हो सकता है।
By Siddharth PriyadarshiEdited By: Updated: Sat, 17 Dec 2022 08:42 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कंपनी में इन्वेस्टमेंट करने से सबसे पहले उस कंपनी के बारे में अच्छी तरह से मूल्यांकन करना जरूरी होता है। बता दें कि, कंपनी का मूल्यांकन करने के कई स्केल या पैरामीटर होते है। वहीं, इसके लिए कोई पैरामीटर नहीं होता हैं। इसके लिए इन्वेस्टर को कई इन्डिकैटर का एनालाइसिस करना पड़ता है। इसी में एक PEG Ratio होता हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से जानते हैं कि क्या होता है PEG Ratio
5paisa के साथ शुरू करें निवेश का सफर, विजिट करें- https://bit.ly/3n7jRhXबता दें कि, किसी कंपनी का मूल्यांकन उस कंपनी के एसेट के एनालिसिस से किया जाता है। वहीं, मूल्यांकन कई टेक्निकल के माध्यम से किया जाता है। मूल्यांकन Ratio की गणना और एनालिसिस कंपनी का मूल्यांकन का एक सामान्य और बुनियादी तरीका हो सकता है। बता दें कि, Price Earning To Growth Ratio या PEG Ratio एक मूल्यांकन Ratio होता है, जो कंपनी के एनालिसिस में हेल्प करता है। और ये कंपनी को पहचानने में मदद करता है कि स्टॉक Overvalued है, Undervalued है या Fair Valued हैं या नहीं। एक तरीके से यह किसी कंपनी के फंडामेंटल एनालाइसिस करने में भी हेल्प करता है और नये इन्वेस्टर के लिए ये स्टॉक मार्केट में एक Indicator की तरह काम करता है। जैसा कि, Price Per Earning Ratio या PE Ratio वह प्राइस होता है जो खरीदार कंपनी द्वारा अर्जित प्रत्येक रुपये के लिए पेमेंट करता है। इसी प्रोसेस के अनुसार, PEG Ratio कंपनी के प्रॉफ़िट या प्रॉफ़िट वृद्धि दर की वृद्धि दर के मुकाबले P/E का Ratio होता है।
PEG Ratio का मतलब
दरअसल, PEG Ratio में PE, P/E Ratio के लिए होता है, और G प्रॉफ़िट के लिए होता है। किसी कंपनी का PEG Ratio उसके P/E Ratio और उसकी Profit Growth Rate का Ratio होता है। यानि कि PEG Ratio = Price Per Earning Ratio (P/E Ratio) / Profit Growth Rate over the years, ये यह बताता है कि किसी कंपनी का Price Earnings Ratio उसकी प्रॉफ़िट में बढोतरी दर से ज्यादा नहीं होना चाहिए। PE को वर्षों में लाभ वृद्धि से कम या उसके बराबर होना चाहिए। इसका मतलब यह है कि PEG Ratio को 1 या थोड़ा 1 के आसपास होना चाहिए। आमतौर पर, PEG Ratio स्थिर आय वाली कंपनियों के लिए उचित मूल्यांकन तकनीक है। यह FMCG और Pharma और यहां तक कि कुछ IT कंपनियों के लिए भी होता है, जहां आय नियमित रूप से बढ़ती रहती है।
PEG Ratio के लिए Profit Growth Rate की टर्म
भारतीय स्टॉक मार्केट में शेयरों के PEG Ratio पर विचार करते समय अवधि पर ध्यान देना चाहिए। वहीं आपको हमेशा कंपनी के हर अपडेट को जानना भी जरूरी होता है। यदि पिछले 1 वर्ष की बढ़ोतरी दर पिछले 3 वर्षों में बढोतरी दर के साथ अधिक समान है, तो तीन वर्षों के लिए लाभ बढोतरी दर पर विचार करना चाहिए। वहीं, यदि कंपनी ने लगातार पांच वर्षों में समान प्रदर्शन किया है तो 5 वर्ष की टर्म यानी कि लॉंग टर्म पर विचार किया जाना चाहिए। साथ ही, आदर्श रूप से उस समय अवधि पर विचार करना चाहिए जो हाल की अनुमान के साथ ज्यादा consistent हो, जैसे कि पिछले एक वर्ष में जो हुआ हो। यदि न तो तीन और न ही पांच साल की अवधि के लिए समान हो तो यह Ratio हेल्प नहीं करेगा। क्योंकि यह उन कंपनियों के मामलों में उपयोगी होता है जिनकी आय समान है।Price to Cash Flow Ratio
Price to Cash Flow Ratio एक प्रकार का कंपनी का Ratio होता है जो किसी कंपनी के स्टॉक के प्राइस का बेसिक संकेत होता है। Cash flow वह राशि है जो एक कंपनी वास्तव में वस्तुओं या सेवाओं की बिक्री के लिए प्राप्त करती है। एक कंपनी जो प्रॉफ़िट दिखाती है वह उसकी सेल्स पर आधारित होती है न कि रियल कैस पर, इसलिए इसका मतलब यह नहीं है कि कंपनी को अपनी सभी सेवाओं के लिए रियल पेमेंट प्राप्त हो गया हो। आदर्श रूप से, P/E Ratio, Price To Cash Flow Ratio से मेल खाना चाहिए। फिर भी, कम P/E की तुलना में उच्च Price To Cash Flow Ratio यह दर्शाता है कि कंपनी अपने द्वारा बेची गई सेवाओं/उत्पादों के लिए प्राप्त होने वाले पेमेंट को प्राप्त करने में असमर्थ रही है। एक कंपनी का EPS लाभ के आधार पर कंपनी की प्रति स्टॉक आय को दर्शाता है। फिर भी, Price to Cash Flow उस राशि को व्यक्त करता है जो आपको वास्तविक कमाई के रूप में मिल रही है। तो अगर Price To Cash Flow Ratio 5 है तो इसका मतलब है कि आप कंपनी के नकदी प्रवाह का 5 गुना पेमेंट कर रहे हैं। अन्य मूल्यांकन अनुपातों की तरह, PCF Ratio भी सिर्फ एक संकेत होता है।
वहीं, बता दें कि PEG Ratio और PCF Ratio दोनों ही मूल्यांकन Ratio हैं जो कंपनी के मूल्यांकन में सहायक होता हैं। ये Ratio किसी कंपनी के स्टॉक्स के मूल्यांकन और यह निर्धारित करने में सहायता प्रदान करता है कि क्या वे कम प्राइस वाले, अधिक मूल्यवान हो। हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि PEG और PCF Ratio दोनों ही केवल एक ही विचार देते हैं और साथ ही, यह एकमात्र निर्णय लेने वाले कारक नहीं होने चाहिए। किसी कंपनी का अच्छी तरह से सूचित मूल्यांकन करने और फिर इन्वेस्टमेंट निर्णय लेने के लिए उन्हें हमेशा अन्य इंडिकेटर के साथ जोड़ा जाना चाहिए।
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