Move to Jagran APP

कई फैक्‍टर प्रभावित करेंगे भारतीय बाजार की दिशा; निवेशकों के लिए कैसे होंगे आने वाले दिन, जानें Experts की राय

अमूमन त्‍यौहारी सीजन में बाजार गुलजार रहता है लेकिन इस बार कई ऐसी घोषणाएं होनी हैं जिनको लेकर संदेह और आशंकाओं के बादल भी मंडरा रहे हैं। आने वाले दिनों में भारतीय बाजार की दिशा कैसी होगी जानने के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Wed, 31 Aug 2022 05:24 PM (IST)
Hero Image
जानिये आने वाले दिनों में कैसी रहेगी बाजार की दिशा, कौन से फैक्‍टर रहेंगे प्रभावी...
नई दिल्‍ली, एजेंसी। आने वाले दिनों में कई फैक्‍टर होंगे जो बाजार की दिशा तय करने में भूमिका निभाएंगे। बाजार के जानकारों की मानें तो निकट भविष्य में भारतीय रिजर्व बैंक के नीतिगत दर को लेकर लिए गए फैसले, अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के ब्याज दर को लेकर उठाए गए कदम और विदेशी संस्थागत निवेशकों के पूंजी प्रवाह जैसे कारक भारतीय शेयर बाजार की दिशा को निर्धारित करेंगे। यही नहीं कंपनियों के सितंबर तिमाही के नतीजे भी बाजार के रुख को तय करेंगे।

विश्‍लेषकों का कहना है कि बाजार में तेजी का रुख बरकरार है। इस साल 17 जून को बीएसई सेंसेक्स 52 हफ्ते के निचले स्तर 50,921.22 पर था। इस रुख को लेकर बाजार में चिंता जरूर थी लेकिन इसमें अब तक 16.91 फीसद की तेजी आ चुकी है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 16.96 फीसद मजबूत हुआ है। वैसे अब तक सेंसेक्‍स और निफ्टी के आंकड़े संतोषजनक कहे जा सकते हैं। अब तक सेंसेक्स 2.20 फीसद और निफ्टी 2.33 फीसद के लाभ में रहे हैं।

मार्केट्स मोजो के मुख्य निवेश अधिकारी सुनील दमानिया कहते हैं कि भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के लिहाज से बाजार का प्रदर्शन संतोषजनक कहा जा सकता है। भारतीय अर्थव्यवस्था के बेहतर प्रदर्शन के चलते ओवरऑल देखें तो बाजार में तेजी का रुख है। हाल ही में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर को छू गया जिससे चिंता पैदा हुई थी लेकिन अब यह स्थिर है। दमानिया कहते हैं कि मौजूदा रूझान बतलाते हैं कि दिवाली तक बाजार धारणा में और मजबूती आएगी।

सुनील दमानिया ने आगे कहा कि मौजूदा वक्‍त में निवेशक बाजार की तेजी को लेकर भले ही सतर्क हों लेकिन अनुमान है कि दिसंबर 2022 तक सेंसेक्स 65,000 अंकों को छू सकता है। यही नहीं निफ्टी के भी 19,000 अंक तक जाने का अनुमान है। हालांकि कुछ अन्‍य फैक्‍टर भी हैं जिनसे बाजार का रुख प्रभावित हो सकता है। इनमें जिंसों के दाम, महंगाई का रुख, विभिन्न केंद्रीय बैंकों की तरफ से ब्याज दर के संबंध में किए गए एलान और वैश्विक बाजारों की दिशा जैसे फैक्‍टर बेहद मायने रखेंगे। यही नहीं वैश्विक हालात पर भी बाजार की नजर होगी।