शेयर मार्केट में क्या होता है FPO और IPO, जानें इनमें क्या है अंतर
कोई कम्पनी अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए उपलब्ध कराती है तो वो पहले प्राइमरी मार्केट में आते हैं। जहां पर आम लोग इसके शेयर्स को खरीदते हैं। इसके बाद ये शेयर्स सेकेण्ड्री मार्केट में आते हैं जहां पर हम और आप इन्हें खरीदते व बेचते हैं।
By Siddharth PriyadarshiEdited By: Siddharth PriyadarshiUpdated: Sat, 04 Feb 2023 03:39 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। हाल ही में अडाणी ग्रुप द्वारा अपने FPO को वापस लेने की खबर आ रही है। इस समय शेयर मार्केट में इस खबर की वजह से हलचल मची हुई है। इस खबर के बाद से ही FPO शब्द काफी चर्चा में है। अगर आप नए निवेशक हैं तो आपके मन में भी इस शब्द को लेकर सवाल उठ रहे होंगे। तो चलिए जानते हैं क्या है FPO और IPO में अंतर।
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सबसे पहले जानते हैं IPO क्या होता है। IPO यानी कि इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग वह प्रोसेस होता है जिसके द्वारा कोई कम्पनी पहली बार शेयर मार्केट में अपने शेयर्स लेकर आती है। जब भी कोई कम्पनी अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए उपलब्ध कराती है तो वो पहले प्राइमरी मार्केट में आते हैं। जहां पर आम लोग इसके शेयर्स को खरीदते हैं। इसके बाद ये शेयर्स सेकेण्ड्री मार्केट में आते हैं जहां पर हम और आप इन्हें खरीदते व बेचते हैं।
अब बात करते हैं FPO की। जब भी कम्पनी अतिरिक्त फण्ड रेज करना चाहती है तो वह अपने कुछ शेयर्स और बाजार में लेकर आती है। पहले से ही लिस्टेड कम्पनियां अतिरिक्त फंड रेज करने के लिए अपना FPO लाती हैं। इसका मतलब होता है फॉलो ऑन पब्लिक ऑफरिंग। ये शेयर्स पहले कम्पनी के शेयर धारकों को ऑफर किए जाते हैं जिसके बाद यह आम लोगों के लिए मार्केट में आता है।अगर आप भी शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते हैं तो आज ही 5paisa.com पर जाएं और अपने निवेश के सफर को और भी बेहतर बनाएं। साथ ही DJ2100 - Coupon Code के साथ बनाइये अपना Demat Account 5paisa.com पर और पाएं ऑफर्स का लाभ।
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