Move to Jagran APP

शेयर मार्केट पर Bear का हमला, निवेशकों के 3.57 लाख करोड़ स्वाहा

सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से रिलायंस इंडस्ट्रीज और एक्सिस बैंक में 3 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। महिंद्रा एंड महिंद्रा आईसीआईसीआई बैंक नेस्ले टेक महिंद्रा मारुति बजाज फिनसर्व स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और टाटा मोटर्स में बिकवाली दिखी। इसके उलट जेएसडब्ल्यू स्टील एनटीपीसी टाटा स्टील एशियन पेंट्स और टाइटन को लाभ हुआ। वहीं चीन और हांगकांग के बाजारों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Mon, 30 Sep 2024 07:32 PM (IST)
Hero Image
एशियाई बाजारों में सियोल और टोक्यो में भारी गिरावट दिखी।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को भारी गिरावट देखने मिली। इसकी कई वजहें रहीं। एक तो जापानी शेयर मार्केट का प्रदर्शन काफी कमजोर रहा। मध्य-पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव भी बढ़ा। साथ ही, बैंकिंग और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे हेवीवेट शेयरों में भारी बिकवाली देखने को मिली। इससे बीएसई सेंसेक्स में 1,272 अंकों की गिरावट आई और निवेशकों की 3.57 लाख करोड़ की संपत्ति खाक हो गई।

बीएसई बेंचमार्क सेंसेक्स 1,272.07 अंक यानी 1.49 प्रतिशत गिरकर 84,299.78 पर बंद हुआ। दिन के दौरान यह 1,314.71 अंक या 1.53 प्रतिशत गिरकर 84,257.14 पर आ गया था। बीएसई-सूचीबद्ध फर्मों का बाजार पूंजीकरण 3,57,885.53 करोड़ रुपये घटकर 4,74,35,137.15 करोड़ रुपये (5.66 ट्रिलियन डॉलर) रह गया।

शेयर बाजार के जानकारों का कहना है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर और बैंकिंग काउंटरों में मुनाफावसूली के साथ-साथ जापान के निक्केई इंडेक्स में गिरावट ने भारतीय बाजारों को डरा दिया। इससे सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में लगभग 1.50 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। पिछले कुछ में तेज उछाल फेड रेट कट का नतीजा था। साथ ही, उम्मीद है कि आरबीआई भी आगामी मीटिंग में ब्याज दरों में कमी करेगा। लेकिन, अगर केंद्रीय बैंक दरों को स्थिर रखता है, तो इससे निकट अवधि में मार्केट में कमजोरी आ सकती है।

मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा, "वैश्विक स्तर पर अगर इजरायल-हिजबुल्लाह युद्ध और बढ़ता है, तो घबराहट के कारण आगे चलकर पैनिक सेलिंग बढ़ सकती है।" एशियाई बाजारों में, सियोल और टोक्यो में भारी गिरावट दिखी, जबकि शंघाई और हांगकांग में जबरदस्त उछाल दिखा। जापान के बेंचमार्क निक्केई 225 सूचकांक में सोमवार को लगभग 5 प्रतिशत की गिरावट आई।

वहीं, नए प्रोत्साहन उपायों की घोषणा के बीच शंघाई कंपोजिट सूचकांक में 8 प्रतिशत की तेजी आई। यूरोपीय बाजारों में गिरावट दर्ज की गई। शुक्रवार को अमेरिकी बाजारों में मिलाजुला रुख रहा।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा,"मध्य पूर्व में बढ़ते भू-राजनीतिक जोखिम और येन ब्याज दर में संभावित वृद्धि के खतरे के कारण वैश्विक बाजारों में उथल-पुथल मच गई, जिससे इक्विटी में क्रॉस-कंट्री निवेश कम हो सकता है। इसके विपरीत, बड़े प्रोत्साहन पैकेज और सस्ते मूल्यांकन के कारण चीनी बाजार में फिर से उछाल आया।" उन्होंने कहा कि वैश्विक दबाव और प्रीमियम मूल्यांकन के कारण भारत भी कमजोर हुआ, जबकि निकट भविष्य में धातुओं के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।"

बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 0.28 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.07 प्रतिशत की तेजी आई। सूचकांकों में ऑटो में 1.91 प्रतिशत, बैंकेक्स (1.82 प्रतिशत), रियल्टी (1.80 प्रतिशत), वित्तीय सेवाएं (1.40 प्रतिशत), सेवाएं (1.22 प्रतिशत) और दूरसंचार (1.19 प्रतिशत) में गिरावट आई। धातु और कमोडिटीज में लाभ रहा। बीएसई पर कुल 2,223 शेयरों में गिरावट आई, 1,819 में तेजी आई और 151 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।

यह भी पढ़ें : शेयर मार्केट में नौजवानों का बढ़ा दबदबा, क्या बुजुर्ग निवेशक बनाने लगे हैं दूरी?