बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। 2024 के पहले कारोबारी हफ्ते की शुरुआत अच्छी नहीं रही। सोमवार को भी बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला था। यह उतार-चढ़ाव आज भी जारी रहा है। मंगलवार के कारोबारी सत्र में
शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ है। बाजार में आईन गिरावट ने भारतीय करेंसी पर असर डाला है।
आज
सेंसेक्स 379.46 अंक या 0.53 फीसदी की गिरावट के साथ 71,892.48 अंक पर बंद हुआ है। वहीं निफ्टी भी 76.10 अंक गिरकर 21,665.80 अंक पर पहुंच गया है। इसके अलावा बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक सपाट नोट पर बंद हुए।अगर सेक्टर में देखें तो फार्मा इंडेक्स 2.5 फीसदी की बढ़त पर बंद हुआ है। वहीं ऑटो, बैंक और आईटी इंडेक्स 1 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुए हैं।
टॉप गेनर और टॉप लूजर स्टॉक
निफ्टी पर टॉप गेनर स्टॉक आयशर मोटर्स, एमएंडएम, अल्ट्राटेक सीमेंट, एलएंडटी और कोटक महिंद्रा बैंक थे, जबकि कोल इंडिया, अदानी पोर्ट्स, सन फार्मा, डिविस लैब्स और सिप्ला के शेयर हरे निशान पर बंद हुए हैं।
सेंसेक्स की कंपनियों में कोटक महिंद्रा बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट, महिंद्रा एंड महिंद्रा, लार्सन एंड टुब्रो, आईसीआईसीआई बैंक, इंडसइंड बैंक, विप्रो और हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयर लाल निशान पर बंद हुए हैं।
इसके विपरीत सन फार्मा, बजाज फाइनेंस, भारती एयरटेल, रिलायंस इंडस्ट्रीज, बजाज फिनसर्व और टाइटन के स्टॉक बढ़त के साथ बंद हुए।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा
चीनी मैन्यूफेकचरिंग डेटा नकारात्मक आए हैं। वहीं लाल सागर में बढ़ते तनाव के कारण एशियाई स्टॉक से नकारात्मक संकेत देता है। ऐसे में वैश्विक व्यापार और कच्चे तेल की आपूर्ति बाधित होने की संभावना है, बाजार ने कल आखिरी घंटे की बिकवाली को बढ़ा दिया। तिमाही नतीजों से पहले निवेशक मुनाफावसूली की रणनीति अपना रहे हैं। उम्मीद से कम वॉल्यूम आंकड़ों के कारण ऑटो शेयरों में गिरावट आई, जबकि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में तेजी के कारण फार्मा शेयरों में गिरावट रही।
अंतरराष्ट्रीय बाजार का हाल
एशियाई बाजारों में शंघाई और हांगकांग निचले स्तर पर बंद हुए जबकि सियोल हरे निशान में बंद हुआ। यूरोपीय बाज़ार अधिकतर सकारात्मक क्षेत्र में कारोबार कर रहे थे। नए साल के मौके पर सोमवार को एशियाई, यूरोपीय और अमेरिकी बाजार बंद रहे।वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 2.05 प्रतिशत उछलकर 78.58 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। एक्सचेंज डेटा के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को 855.80 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची।
कमजोर हुई भारतीय करेंसी
शेयर मार्केट में आई गिरावट और अमेरिकी डॉलर में तेजी की वजह से आज भारतीय करेंसी गिरावट के साथ बंद हुआ है। कच्चे तेल की कीमतों में उछाल का भी रुपये पर असर पड़ा। लाल सागर को लेकर चल रहे संघर्ष क कारण अमेरिकी डॉलर में तेजी आई।