Share Market Close: हरे निशान पर बंद हुआ बाजार, सेंसेक्स 33 और निफ्टी 36 अंक चढ़कर बंद
हफ्ते के तीसरे कारोबारी दिन बुधवार 17 अक्टूबर को बाजार बढ़त के साथ बंद हुआ। सेंसेक्स 33 अंक ऊपर 64975 पर और निफ्टी 36 अंक ऊपर 19443 पर बंद हुआ। बैंक निफ्टी आज 79 अंक गिरकर 43658 पर आ गया। मिडकैप 251 अंक बढ़कर 32441 पर और स्मॉलकैप 230 अंक बढ़कर 38337 पर बंद हुआ। पढ़िए क्या है पूरी खबर।
पीटीआई, नई दिल्ली। कल गिरावट के बाद कारोबारी हफ्ते के तीसरे दिन, बुधवार 8 अक्टूबर को बाजार चढ़कर बंद हुआ। सेंसेक्स 33 अंक की तेजी के 64,975 पर बंद हुआ तो वहीं निफ्टी 36 अंक उछलकर 19,443 पर बंद हुआ।
हालांकि आज बैंक निफ्टी के शेयरों में गिरावट देखने को मिली। आज बैंक निफ्टी 79 अंक टूटकर 43,658 पर बंद हुआ। BSE मिड कैप की बात करें तो मिड कैप के शेयर आज 260 अंक की तेजी के साथ 32,450 पर तो वहीं BSE स्मॉल कैप 236 अंक की तेजी के साथ 38,342 पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के टॉप गेनर और लूजर
एशियन पेंट्स, टाइटन, लार्सन एंड टुब्रो, जेएसडब्ल्यू स्टील, आईटीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर, मारुति और रिलायंस इंडस्ट्रीज टॉप गेनर रहे।
वहीं आईसीआईसीआई बैंक, एनटीपीसी, इंफोसिस, टेक महिंद्रा, टाटा स्टील और बजाज फाइनेंस के शेयर टॉप लूजर रहे।
निफ्टी के टॉप गेनर और लूजर
बीपीसीएल, अदाणी पोर्ट्स, एशियन पेंट्स, सिप्ला, टाइटन कंपनी, लार्सन, ओएनजीसी, अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयर टॉप गेनर रहे।
वहीं आईसीआईसीआई बैंक, इंफोसिस, एनटीपीसी, टेक महिंद्रा, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट, बजाज ऑटो, एचसीएल टेक के शेयर टॉप लूजर रहे।
अन्य बाजारों ने कैसा किया परफॉर्म?
एशियाई बाजारों में सियोल, टोक्यो, शंघाई और हांगकांग निचले स्तर पर बंद हुए। यूरोपीय बाज़ार नकारात्मक दायरे में कारोबार कर रहे थे। वहीं कल यानी मंगलवार को अमेरिकी बाजार सकारात्मक क्षेत्र में बंद हुए।
क्रूड हुआ महंगा
वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.15 प्रतिशत चढ़कर 81.73 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। एक्सचेंज डेटा के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को 497.21 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची।
पीटीआई को जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसंधान प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि
घरेलू बाजार ने सकारात्मक पूर्वाग्रह के साथ सीमित दायरे में कारोबार किया। और फेड अध्यक्ष के भाषण के बाद वैश्विक बाजार के संकेतों से और अधिक आत्मविश्वास प्राप्त किया है। तेल की कीमतों में गिरावट जारी है, जिससे घरेलू अर्थव्यवस्था को राहत मिलेगी और मुद्रास्फीति में गिरावट आएगी।