रिलायंस और बैंकिंग शेयरों में भारी बिकवाली; सेंसेक्स 942 अंक लुढ़का, 24 हजार से नीचे आया निफ्टी
भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को भारी गिरावट आई। रिलायंस इंडस्ट्रीज और बैंकिंग शेयरों में भारी बिकवाली से सोमवार को बेंचमार्क सेंसेक्स करीब 942 अंक लुढ़ककर तीन महीने के निचले स्तर पर आ गया। एनालिस्टों का कहना है कि 5 नवंबर को होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से पहले भारतीय बाजार में अनिश्चितता का माहौल है। अन्य प्रमुख एशियाई बाजारों में सियोल शंघाई और हांगकांग बढ़त के साथ बंद हुए।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज और बैंकिंग शेयरों में भारी बिकवाली से सोमवार को बेंचमार्क सेंसेक्स करीब 942 अंक लुढ़ककर तीन महीने के निचले स्तर पर आ गया। वहीं, निफ्टी भी 1 फीसदी से ज्यादा फिसलकर 24,000 से नीचे बंद हुआ। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 941.88 अंक या 1.18 फीसदी लुढ़ककर 78,782.24 पर बंद हुआ, जो 6 अगस्त के बाद का सबसे निचला बंद स्तर है।
सेंसेक्स दिन के कारोबार के दौरान 1,491.52 अंक या 1.87 फीसदी लुढ़ककर 78,232.60 पर आ गया था। वहीं, एनएसई निफ्टी ने भी 309 अंक या 1.27 फीसदी का गोता लगाकर 23,995.35 तक आ गया था।
शेयर मार्केट में भारी गिरावट की वजह?
एनालिस्टों का कहना है कि 5 नवंबर को होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से पहले भारतीय बाजार में अनिश्चितता का माहौल है। वहीं, चीन अपनी इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए नए प्रोत्साहन पैकेज की तैयारी कर रहा है। इससे भारतीय शेयरों में बिकवाली को बढ़ावा मिला। विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली ने भी इक्विटी बाजार में सेंटिमेंट को कमजोर किया।30 शेयरों वाले सेंसेक्स पैक में, अदानी पोर्ट्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज, सन फार्मा, बजाज फिनसर्व, एनटीपीसी, टाटा मोटर्स, एक्सिस बैंक और टाइटन लाल निशान में बंद हुए। वहीं, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टेक महिंद्रा, भारतीय स्टेट बैंक, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, इंफोसिस और इंडसइंड बैंक में तेजी दिखी।
विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली
एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 211.93 करोड़ रुपये के इक्विटी बेचे थे। विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर में भारतीय शेयर बाजार से 94,000 करोड़ रुपये (लगभग 11.2 बिलियन अमरीकी डॉलर) की भारी निकासी की। इससे यह निकासी के मामले में अब तक का सबसे खराब महीना बन गया। भारतीय बाजार का मूल्यांकन काफी अधिक है। वहीं, इस मामले में चीन काफी आकर्षक बना हुआ है।
चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की एक समिति इस सप्ताह बैठक कर रही है, जिससे यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि सरकार अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख व्यय पहलों को मंजूरी दे सकती है।