FII की बिकवाली, कमजोर तिमाही नतीजों का असर; सेंसेक्स और निफ्टी में उतार-चढ़ाव जारी
भारतीय शेयर मार्केट में अस्थिरता जारी है। सोमवार को सेंसेक्स और निफ्टी लाल निशान में खुले। लेकिन फिर इनमें रिकवरी दिखी और दोनों हरे निशान में आ गए। सेंसेक्स टॉप 30 की बात करें तो सबसे अधिक गिरावट एशियन पेंट्स में दिखी। वह शुरुआती कारोबार में 9 फीसदी से अधिक लुढ़क गया। इसकी वजह कंपनी के उम्मीद से कमजोर तिमाही नतीजे रहे।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में अस्थिरता और उतार-चढ़ाव का सिलसिला लगातार जारी है। विदेशी फंडों की लगातार निकासी, निराशाजनक तिमाही नतीजे और एशियाई बाजारों से कमजोर रुझानों के चलते भारतीय बाजार को संभालने का मौका नहीं मिल रहा। सोमवार को शुरुआती कारोबार में बेंचमार्क संवेदी सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट दर्ज की गई।
बीएसई बेंचमार्क सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 484.98 अंक गिरकर 79,001.34 पर आ गया। एनएसई निफ्टी 143.6 अंक गिरकर 24,004.60 पर आ गया। हालांकि, इसमें बाद में अच्छी रिकवरी दिखी और दोनों प्रमुख सूचकांक हरे निशान में पहुंच गए।
एशियन पेंट्स में सबसे अधिक गिरावट
सेंसेक्स के 30 शेयरों वाले शेयरों में से एशियन पेंट्स में 9 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। शनिवार को कंपनी ने बताया कि सितंबर तिमाही में उसका समेकित शुद्ध लाभ 43.71 प्रतिशत घटकर 693.66 करोड़ रुपये रह गया। कमजोर मांग, मैटेरियल मूल्य मुद्रास्फीति और घरेलू बाजार में डेकोरेटिव और कोटिंग्स कारोबार में गिरावट के कारण यह गिरावट आई।एक्सिस बैंक, अदानी पोर्ट्स, नेस्ले, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा स्टील और इंडसइंड बैंक में भी गिरावट दिखी। हालांकि, टाटा मोटर्स, पावर ग्रिड, मारुति और एचसीएल टेक्नोलॉजीज हरे निशान में रहे।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी
एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 3,404.04 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा कि भारतीय बाजार दबाव में हैं। इसका मुख्य कारण विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली है।एशियाई बाजारों में सियोल, टोक्यो, शंघाई और हांगकांग में गिरावट दर्ज की गई। वॉल स्ट्रीट शुक्रवार को सकारात्मक क्षेत्र में बंद हुआ था।