Share Market Update: पश्चिम एशिया में तनाव का असर जारी, लगातार छठे दिन लुढ़के घरेलू शेयर बाजार
मार्केट एक्सपर्ट का मानना है कि अब भारतीय बाजार कंसालिडेशन स्टेज में जा चुका है। अब निवेशकों की निगाहें आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के फैसले पर टिकी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा हालातों को देखते हुए यह संभावना काफी कम है कि आरबीआई अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व का अनुसरण करे। फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में आधा प्रतिशत की कटौती की थी।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। पश्चिम एशिया में जारी तनाव का घरेलू बाजारों पर नकारात्मक असर बना हुआ है। यही कारण है कि भारतीय शेयर बाजार सोमवार को लगातार छठे दिन लुढ़ककर बंद हुए। बीएसई का मानक सूचकांक सेंसेक्स 638.45 अंक की गिरावट के साथ 81,050 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 962.39 अंक गिरकर 81 हजार से नीचे पहुंचते हुए 80,726.06 तक गिर गया था। इसी तरह, एनएसई का निफ्टी 218.85 अंक की गिरावट के साथ 25 हजार से स्तर से नीचे आकर 24,795.75 पर बंद हुआ।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर का कहना है कि उच्च जोखिम के साथ एशियाई प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले खराब प्रदर्शन के साथ भारतीय बाजार समेकन चरण में प्रवेश कर चुके हैं। इस चरण में ज्यादा मूल्यांकन के कारण व्यापक बाजार में महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं। वैश्विक स्तर की बात करें तो आकर्षक मूल्यांकन और प्रोत्साहन उपायों के कारण चीन के बाजारों ने पर्याप्त निवेश आकर्षित किया है।
अब निवेशकों की निगाहें आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के फैसले पर टिकी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा हालातों को देखते हुए यह संभावना काफी कम है कि आरबीआई अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व का अनुसरण करे। फेडरल रिजर्व ने पिछले महीने ब्याज दरों में 50 आधार अंक या आधा प्रतिशत की कटौती की थी।
सेंसेक्स में अदाणी पोर्ट्स, एनटीपीसी, एसबीआई, पावरग्रिड, इंड्सइंड बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, टाइटन और अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयर गिरकर बंद हुए। दूसरी ओर, महिंद्रा एंड महिंद्रा, आआटीसी, भारती एयरटेल, इन्फोसिस, बजाज फाइनेंस, टीसीएस और टेक महिंद्रा के शेयर बढ़कर बंद हुए।
व्यापक बाजारों की बात करें तो बीएसई मिडकैप में 1.85 प्रतिशत और स्मालकैप में 3.27 प्रतिशत की गिरावट रही है। इस गिरावट से निवेशकों की संपत्ति में 8.90 लाख करोड़ रुपये की कमी हुई है। अब बीएसई में सूचीबद्ध सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण घटकर 451.99 लाख करोड़ रुपये रह गया है।