Share Market Close: शेयर बाजार में फिर से लौटी गिरावट, सेंसेक्स 826 अंक फिसला
Share Market Today आज सुबह शेयर बाजार सपाट खुला था। शेयर बाजार के दोनों सूचकांक यानी सेंसेक्स और निफ्टी में मामूली बढ़त देखने को मिली थी। इसके बाद शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव जारी हो गया है। बाजार बंद होते समय मार्केट में एक बार फिर से गिरावट देखने को मिला। वहीं डॉलर के मुकाबले रुपया भी गिरावट के साथ बंद हुआ।
By AgencyEdited By: Priyanka KumariUpdated: Mon, 23 Oct 2023 04:19 PM (IST)
पीटीआई, नई दिल्ली। मध्य देशों में चल रहे संघर्ष ने भारतीय शेयर बाजार को प्रभावित किया है। आज भी भारतीय शेयर बाजार लाल निशान पर बंद हुआ है। इसके अलावा वैश्विक बाजारों में कमजोर रुझानों के कारण बेंचमार्क इक्विटी सूचकांक चौथे दिन गिरावट के साथ बंद हुआ है। कच्चे तेल की 90 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल से ऊपर की कीमत ने भी शेयर बाजार को नुकसान पहुंचाया।
आज सेंसेक्स 825.74 अंक या 1.26 प्रतिशत गिरकर 64,571.88 पर बंद हुआ। वहीं, दिन के दौरान यह 894.94 अंक या 1.36 प्रतिशत गिरकर 64,502.68 पर आ गया। निफ्टी 260.90 अंक या 1.34 फीसदी गिरकर 19,281.75 पर आ गया। बुधवार से चार सत्रों में सेंसेक्स 1,925 अंक गिरकर 65,000 अंक से नीचे आ गया, जबकि निफ्टी लगभग 530 अंक गिर गया।
आपको बता दें कि कल यानी 24 अक्टूबर 2023 को दशहरा के मौके पर शेयर बाजार बंद होगा।
टॉप गेनर और लूजर स्टॉक
सेंसेक्सपैक में जेएसडब्ल्यू स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एनटीपीसी, विप्रो, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, भारतीय स्टेट बैंक, लार्सन एंड टुब्रो, अल्ट्राटेक सीमेंट, इंडसइंड बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, पावर ग्रिड और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के शेयर लाल निशान पर बंद हुए हैं। वहीं, महिंद्रा एंड महिंद्रा और बजाज फाइनेंस के स्टॉक टॉप गेनर रहे।वैश्विक बाजार का हाल
एशियाई बाजारों में सियोल, टोक्यो और शंघाई निचले स्तर पर बंद हुए। यूरोपीय बाज़ार कटौती के साथ कारोबार कर रहे थे। शुक्रवार को अमेरिकी बाजार नकारात्मक दायरे में बंद हुए।वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.04 प्रतिशत चढ़कर 92.18 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। एक्सचेंज डेटा के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 456.21 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदी।
विनोद नायर, जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसंधान प्रमुख ने कहा
प्राइवेट बैंकों के अच्छे तिमाही प्रदर्शन और तेल की कीमतों में मामूली कटौती के बावजूद निवेशकों का विश्वास निराशावादी रहा और शेयर बाजार में गिरावट आई। वैश्विक बाजारों ने भी इसी प्रवृत्ति को दोहराया, क्योंकि पश्चिम एशिया में अशांति और बढ़ने की संभावना है। लंबे समय तक ऊंची ब्याज दरों को लेकर बढ़ती आशंकाओं ने अमेरिका में 10-वर्षीय उपज में लगातार बढ़ोतरी को बढ़ावा दिया।