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Stock Market Crash: शेयर मार्केट में हाहाकार, रिलायंस 3 फीसदी से ज्यादा टूटा; निवेशकों के लाखों करोड़ डूबे

Share Market Crash भारतीय शेयर मार्केट में सोमवार (4 नवंबर 2024) को ट्रेडिंग शुरू होते ही भारी गिरावट दिखी। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों 1 फीसदी से अधिक की गिरावट के साथ ट्रेड कर रहे हैं। शेयर मार्केट की इस भारी गिरावट के चलते शुरुआती 15 मिनट में ही निवेशकों के 5.15 लाख करोड़ डूब गए। आइए जानते हैं कि शेयर मार्केट में इस भारी गिरावट की वजह क्या है।

By Suneel Kumar Edited By: Suneel Kumar Updated: Mon, 04 Nov 2024 10:47 AM (IST)
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सुबह 10.15 बजे तक सेंसेक्स और निफ्टी दोनों करीब 1-1 फीसदी से ज्यादा गिर चुके थे।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार के दोनों प्रमुख सूचकांक- सेंसेक्स और निफ्टी सोमवार को भारी गिरावट के साथ खुले। दरअसल, निवेशक अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव और फेडरल रिजर्व की ब्याज दर से जुड़े फैसले से पहले काफी सतर्क रुख अपना रहे हैं। वहीं, देश की सबसे वैल्यूएबल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में भारी गिरावट से बाजार का माहौल खराब हुआ। वहीं, विदेशी निवेशकों लगातार बिकवाली वैसे भी बाजार पर दबाव बनाए हुए है।

सेंसेक्स-निफ्टी में भारी गिरावट

बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 665.27 अंक गिरकर 79,058.85 पर आ गया। एनएसई निफ्टी 229.4 अंक गिरकर 24,074.95 पर आ गया। इससे शुरुआती 15 मिनट में ही निवेशकों के 5.15 लाख करोड़ डूब गए। 30 शेयरों वाले सेंसेक्स पैक में सन फार्मा, रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंफोसिस, टाटा मोटर्स, इंफोसिस, टाइटन, मारुति और एनटीपीसी में ज्यादा गिरावट दिखी। वहीं, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और इंडसइंड बैंक हरे निशान में थे।

सुबह 10.15 बजे तक सेंसेक्स और निफ्टी दोनों करीब 1-1 फीसदी से ज्यादा गिर चुके थे। बीएसई सेंसेक्स 1054.78 अंक यानी 1.32 फीसदी गिरावट के साथ 78,669.34 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। वहीं, निफ्टी में भी भारी गिरावट दिखी। वह 327.20 यानी 1.35 फीसदी गिरकर 23,977.15 के स्तर पर ट्रेड कर रहा था। रिलायंस इंडस्ट्रीज 3.30 फीसदी गिरावट के साथ 1,294.50 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रही थी।

विदेशी निवेशकों की बिकवाली

एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 211.93 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे। विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर में भारतीय शेयर बाजार से 94,000 करोड़ रुपये (करीब 11.2 अरब डॉलर) की भारी निकासी की। इससे यह निकासी के मामले में अब तक का सबसे खराब महीना बन गया। घरेलू इक्विटी के ऊंचे मूल्यांकन और चीनी शेयरों के आकर्षक मूल्यांकन के कारण विदेशी निवेशक बिकवाली कर रहे हैं।

अगर अन्य एशियाई बाजारों की बात करें, तो सियोल, शंघाई और हांगकांग में तेजी रही। अमेरिकी बाजार शुक्रवार को हरे निशान में बंद हुए थे। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 1.49 प्रतिशत बढ़कर 74.19 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। इजरायल-ईरान तनाव और अन्य भूराजनीतिक फैक्टर के चलते कच्चे तेल की कीमतों में लगातार अस्थिरता बनी हुई है।

बीएसई और एनएसई ने 1 नवंबर को दिवाली के अवसर पर एक घंटे का विशेष 'मुहूर्त ट्रेडिंग' सत्र आयोजित किया था। यह नए संवत 2081 की शुरुआत का प्रतीक है। शुक्रवार को विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र में बीएसई बेंचमार्क 335.06 अंक या 0.42 प्रतिशत चढ़कर 79,724.12 पर बंद हुआ। निफ्टी 99 अंक या 0.41 प्रतिशत बढ़कर 24,304.35 पर पहुंच गया था।

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