सजा में गूंजे ठहाके
हंसमुख और चंचल अभिनेत्री मानिनी मिश्रा गणित से बचने के लिए खूब शरारतें करती थीं। जानते हैं उनके बचपन की कहानी, उनकी ही जुबानी...
मेरा जन्म नई दिल्ली में हुआ। मैंने अपनी शिक्षा वहीं दिल्ली पब्लिक स्कूल से प्राप्त की। मैं पढ़ने में तो तेज थी लेकिन पढ़ने से बचने के लिए शरारतें भी कम नहीं करती थी। स्कूली दिनों में मुझे नए-नए दोस्त बनाना पसंद था। मस्ती व शरारत भरे वो पल मैं कभी नहीं भूल सकती। बनना था पुरातत्वविद् यूं तो मैं सारे विषयों में अच्छी थी, लेकिन इतिहास और अंग्रेजी में बहुत तेज थी। मुझे याद है कि एक बार इतिहास में 86 व अंग्रेजी में 90 नंबर मिले थे। मैं पुरातत्वविद् बनना चाहती थी, शायद इसलिए भी मुझे इतिहास पसंद था। अंग्रेजी मेरा फेवरेट सब्जेक्ट था और मैं क्लास में खड़ी होकर रीडिंग किया करती थी। इस काम में मुझे बहुत गर्व महसूस होता था। मैं स्कूल में होने वाली भाषण प्रतियोगिता में भी हिस्सा लिया करती थी।
जब महका नमक