Goa: आजादी मिलने के बाद भी गुलाम रहा था गोवा, पढ़िए राज्य से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
Goa गोवा के इतिहास की बात करें तो देश को 1947 साल में आजादी मिलने के बाद भी राज्य को मुक्ति नहीं मिली थी। गोवा पुर्तगालियों के कब्जे में रहा था। इस संबंध में जब भारत ने पुर्तगालियों से अपने क्षेत्र को वापस लौटाने का अनुरोध किया तो उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया। लंबे समय तक इसके लिए संघर्ष किया।
एजुकेशन डेस्क। Goa: गोवा लगभग हर किसी का फेवरेट टूरिस्ट प्लेस है। यहां के सुंदर-सुंदर बीच, सुहाना मौसम और नाइट क्लब पार्टीज के लिए जाना जाता है। इसकी खूबसूरती के कायल केवल देश के लोग ही नहीं बल्कि विदेशों से यहां भारी संख्या में लोग आते हैं। हालांकि, आज हम बात गोवा की बतौर टूरिस्ट प्लेस बात न करके इससे जुड़े इतिहास के बारे में बात करने जा रहे हैं तो आइए डालते हैं एक नजर।
गोवा के इतिहास की बात करें तो देश को 1947 साल में आजादी मिलने के बाद भी राज्य को मुक्ति नहीं मिली थी। गोवा पुर्तगालियों के कब्जे में रहा था। इस संबंध में, जब भारत ने पुर्तगालियों से अपने क्षेत्र को वापस लौटाने का अनुरोध किया तो उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया। लंबे समय तक इसके लिए संघर्ष किया। भारत सरकार भी इस बीच कई बार पुर्तगाली शासन से बातचीत करती रही लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। इसके बाद, ऑपरेशन विजय की शुरुआत की गई। इसके बाद, साल 19 दिसंबर, 1961 को गोवा को मुक्त करा लिया गया। हालांकि, साल 30 मई, 1987 को गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया था। इसके बाद से ही इस दिन पर राज्य में स्थापना दिवस मनाया जाता है। वहींं पूरा राज्य गोवा उत्तर गोवा और दक्षिण गोवा के रूप में बंटा हुआ है।
Goa: जानें कुछ अन्य अहम तथ्य
- गोवा की आधिकारिक भाषा कोंकणी है। इसके अलावा, यहां मराठी और हिंदी भी बोली जाती है।
- पणजी गोवा राज्य की राजधानी है और यह उत्तर गोवा जिले का मुख्यालय भी है।
-गोवा भारत का सबसे छोटा राज्य है। इसका क्षेत्रफल 3702 वर्ग किलोमीटर है। वहीं, जनसंख्या की दृष्टि से भारत का चौथा सबसे छोटा राज्य है।
-गोवा भारत का पच्चीसवां राज्य बनाया गया।
-पणजी, मडगांव, वास्को, मापुसा समेत अन्य राज्य के प्रमुख शहर हैं।