IAS Success Story: यूपीएससी के लिए इस शख्स ने छोड़ दी थी गूगल की नौकरी, कई असफल प्रयास के बाद मिली पहली रैंक
IAS Success Story अनुदीप दुरीशेट्टी तेलंगाना से ताल्लुक रखते हैं। यहां से स्कूली पढ़ाई पूरी की थी। इसके बाद उन्होंने बिट्स पिलानी से इंजीनियरिंग में बैचलर की डिग्री ली थी। ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद उन्हें Google कंपनी में जॉब मिल गई।
By Nandini DubeyEdited By: Nandini DubeyUpdated: Tue, 07 Feb 2023 04:52 PM (IST)
एजुकेशन डेस्क। IAS Success Story: गूगल में नौकरी मिलना युवाओं के लिए किसी ड्रीम जॉब से कम नहीं है। हालांकि कुछ ऐसे भी हैं, जो यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए इसे छोड़ देते हैं। इस दौरान कई बार वे असफल भी होते हैं लेकिन वे अपना इरादा नहीं बदलते हैं। आज ऐसे ही एक शख्स की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा के लिए गूगल की नौकरी छोड़ दी और कई असफल प्रयास के बाद आखिरकार अंत में सफलता मिली। यह सक्सेस कोई छोटी-मोटी सक्सेस नहीं थी, बल्कि उन्होंने इस परीक्षा में ऑल इंडिया पहली रैंक हासिल की थी। आइए जानते हैं 2017 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में पहले स्थान हासिल करने वाले अनुदीप दुरीशेट्टी की कहानी। कैसा था उनका सफर आइए जानते हैं।
तेलंगाना से ताल्लुक रखते हैं अनुदीप दुरीशेट्टी अनुदीप दुरीशेट्टी तेलंगाना से ताल्लुक रखते हैं। यहां से स्कूली पढ़ाई पूरी की थी। इसके बाद उन्होंने बिट्स पिलानी से इंजीनियरिंग में बैचलर की डिग्री ली थी। ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद उन्हें Google कंपनी में जॉब मिल गई।
गूगल में जॉब के साथ यूपीएससी गूगल में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम करने के दौरान उनका ज्यादा दिल जॉब में नहीं लगा, क्योंकि उनके दिल में तो कुछ और ही ख्वाब पल रहा था। दरअसल, वे सिविल सेवा परीक्षा क्रैक करके IAS बनने का ख्वाब देख रहे थे। इस वजह से उन्होंने जॉब के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी करते रहे। हालांकि अनुदीप ने परीक्षा की तैयारी तो ग्रेजुएशन के टाइम ही शुरू कर दी थी। इस दौरान उन्होंने प्रीलिम्स और मेंस क्लीयर भी कर लिया था लेकिन इंटरव्यू में वे असफल हो गए थे। इसीलिए जॉब के दौरान वे पढ़ाई भी करते रहे।
कई प्रयास में हुए असफलअनुदीप ने साल 2013 में एक बार फिर से यूपीएससी की परीक्षा दी थी। इस एग्जाम में उन्होंने 790 रैंक प्राप्त हुई थी। इसके चलते उन्हें भारतीय राजस्व सेवा मिली थी। हालांकि वे IAS बनना चाहते थे, इसलिए वे अपनी रैंक से संतुष्ट नहीं थे और इसलिए उन्होंने तैयारी नहीं छोड़ी इसके बाद उन्होंने फिर परीक्षा दी। हालांकि अब एक बार फिर असफल हो गए थे। इसके बाद भी वे रुके नहीं। अपनी कमियों को पहचानकर काम करते रहे।
अंत में हासिल की पहली रैंक अनुदीप ने अंतिम प्रयास में उन्होंने सफलता हासिल की। यह सक्सेस कोई छोटी-मोटी सक्सेस नहीं थी। बल्कि उन्होंने साल 2017 में यूपीएससी की परीक्षा में पहली रैंक हासिल की थी। इस तरह उनका IAS बनने का ख्वाब पूरा हो गया।