क्या योग को आप अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाना चाहते हैं..? क्या योग में आप अपना करियर बनाना चाहते हैं…?? अगर आपका जबाब हां है, तो मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार में आपका स्वागत है। मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (एमडीएनआईवाई) लगभग तीन दशकों से योग की उत्कृष्टता के लिये काम कर रहा है। संस्थान का मूल उद्देश्य जन कल्याण और समग्र स्वास्थ्य के लिए प्राचीन योग परंपराओं के आधार पर योग दर्शन और प्रथाओं की गहरी समझ को बढ़ावा देना है, साथ ही साथ योग दर्शन के प्रति लोगों को जागरुक करना भी है। मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान योग में शिक्षण, प्रशिक्षण, चिकित्सा और अनुसंधान की सुविधाएं भी प्रदान करता है। आधुनिक युग की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए योग के अभ्यासकर्ताओं को सर्वोत्तम योग शिक्षा, प्रशिक्षण और शोधकर्ताओं, चिकित्सा और अनुसंधान सुविधाओं में भी मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान निरन्तर अपना योगदान देता आ रहा है।
आज योग को विश्वव्यापी स्वीकृति मिल चुकी है। पांच हजार साल पुराने योग को अंतर्राष्ट्रीय पहचान भारत ने दिलाई, हर साल 21 जून को पूरे भारत में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। इस साल 21 जून, 2022 को मैसूर में आठवां “अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस” मनाया जायेगा, जिसमें पूरे विश्व से लगभग 25 करोड़ लोगों के भाग लेने की संभावना है। योगा टीचर का आजकल ट्रेंड चल रहा है। आज धड़ल्ले से लोग योग में करियर बना रहे हैं।
योग के फायदे
आधुनिक दुनियाँ में योग हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बनकर उभरा है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि योग मनुष्य के रीढ़ की हड्डी है। योग अभ्यास करने की कला व्यक्ति के मन और शरीर को नियंत्रित करने में मदद करती है। यह शरीर और मन को एकात्मकता प्रदान करता है और तनाव को प्रबंधित करने में मदद करता है। यह शरीर को लचकदार बनाने, मांसपेशियों की ताकत और शरीर को सही आकार देने में मदद करता है। योग के नियमित अभ्यास से वजन कम करने, तनाव दूर करने, प्रतिरक्षा में सुधार करने और एक स्वस्थ जीवन शैली पाने में मदद मिलती है। अन्य महत्वपूर्ण लाभों में योग श्वसन, उर्जा और जीवन शक्ति में सुधार करता है। योग हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को दवाओं के हानिकारक प्रभाव से बचने का एक अच्छा विकल्प है। योग का अभ्यास करना केवल स्ट्रेचिंग जैसा लग सकता है, लेकिन यह आपके शरीर और मन के लिये मील का पत्थर साबित हो सकता है।
वास्तव में देखा जाय तो विषम परिस्थियों में ही योग की सर्वाधिक आवश्यकता पड़ती है। योग हमें निराशा से निकालकर आशा की ओर अग्रसर करता है। कहा जाता है कि योग में मुरझाये मन को हरा-भरा करने की असीम शक्ति होती है। आसन और प्रणायाम की मदद से व्यक्ति शारीरिक बीमारी से उबरने में सक्षम होता है, शारीरिक और मानसिक रुप से मजबूत होता है। योग दर्शन की सहायता से हम अपने जीवन की अनेकों समस्याओं का वास्तविक समाधान खोजने में सक्षम हो सकते हैं।
वैश्विक स्तर पर बढ़ी योग की मांग
आज दुनियाभर में मौजूद 10 लाख से ज्यादा योग स्टूडियो और करीब 20 लाख से ज्यादा योगा इंस्ट्रक्टर, जिसमें 85 हजार से ज्यादा तो अकेले अमरिका में ही हैं। योग अब दुनिया में बेहतर जीवन जीने की कला का नाम है। इसलिए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सोशल मीडिया की दुनियां योग की सराहना से भर जाती है। आज की तारीख में योग का वैश्विक कारोबार कई अरब डॉलर पार कर चुका है। अगर समग्रता में देखें तो योग वैश्विक कल्याण का एक बड़ा हिस्सा बन चुका है। दुनिया का शायद ही कोई सजग व्यक्ति होगा, जो आज की तारीख में योग से अपरिचत हो।
भारत में योग का भविष्य
अगर भारत में योग के भविष्य की बात करें को तो यह 499 अरब रुपए के टर्नआउट से ऊपर जा चुका है। आज की तारीख में डिजिटल योगा इंडस्ट्री भी करीब 100 अरब रुपए से ज्यादा की हो चुकी है। आज फिट रहना महज चाहत, फैशन या लाइफस्टाइल का हिस्सा ही नहीं, बल्कि जीवन की एक अनिवार्य कड़ी बन चुका है। देश-विदेश में तमाम बड़े-बड़े इंडस्ट्रियलिस्ट, बॉलीवुड-हॉलीवुड की नामी-गिरामी हस्तियां, बड़े-बड़े बिजनेसमैन और राजनेता आज अपने तनाव और डिप्रेशन को कम करने के लिए योग का सहारा लेते हैं।
यूँ बनाएं करियर
योग में करियर की शुरुआत 12वीं के बाद और ग्रेजुएशन के बाद की जा सकती है। योग में प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए कई डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकट कोर्स उपलब्ध हैं। स्नातक (योग) और परास्नातक (योग), पीजी डिप्लोमा इन योग थैरेपी कोर्सेज की अच्छी डिमांड है। योगक एक्सपर्ट या नैचुरोपैथ के तौर पर करियर विकसित करना है तो साढ़े पांच साल का बैचलर ऑफ नैचुरोपैथी एंड योगिक साइंसेज (बीएनवाईएस) किया जा सकता है।
योग में सर्टिफिकेट कोर्स
योग को करियर के रूप में अपनाने के लिए किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से योग में सर्टिफिकेशन का होना जरूरी है। यह एक शार्ट टर्म सर्टिफिकेशन कोर्स हैं, जो घंटे के हिसाब से करवाए जाते हैं। जिसमे 200 घंटे, 400 घंटे और 500 घंटे के पाठ्यक्रम शामिल होते हैं। यह एक अंशकालिक यानि की पार्ट टाइम कार्यक्रम हैं। इनमे छात्रों को विज्ञान के शिक्षण पहलुओं के साथ-साथ योग का विज्ञान पढ़ाया जाता है और इनको मान्यता प्राप्त निकाय के माध्यम से सर्टिफिकेट दिया जाता है।
यहां मिलेगी जॉब
योग एक कला है, जिसे सीखने के लिए योग्य और प्रशिक्षित शिक्षक की जरूरत होती है। तमाम ऐसे योग शिक्षण संस्थान हैं, जहां योग शिक्षकों के लिए ढेरों वैकेंसी है। कोई भी योग सिखाने वाला व्यक्ति बतौर अध्यापिका/ अध्यापक विभिन्न स्कूलों में काम पा सकता है। इसी तरह, अस्पतालों में जहां तमाम किस्म के थैरेपी सेंटर मौजूद हैं, वहां पर भी आपको बतौर योग थेरेपिस्ट जॉब मिल सकती है। इसके अलावा रिसर्च, अकादमिक, हेल्थ रिसॉर्ट, जिम, स्वास्थ्य केंद्र, हाउसिंग सोसाइटियां, कार्पोरेट घराने, टेलीविजन चैनल भी योग प्रशिक्षक हायर करते हैं। जानी-मानी हस्तियां भी प्राइवेट योग इंस्ट्रक्टर हायर करते हैं।
भारत में 3 लाख योग प्रशिक्षकों की कमी: एसोचैम
हाल ही में एसोचैम द्वारा किए गए अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है कि देश में तीन लाख योग प्रशिक्षकों की कमी है, जबकि पांच लाख योग प्रशिक्षकों की आवश्यकता है। अध्ययन के अनुसार दक्षिण पूर्व एशिया में योग प्रशिक्षकों की मांग सबसे अधिक है। भारत, दक्षिणपूर्व एशिया और चीन के लिए इसका सबसे बड़ा निर्यातक है। अनुमान है कि चीन में भारत के 3,000 योग प्रशिक्षक काम कर रहे हैं, जिनमें से ज्यादातर हरिद्वार और ऋषिकेश के हैं। गौरतलब है कि हरिद्वार और ऋषिकेश को भारत के योग की राजधानी कहा जाता है, क्योंकि यहां सबसे ज्यादा योग स्कूल सक्रिय हैं।
योग को तेजी से बढ़ते 'फिटनेस की नई मुद्रा' के रुप में देखा जा रहा है। जितनी तेजी से यह दुनिया भर में लोकप्रिय हो रहा है। उसके हिसाब से इसके प्रशिक्षकों की कमी है। योग की सहायता से हम कई मौजूदा समस्याओं का प्रामाणिक समाधान खोजने में सक्षम हैं।आप अपने आसपास नजर उठाकर देखिए तो आप पाएंगे कि हर दूसरा आदमी किसी न किसी टेंशन में है। ये टेंशन घर-परिवार, कारोबार- नौकरी, रिलेशनशिप, सेहत या किसी भी चीज से जुड़ी हुई हो सकती है। ऐसी ही विषम परिस्थितियों में योग की सर्वाधिक जरूरत पड़ती है। तनाव में योग करने से सिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम को राहत मिलती है, जो बेचैनी को कम करती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि नियमित योग करने से तनाव कम होने के साथ ही एकाग्रता भी बढ़ता है।मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान योग को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। हम समय-समय पर जमीनी स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से योग के लाभों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं। आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (आईडीवाई) दुनिया भर में सबसे बड़ा सार्वजनिक स्वास्थ्य आंदोलन बन चुका है। आयुष मंत्रालय, योग के लिए नोडल मंत्रालय होने के नाते सामान्य योग प्रोटोकॉल के साथ तमाम आयोजन बड़ी शिद्दत से कर रहा है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के सफल आयोजन में मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता आ रहा है। अगर आप रोज योग का अभ्यास करते हैं, तो योग जीरो बजट में आपको जिंदगी भर का हेल्थ इंश्योरेंस देने का वादा करता है। जी हां, योग के माध्यम से आप जीरो बजट में बेहतर स्वास्थ्य पा सकते हैं।
फ्रीलांस योगा इंस्ट्रक्टर के रूप में कर सकते हैं काम
योग प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद आप खुद फ्रीलांस योगा इंस्ट्रक्टर के रुप में अपना काम शुरू कर सकते हैं। आप अपने हिसाब से क्लाइंट फिक्स कर सकते हैं, और उन्हें उनके घर या उनके संस्थान में जाकर योगा करवा सकते हैं।
योगा इंस्ट्रक्टर की आमदनी
वैसे तो सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में योगा इंस्ट्रक्टर को मान्य वेतन दिया जाता है, लेकिन जब आपकी फीस पहले से फिक्स नहीं होती तो आप अपने क्षेत्र और ग्राहकों की क्रयशक्ति के आधार पर अपनी फीस तय कर सकते हैं। आमतौर पर अगर आप कम अनुभवी इंस्ट्रक्टर हैं, तो आप प्रतिदिन का 600 रुपए से लेकर 3000 रुपए तक की फीस पा सकते हैं। अगर आप मध्य दर्जे के इंस्ट्रक्टर हैं, तो आपकी मासिक सैलरी 30,000 से 60,000 तक हो सकती है।
योग प्रमाणन बोर्ड (वाईसीबी)
2015 में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की घोषणा के मद्देनजर भारत सरकार ने योग पेशेवरों के प्रमाणन और योग संस्थानों के प्रत्यायन के लिए एक योजना शुरू की। इस योजना के तहत मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के तत्वावधान में मार्च, 2018 में योग प्रमाणन बोर्ड (वाईसीबी) की स्थापना हुई। जून, 2018 से वाईसीबी ने कार्य करना शुरू कर दिया।योग पेशेवरों के प्रमाणन के लिए योग प्रमाणन बोर्ड (वाईसीबी) की स्थापना की गई। योग संस्थानों की मान्यता, प्रशिक्षकों के विभिन्न स्तरों के लिए पाठ्यक्रम निर्धारित करना और योग का प्रचार-प्रसार करना वाईसीबी का मूल उदेश्य है।कुल मिलाकर देखा जाय तो योग एक बेहतरीन, दीर्घकालीन करियर विकल्प है। यह स्वस्थ रहने का एक प्राचीन और प्राकृतिक तरीका है। योग एक व्यायाम, अनुशासन और विज्ञान है जो मन, शरीर और आत्मा में सामंजस्य स्थापित करने में मदद करता है। एक योग प्रशिक्षक न केवल विभिन्न योग मुद्राएं और श्वास तकनीक (प्राणायाम) सिखाता है, बल्कि शाश्वत सद्भाव तक पहुंचने में आपकी सहायता करने के लिए आपके मार्गदर्शक के रूप में भी कार्य करता है। योग सीखकर आप न सिर्फ खुद को फिट रख सकते हैं, बल्कि योग प्रोफेशनल के रुप में पैसा और ख्याति दोनों अर्जित कर सकते हैं।
लेखक: डॉ. ईश्वर वी. बसवरड्डि मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के निदेशक हैं।