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सैलरी नेगोशिएट करने में होती है हिचकिचाहट तो इन बातों का रखें ध्यान, मनचाहा वेतन मिलने में मिलेगी मदद

- मार्केट रिसर्च करने के लिए अगर आप चाहें तो संबंधित अन्य कंपनियों के फ्रेंड्स या सीनियर से भी डिस्क्स कर सकते हैं कि उनके यहां संबंधित पोस्ट पर क्या पैकेज ऑफर किया जा रहा है। इससे भी आपको काफी अंदाजा लग सकता है। कभी खुद अपनी तरफ से पैकेज की मांग न करें। इस वजह से आपको संभव है कि नुकसान उठाना पड़े।

By Nandini Dubey Edited By: Nandini Dubey Updated: Tue, 02 Jan 2024 05:46 PM (IST)
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सैलरी नेगोशिएट करने में होती है हिचकिचाहट तो इन बातों का रखें ध्यान, मनचाहा वेतन मिलने में मिलेगी मदद (Image-freepik)

 करियर डेस्क, नई दिल्ली। इंटरव्यू फेस करना अमूमन हर किसी के लिए थोड़ा टेंशन और नर्वसनेस से भरा ही रहता है। लेकिन साक्षात्कार के बाद, जब बात सैलरी नेगोशिएशन की आती है तो यह भी कम मुश्किल नहीं होता है। अक्सर कैंडिडेट्स के सामने यह सिचुएशन बनती है कि वे एचआर से सैलरी के मामले में अपनी बात नहीं रख पाते हैं या फिर कहें कि वे हिचकिचाहट महसूस करते हैं। इसका नतीजा यह होता है कि कई बार उम्मीदवारों को भुगतना पड़ता है। ऐसे में कैंडिडेट्स की इसी उलझन को सुलझाने के लिए हम कुछ आसान टिप्स लेकर आए हैं, जो उनकी मनचाही ग्रोथ दिलाने में हेल्प कर सकते हैं। आइए समझते हैं।

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- सबसे पहली और अहम बात तो यह है कि आप, जिस भी रोल के लिए अप्लाई कर रहे हैं उससे जुड़ी ए टू जेड जानकारी आपके पास होनी चाहिए। करेंट समय में इस प्रोफाइल के लिए मार्केट में पैकेज है। इसके साथ ही जॉब चेंज करने पर कितने परसेंट हाईक मिल रही है। अगर यह सभी जानकारी आपके पास होगी तो निश्चित तौर पर आप एचआर से अपनी बात को प्रभावी तरीके से रख पाएंगे।

- मार्केट रिसर्च करने के लिए अगर आप चाहें तो संबंधित अन्य कंपनियों के फ्रेंड्स या सीनियर से भी डिस्क्स कर सकते हैं कि उनके यहां संबंधित पोस्ट पर क्या पैकेज ऑफर किया जा रहा है। इससे भी आपको काफी अंदाजा लग सकता है।

- कभी खुद अपनी तरफ से पैकेज की मांग न करें। इस वजह से आपको संभव है कि नुकसान उठाना पड़े, क्योंकि क्या पता कि, जो पैकेज आप कहें एचआर आपको उतना ही या फिर इससे ज्यादा ही ऑफर करें। इसलिए पहले कंपनी की तरफ से प्रपोजल का वेट करें। इसके बाद मार्केट रिसर्च के आधार पर बात करें।

- कभी भी हवा-हवाई बात न करें। एचआर के सामने, जो भी बात करें वो पूरे फैक्ट्स के साथ कहें। इसलिए जरूरी है कि आपका रिसर्च पार्ट बेहतर हो। इससे आप अपनी बात को आंकड़ों के आधार पर रख पाएंगे। 

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