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Azad Vivel Mahila Leadership Program के तहत महिला कम्युनिटी लीडर्स बन रही हैं ‘चैंपियन ऑफ चेंज'

बैंक में लोगों की तकलीफ को देखकर ऋतु ने इसे बदलने की ठानी। इसके लिए उसे उचित प्रशिक्षण की जरूरत थी ताकि लोगों की बैंकिंग से जुड़ी हर तरह की समस्या का समाधान मिल सके। यहां उसके काम आया Azad Vivel Mahila Leadership Program जो आजाद फाउंडेशन के साथ मिलकर पिछले सात सालों से महिलाओं को सशक्त बना रहा है। इन्हें चैंपियन ऑफ चेंज के नाम से जाना जाता है।

By Jagran News Edited By: Amit Yadav Updated: Wed, 13 Nov 2024 07:03 PM (IST)
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Azad Vivel Mahila Leadership Program की डिटेल यहां से करें चेक।
आज हर क्षेत्र में महिलाएं अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रही हैं और दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रही हैं, चाहे वह बिजनेस हो, विज्ञान, एडमिनिस्ट्रेशन, कानून, खेल, या फिल्म। ऐसी प्रतिभा आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं में भी देखने को मिल रही है। यह कहानी है दिल्ली की रहने वाली ऋतु की, जिसने अपने काम से परिवार के साथ-साथ अपने क्षेत्रवासियों का भी दिल जीत लिया है।

कैसे ऋतु बनी अपने क्षेत्र की ‘चैंपियन ऑफ चेंज'

एक बार ऋतु अपनी मां के साथ बैंक गई। मां को बैंक से पैसे निकालने थे और कुछ दस्तावेजों का भी काम था। “मां, जल्दी चलो, बैंक में भीड़ हो जाएगी और वहां काम भी बहुत ज्यादा है।" बैंक पहुंचते ही ऋतु ने जो देखा, वह उसके लिए आंखें खोलने जैसा था। वह तो बैंकिंग के काम में मां की मदद करने गई थी, लेकिन कई लोग बैंकिंग समस्याओं के साथ उसके पास आने लगे। “बेटी, मेरा यह फॉर्म भर दो?", “मैडम, देखना पासबुक में एंट्री हो गई है?", “दीदी, यह चेक कैसे भरा जाएगा?" जब तक वह बैंक में थी, उसके सामने इस तरह की विनती लोग कर रहे थे। वहां कई लोग ऐसे थे, जो बैंकिंग का काम करना तो दूर, अपना हस्ताक्षर भी नहीं कर पा रहे थे। इनमें बुजुर्ग, महिलाएं, मजदूर शामिल थे।

बैंक में लोगों की तकलीफ को देखकर ऋतु ने इसे बदलने की ठानी। इसके लिए उसे उचित प्रशिक्षण की जरूरत थी ताकि लोगों की बैंकिंग से जुड़ी हर तरह की समस्या का समाधान मिल सके। यहां उसके काम आया Azad Vivel Mahila Leadership Program, जो आजाद फाउंडेशन के साथ मिलकर पिछले सात सालों से महिलाओं को सशक्त बना रहा है, जो ‘चैंपियन ऑफ चेंज' के नाम से जानी जाती हैं। इस प्रोग्राम के माध्यम से ऋतु ने न केवल बैंकिंग का प्रशिक्षण लिया, बल्कि स्कूल में दाखिला लेने की प्रक्रिया, आधार कार्ड बनवाने का तरीका, और बुजुर्गों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का काम भी सीखा। इस तरह ऋतु अपनी शिक्षा, समझ, और ट्रेनिंग से अपने क्षेत्रवासियों की मदद करने लगी और आर्थिक रूप से स्वतंत्र भी हो रही हैं।

क्या है Azad Vivel Mahila Leadership Program

यह एक सामाजिक कार्यक्रम है, जिसके माध्यम से युवा महिलाओं को अलग-अलग क्षेत्रों जैसे बैंकिंग, टीचिंग, महिला अधिकार, स्वास्थ्य और वेलनेस, और अन्य सामाजिक कार्यों में लीडरशिप ट्रेनिंग दी जाती है। ट्रेनिंग के बाद ये महिलाएं अपनी कम्युनिटी की उभरती हुई आवाज बनती हैं।

महिला लीडर्स में लक्ष्य को प्राप्त करने की क्षमता विकसित हुई

ऋतु की तरह कई महिलाएं Azad Vivel Mahila Leadership Program से जुड़ रही हैं और खुद को निखार रही हैं, साथ ही आर्थिक रूप से सशक्त बन रही हैं। इस कार्यक्रम के जरिए 400 से अधिक महिलाओं को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाया गया है, जिन्होंने अपने काम से 40,000 से अधिक जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम का फायदा यह हुआ कि इससे युवा महिला लीडर्स में लक्ष्य प्राप्त करने की क्षमता विकसित हुई है और वे अधिक कुशलता से अपनी बात कहने लगी हैं। हालांकि, अभी भी खासकर जमीनी स्तर पर महिलाओं के सशक्तिकरण पर बहुत काम करना बाकी है, क्योंकि इस आधी आबादी में योग्यता की कोई कमी नहीं है। बस जरूरत है उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने की और उन्हें सही मौका और प्रशिक्षण देने की।

महिलाओं पर लगाई गई सामाजिक बंदिशों को तोड़ें

ऋतु को यह काम करने में ज्यादा परेशानियां नहीं आईं क्योंकि वह शिक्षित और आत्मविश्वास से भरी हुई लड़की है और उसके परिवार ने भी उसका साथ दिया है। लेकिन, क्या ऋतु की तरह बाकी लड़कियां ऐसा कर पाती हैं? उसके पड़ोस में रहने वाली उसकी दोस्त सोनम घर से बाहर निकलने में घबराती है और अपने सपनों को पंख नहीं दे पाती। हालांकि, ऋतु के काम को देखकर उसे हौसला जरूर मिलता है। उसने ऋतु से Azad Vivel Mahila Leadership Program के संबंध में जानकारी ली। “यार, वो सब तो ठीक है, क्या मैं यह काम करके अपनी अलग पहचान बना पाऊंगी? क्या मैं आत्मनिर्भर बन पाऊंगी?"

महिलाओं के प्रति अब लोगों की सोच तेजी से बदल रही है। माता-पिता अपनी बेटियों को सपोर्ट कर रही हैं, ताकि वे अपने जीवन में खड़ी हो सकें और समाज में सम्मान पा सकें। महिला लीडरशिप प्रोग्राम न केवल ज्ञान के साथ महिलाओं को आगे बढ़ने का मौका दे रहा है, बल्कि लड़कियों पर लगाई गई सामाजिक बंदिशों को तोड़ने का काम कर रहा है, जिससे परिवार में बेटियों के सपने पूरे होते देख माता-पिता खुश दिखाई दे रहे हैं।

आजाद फाउंडेशन के साथ मिलकर Azad Vivel Mahila Leadership Program कैसे महिला कम्युनिटी लीडर्स को आत्मनिर्भर बना रहा है ? देखें ये वीडियो

“महिला लीडरशिप प्रोग्राम सामुदायिक विकास के लिए एक परिवर्तनकारी दृष्टिकोण है। यह उन महिलाओं की क्षमता और नेतृत्व को दिखाता है जो सामाजिक बदलाव को आगे बढ़ा रही हैं। बाधाओं को तोड़ने और उम्मीद जगाने की अपनी प्रतिबद्धता के साथ, ये महिला लीडर्स सराहना की हकदार हैं।” - स्मिता भारती, कार्यकारी निदेशक, साक्षी-ए राइट आधारित NGO

महिलाओं की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए समाज में हर स्तर पर काम करना होगा, और यदि इसकी शुरुआत ऋतु जैसी महत्वाकांक्षी महिला से की जाए तो इसका अधिक प्रभाव होगा। इससे समाज में सेवा का भाव उत्पन्न होगा, जिससे सामाजिक बदलाव तेजी से आएगा और एक समतापूर्ण व समृद्ध समाज का निर्माण होगा।

Note:- यह आर्टिकल ब्रांड डेस्क द्वारा लिखा गया है।