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UPSC IAS 2023: यूपीएससी सिविल सेवा प्रीलिम्स परीक्षा की कैसे करें तैयारी, टॉपर से जानिए

प्रारंभिक परीक्षा में बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाते हैं। एक ही दिन में दो पालियों में संपन्न होनेवाली इस परीक्षा में एक-तिहाई निगेटिव मार्किंग होती है यानी तीन प्रश्नों के गलत उत्तर देने पर एक प्रश्न के बराबर अंक काट लिये जाते हैं।

By Nandini DubeyEdited By: Nandini DubeyUpdated: Wed, 01 Mar 2023 05:23 PM (IST)
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UPSC IAS 2023: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा प्रीलिम्स परीक्षा के दौरान ध्यान रखें ये बातें।
निशान्त जैन, आइएएस। सिविल सेवा परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों में जहां काफी उत्साह होता है, वहीं तैयारी को लेकर उनमें काफी दुविधा भी होती है। इसे देखते हुए यह नया स्तंभ आरंभ किया गया है, जिसमें सही दिशा में तैयारी के लिए मार्गदर्शन कर रहे हैं हिंदी माध्यम के टापर रहे आइएएस निशान्त जैन...

जैसा कि आप जानते हैं, संघ और राज्य लोक सेवा आयोगों की सिविल सेवा परीक्षाओं में प्रारंभिक परीक्षा ही सफलता की पहली सीढ़ी है। चूंकि प्रीलिम्स परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद ही आप मुख्य परीक्षा देने के लिए दावेदार बनते हैं, अतः प्रीलिम्स उत्तीर्ण करना इस प्रतिष्ठित परीक्षा में आगे बढ़ने की पहली शर्त है।

मेरी समझ में, यह चरण परीक्षा का सबसे कठिन और असंभावित एवं अप्रत्याशित चरण है यानी इस चरण में अटकल लगाना सबसे मुश्किल होता है। न तो यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि सामान्य अध्ययन के किस खंड से ज्यादा प्रश्न पूछे जाने की संभावना है और ना ही यह कि सुरक्षित कट आफ स्कोर क्या होगा, जिसके आसपास उत्तीर्ण होने की उम्मीद की जा सके। यह चरण कठिन इसलिए नहीं है कि इसकी तैयारी मुश्किल है बल्कि कठिन इसलिए है क्योंकि इस चरण में प्रतिस्पर्धा सबसे अधिक है।

योजना और पाठ्यक्रम : आप जानते ही हैं कि प्रारंभिक परीक्षा में बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाते हैं। एक ही दिन में दो पालियों में संपन्न होनेवाली इस परीक्षा में एक-तिहाई निगेटिव मार्किंग होती है यानी तीन प्रश्नों के गलत उत्तर देने पर एक प्रश्न के बराबर अंक काट लिये जाते हैं। पहला प्रश्नपत्र सामान्य अध्ययन (जीएस) का होता है, जिसमें कुल 200 अंकों के 100 प्रश्न होते हैं। दूसरा प्रश्नपत्र ‘सीसैट’ के नाम से जाना जाता है, जिसमें 200 अंकों के 80 प्रश्न पूछे जाते हैं। वर्ष 2015 से दूसरे पेपर के अंक प्रारंभिक परीक्षा की मेरिट में नहीं जुड़ते और इसे क्वालिफाई करना पर्याप्त है।

कैसे करें समग्रता में तैयारी

​•​समझते हुए चीजों को याद करें। केवल रटने से बात नहीं बनेगी। यह भी ध्यान रहे, कुछ चीजें ज्यों-की-त्यों भी याद करनी पड़ती हैं, जैसे-अनुच्छेद 14 से 32 तक क्रम से मूल अधिकार।

​•​यद्यपि सीखने की आदत यानी एक अच्छा लर्नर होना हमेशा और हर मोड़ पर मदद करता है, पर प्रारंभिक परीक्षा में यह प्रवृत्ति विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। जहां से जो सीखने या जानने को मिले, उसे सीखते रहें। उदाहरण के तौर पर, मेट्रो ट्रेन या एफएम रेडियो पर आनेवाली सरकारी योजनाओं और जागरूकता संबंधी विज्ञापन भी कई बार बहुविकल्पीय प्रश्नों में काम आ जाते हैं। इसी तरह इंडिया ईयरबुक, योजना, पीआइबी, आकाशवाणी आदि की खबरों के प्रति भी जागरूक रहें। कुल मिलाकर आंख-कान खुले रखें। वैविध्यपूर्ण अध्ययन और जागरूकता इस चरण में बहुत काम आती है। जीएस के किसी एक खंड की तैयारी किसी दूसरे खंड में भी काम आ सकती है।

​•​प्रारंभिक परीक्षा के पाठ्यक्रम के पहले पेपर में ज्यादातर खंड ऐसे हैं, जो मुख्य परीक्षा में भी काम आते हैं, जैसे-करेंट अफेयर्स, इतिहास और स्वतंत्रता आंदोलन, भारत और विश्व का भूगोल, भारतीय राजव्यवस्था और संविधान, आर्थिक विकास और पर्यावरण। अतः इन खंडों पर ज्यादा फोकस करें, क्योंकि ये सिविल सेवा परीक्षा के सभी चरणों में काम आते हैं।

​•​सामान्य अध्ययन के सभी खंडों से संबंधित नवीन समसामयिक घटनाओं पर विशेष ध्यान दें, जैसे-सामान्य विज्ञान वाले खंड में समसामयिक उपलब्धियों और प्रौद्योगिकीय विकास पर ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए। इसी तरह हालिया विधेयक, संविधान संशोधन, अध्यादेश, मौद्रिक नीति, बैंकिंग सुधार, जलवायु परिवर्तन वार्ताओं का प्रभाव, संकटग्रस्त प्रजातियां, किसी नए भौगोलिक या सांस्कृतिक उत्खनन की खबर, अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के सम्मेलन और निर्णय आदि पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।

​•​यह अनुमान लगाना नामुमकिन ही है कि सामान्य अध्ययन के किस खंड से ज्यादा प्रश्न आएंगे। कभी राजव्यवस्था और स्वतंत्रता आंदोलन से ज्यादा प्रश्न आ जाते हैं तो कभी भूगोल और पर्यावरण से, इसलिए बेहतर होगा कि जीएस के सभी खंडों की तैयारी अच्छे से करें।

​•​प्रारंभिक परीक्षा की संपूर्ण तैयारी करेंट अफेयर्स तक सीमित नहीं रखी जा सकती। पिछले वर्षों में अधिकतर यह ट्रेंड रहा है कि प्रारंभिक परीक्षा के ‘पेपर एक’ में जीएस के विविध खंडों की आधारभूत समझ पर सवाल पूछे जाते रहे हैं। इसके लिए छठी कक्षा से बारहवीं कक्षा तक की एनसीईआरटी की सामाजिक विज्ञान की किताबें पढ़नी चाहिए।

​•​करेंट अफेयर्स में जो कुछ भी पढ़ें, उसका बुनियादी ज्ञान प्राप्त करें, क्योंकि अक्सर प्रीलिम्स में करेंट अफेयर्स के सवाल सीधे न पूछकर सामान्य अध्ययन की ट्रेडिशनल जानकारी से जोड़कर पूछे जाते हैं। इस तरह आप आधारभूत पारंपरिक ज्ञान और समसामयिक घटनाक्रम को कनेक्ट करके प्रारंभिक परीक्षा की समग्र तैयारी कर सकते हैं।

( लेखक 2015 बैच के आइएएस अधिकारी हैं, जो सिविल सेवा परीक्षा में हिंदी माध्यम से टापर रहे हैं)