Jharkhand: नेटवर्क मार्केटिंग की तर्ज पर खेल रहीं मिशनरियां, हो रहा अवैध चर्च निर्माण और आदिवासियों का मतांतरण
रांची के अनगड़ा प्रखंड के गांवों में मिशनरियां लोगों को बरगला कर ईसाई बनाने का जबरदस्त खेल चला रही हैं। इसे तहत चल रहा गरीब आदिवासियों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्हें तरह-तरह के प्रलोभन दिए जाते हैं। इन सबके झांसे में आकर लोग अपना धर्म बदल लेते हैं।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Mon, 05 Dec 2022 01:54 PM (IST)
संजय कुमार, रांची। झारखंड के सुदूर ग्रामीण व आदिवासी इलाकों में ईसाई मिशनरियों (Christian missionaries) द्वारा लोगों को तरह-तरह के प्रलोभन देकर अवैध मतांतरण का खेल जारी है। रांची से सटे अनगड़ा प्रखंड (Angada Block) के बैजनाथटाटा गांव (Baijnathatta Village) में इसी पखवारे हिंदू संगठन के कुछ लोगों ने एक पादरी पर ग्रामीणों का अवैध मतांतरण कराने का आरोप लगाते हुए काफी हंगामा किया था। बैजनाथटाटा समेत अनगड़ा प्रखंड के कई गांवों में मिशनरियों ने जमकर अवैध मतांतरण (Illegal Conversion to christianity) कराया है। यहां दर्जनों हिंदू परिवार अब तक मतांतरित हो चुके हैं। इनमें मसरीजरा, बाहया, जराटोली, महुआटोली, चंदराटोली, बीसा, टाटीसिंगारी आदि गांवों में यह स्पष्ट तौर पर दिखता है।
आपदा की घड़ी को पास्टरों ने अवसर में बदला
कोरोना (Corona virus) के समय लाकडाउन (Lockdown) का फायदा उठाकर भी अवैध मतांतरण कराया गया। इस विपदा की घड़ी को पास्टरों ने मतांतरण के अवसर के रूप में इस्तेमाल किया। इन गांवों में मतांतरण लोगों को चमत्कार से बीमारी ठीक करने, सारे दुख दूर हो जाने, बच्चों की पढ़ाई की मुफ्त में व्यवस्था करवाने, रुपये तथा रोजगार उपलब्ध कराने के नाम पर चल रहा है।
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गरीबों को दिया जा रहा पैसों का लालच
जनजातीय सुरक्षा मंच के केंद्रीय टोली सदस्य मेघा उरांव बताते हैं कि मिशनरियों ने सुनियोजित और संगठित तरीके से नेटवर्क मार्केटिंग की तर्ज पर अवैध मतांतरण के खेल को आगे बढ़ाया है। इसके लिए बाकायदा स्टाफ रखे जाते हैं और उन्हें वेतन व इंसेटिव (Insentive) दिया जाता है। जिनका धर्म परिवर्तन कराया जाता है उन्हें भी पैसों का लोभ-लालच दिया जाता है।
गरीबों को एकमुश्त हजारों रुपये मिल जाते हैं तो वे न चाहते हुए भी मतांतरण के चंगुल में फंस जाते हैं। ऐसे लोग आसान शिकार होते हैं, जो गरीब व अशिक्षित हैं, अंधविश्वास के बीच जीते हैं तथा इनकी बातों में आ जाते हैं। बीमार लोगों को भी दुख-दर्द दूर करने का छलावा देकर मतांतरण के लिए तैयार कराना आसान होता है।
ब्रेन वॉश कर लोगों का कराया जा रहा मतांतरण
मतांतरण कराने में जुटे लोग ग्रामीणों से संपर्क बढ़ाने के क्रम में उन्हें तरह-तरह से मदद कर और रुपये-पैसे का लालच देकर उनके बीच पैठ बनाते हैं। पास्टर ग्रामीणों के बीच चावल व अन्य अनाज भी बांटते हैं। इसी क्रम में उन्हें प्रार्थना करने चर्च आने के लिए तैयार कर लिया जाता है। फिर लगातार ब्रेन वाश कर मतांतरण करा दिया जाता है।
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