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78th Independence Day: स्वतंत्रता आंदोलन को लेकर फ्रीडम फाइटर्स के 10 ऐसे नारे, जिन्होंने भारत की आजादी की रखी नींव

हमारे देश को आजाद करवाने में बहुत से महापुरुषों और क्रांतिकारियों ने अतुलनीय योगदान दिया है। इनके कुछ नारे देश में इतने ज्यादा प्रसारित हुए कि देश के हर एक व्यक्ति में आजादी को लेकर अलख जगी जिसका नतीजा ये हुआ कि हम इस वर्ष देश का 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं। इन फ्रीडम फाइटर्स के कुछ प्रमुख नारे आप यहां से पढ़ सकते हैं।

By Amit Yadav Edited By: Amit Yadav Updated: Tue, 13 Aug 2024 02:56 PM (IST)
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78th Independence Day: देश के फ्रीडम फाइटर्स के प्रमुख नारे। (Image-freepik)
एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। देशभर में स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) की तैयारियां हो रही हैं। प्रतिवर्ष इस त्यौहार को देशभर में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। आपको बता दें कि देश इस वर्ष अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। प्रतिवर्ष इस दिन को किसी विशेष थीम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। इसी कड़ी में इस वर्ष 78th Independence Day की थीम 'विकसित भारत' (Developed India) तय की गई है।

आजादी की नींव रखने वाले 10 प्रमुख नारे

देश की आजादी के लिए हमारे फ्रीडम फाइटर्स ने कुछ बेहतरीन नारे दिए जिन्होंने हमारे देश के हर एक भारतीय के दिल में आजादी के आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। हम आज यहां कुछ ही कुछ प्रमुख नारों के बारे में बता रहे हैं। इन नारों ने देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

नारा फ्रीडम फाइटर
स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा बाल गंगाधर तिलक
इंकलाब जिंदाबाद भगत सिंह
तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा नेताजी सुभाष चंद्र बोस
साइमन गो बैक लाला लाजपत राय
करो या मरो महात्मा गांधी
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजू-ए-कातिल में है रामप्रसाद बिस्मिल
दुश्मन की गोलियों का सामना करेंगे, आजाद थे और आजाद ही रहेंगे चंद्रशेखर आजाद
सत्यमेव जयते पंडित मदन मोहन मालवीय
स्वतंत्रता प्रत्येक राष्ट्र का जन्मसिद्ध अधिकार है एनी बेसेंट
विनम्रता के बिना ज्ञान बेकार है पंडित मदन मोहन मालवीय

(Image-freepik)

इन सभी महापुरुषों/ क्रांतिकारियों में हमारे देश के समाज/ आजादी के लिए अतुलनीय योगदान दिया है। इन सबके द्वारा किये गए कार्यों से हमारे देश के नौजवानों में आजादी की अलख जगी, जिसका नतीजा ये हुआ कि हम आज आजाद भारत में सांस ले रहे हैं।

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