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Apprenticeship: नॉन-टेक्निकल छात्रों को भी अब मिलेगा अप्रेंटिसशिप का मौका

शिक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम के एक नए चरण की शुरुआत की है। जिसमें स्नातक करने वाले छात्रों को अप्रेंटिसशिप के दौरान हर महीने न्यूनतम नौ हजार और डिप्लोमा करने वाले छात्रों को हर महीने न्यूनतम आठ हजार रुपए मुहैया कराए जाएंगे। अब बीए बीएससी और बीकाम जैसी नॉन-टेक्निकल पढ़ाई करने वाले छात्रों को भी अब रोजगार के लिए भटकना नहीं होगा।

By Amit Yadav Edited By: Amit Yadav Updated: Tue, 30 Jul 2024 11:54 PM (IST)
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Apprenticeship: नॉन-टेक्निकल छात्रों को भी मिलेगा अप्रेंटिस का मौका।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बीए, बीएससी और बीकाम जैसी नॉन-टेक्निकल पढ़ाई करने वाले छात्रों को भी अब रोजगार के लिए भटकना नहीं होगा। टेक्निकल छात्रों की तरह उन्हें भी अप्रेंटिसशिप का मौका मिलेगा। जिसके बाद उन्हें आसानी से रोजगार के अवसर मिल सकेंगे। हालांकि इसके लिए उन्हें पढ़ाई पूरी करते ही रोजगार से जुड़े क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया जाएगा।

इसके बाद वह अप्रेंटिसशिप या फिर सीधे नौकरी हासिल कर सकेंगे। इस पहल में देश से हर साल उच्च शिक्षा हासिल करके निकलने वाले करीब एक करोड़ छात्रों पर फोकस किया गया है। मौजूदा समय में देश में उच्च शिक्षा से करीब 4.33 करोड़ छात्र जुड़े है।

शिक्षा मंत्रालय ने ट्रेनिंग स्कीम के नए चरण के लिए की शुरुआत

शिक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम के एक नए चरण की शुरुआत की है। जिसमें स्नातक करने वाले छात्रों को अप्रेंटिसशिप के दौरान हर महीने न्यूनतम नौ हजार और डिप्लोमा करने वाले छात्रों को हर महीने न्यूनतम आठ हजार रुपए मुहैया कराए जाएंगे। इसकी आधी राशि शिक्षा मंत्रालय देगा, वहीं बाकी राशि अप्रेंटिसशिप कराने वाली कंपनी देगी।

मंत्रालय के मुताबिक इसके तहत इस साल करीब 2.66 लाख छात्रों को अप्रेंटिसशिप कराई जा रही है। जिसकी अवधि छह महीने से डेढ़ साल तक की है। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने युवाओं को रोजगार से जोड़ने की इस नई पहल की शुरूआत करने के साथ इस छात्रों के अप्रेंटिसशिप की पहली किस्त भी जारी की है। इसके तहत अगले सौ दिन में 100 करोड़ रुपए देने का भी ऐलान किया। उन्होंने कहा कि डिग्री की तरह युवाओं के लिए स्कि¨लग को भी महत्वपूर्ण बनाया जाए।

गौरतलब है कि नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम के तहत अभी तक सिर्फ टेक्निकल यानी बीई, बीटेक या फिर पालीटेक्निक करने वाले छात्रों को ही अप्रेंटिसशिप मुहैया कराई जाती थी। मंत्रालय के मुताबिक अप्रेंटिसशिप व इंटर्नशिप में काफी समानता है लेकिन इनमें एक मुख्य अंतर यह है कि अप्रेंटिसशिप उन क्षेत्र में छात्रों के अनुभव में जुड़ती है जबकि इंटर्नशिप अनुभव में नहीं जुड़ती है।

गांव तक पहुंचेगी मुहिम, सीएससी के जरिए मिलेगा प्रशिक्षण

बीए,बीएससी या बीकाम की पढ़ाई करने वाले गांवों के युवाओं को भी इस मुहिम से जोड़ने की बड़ी पहल की गई है। इसके तहत मंत्रालय ने कामन सर्विस सेंटर (सीएससी) के साथ ही एक करार किया है। जिसके जरिए इन सभी छात्रों को पढ़ाई के बाद रोजगार मुहैया कराने वाले क्षेत्रों की जरूरत को ध्यान में रखकर एक महीने से लेकर छह महीने तक के कोर्स कराए जाएंगे। जिसके बाद उन्हें उन क्षेत्रों में रोजगार हासिल करने में सहूलियत होगी। देश में मौजूदा समय में करीब पांच लाख सीएससी है।

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